कोटा. मेडिकल प्रवेश की तैयारी कर रहे छात्र नवनीश नायडू (16) ने शनिवार देर रात पंखे से (Student Suicide Case in Kota) लटककर आत्महत्या कर ली थी. इसमें काफी अहम खुलासे उनके परिवार ने किए हैं. इस मामले में सामने आ रहा है कि छात्र फ्री फायर गेम खेलने का लती था. इसी लत के चलते वह मेडिकल एंट्रेंस की पढ़ाई में पिछड़ रहा था जिससे काफी तनाव में रह रहा था. यह भी बात सामने आई है कि नवनीश ने फंदे पर लटकने के पहले चूहे मारने की दवा भी खाई थी जिसे उसने ऑनलाइन ही मंगवाई थी.
जवाहर नगर थाना पुलिस के एएसआई ओमप्रकाश का कहना है कि मृत छात्र नवनीश गांव कोतापल्ली नेल्लोर आंध्र प्रदेश निवासी है. उसके पिता पौलुनेनी अंडमान निकोबार पुलिस में कार्यरत हैं. वह महावीर नगर प्रथम के हॉस्टल में रहता था. छात्र मोबाइल का ज्यादा शौक रखता था. मोबाइल में यह फ्री फायर गेम (medical aspirant used to play Free Fire Game) खेला करता था. इस कारण पढ़ाई में भी पिछड़ रहा था. तनाव में रहने के कारण उसने पहले चूहे मारने की दवा खाई उसके बाद फंदे से लटककर जान दे दी. उसके परिजन आ चुके हैं. उनसे रिपोर्ट ले ली गई है. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा. पुलिस ने बताया कि इस मामले में जहर की गोलियां कैसे मंगाई गई हैं उसकी पूरी जांच की जाएगी. हालांकि चूहे मारने वाले जहर की गोलियां ऑनलाइन खरीदने की बात सामने आ रही है.
औसत नम्बर आ रहे थे नंबर नवनीश के
पिता पौलुनेनी श्रीनिवासन ने बताया कि पढ़ाई में नवनीश एवरेज से बेहतर स्टूडेंट था. उसके टेस्ट में 720 में से 500 से ज्यादा नंबर आ रहे थे. मेहनत करने पर काफी अच्छे नंबर ला सकता था. पिता ने यह भी बताया कि कुछ साथियों और हॉस्टल संचालक ने पौलुनेनी श्रीनिवासन से कहा था कि नवनीश का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है, उसे वापस ले जाइए. श्रीनिवासन ने बताया कि वह अंडमान निकोबार पुलिस में कार्यरत हैं. उन्होंने अपने डिपार्टमेंट में छुट्टी के लिए अर्जी दाखिल कर दी थी, लेकिन अवकाश नहीं मिल पाया था. इसीलिए आने में देरी हो गई. बताया कि 13 जुलाई का टिकट करवाया हुआ था ताकि कोटा आकर नवनीश को समझाते.
ऑफलाइन क्लास से गायब रहता था नवनीश
पिता ने बताया कि उन्हें पता चला था कि बेटा ऑफलाइन क्लास में नहीं जा रहा है. ऐसे में उन्होंने एब्सेंट रिपोर्ट आने पर कोचिंग संस्थान में भी बात की थी. नवनीत से भी बात की थी जिसमें उसने बताया पूछा था कि उसे क्लास में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है या फिर रूम पर ही रह कर पढ़ना चाहता है? उससे क्लास में पहुंचने के बाद फोटो भेजने के लिए भी कहा था, लेकिन वह नहीं भेज रहा था. कोचिंग संस्थान से भी नवनीश को मोटिवेट करने के लिए कहा था.
निगरानी के लिए कमरे में लगा था 360 डिग्री का कैमरा
पिता पौलुनेनी श्रीनिवासन ने बताया कि फ्री फायर गेम खेलता था ये बात उनके नॉलेज में भी आई थी, लेकिन मैंने उसको काफी समझाया था. उसे बोला था कि घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे इस तरह के गेम्स नहीं खेलने चाहिए बल्कि पढ़ना चाहिए. पिता ने यह भी बताया कि उस पर निगरानी रखने के लिए कमरे में 360 डिग्री का कैमरा लगाया हुआ था इससे नाराज होकर उसने एक बार कैमरे के तार काट दिए थे. हॉस्टल संचालक से कहकर उसे फिर दुरुस्त करवाया गया था. इसके बाद फिर उसने कैमरे को खराब कर दिया था. उसके पिता का कहना है कि उनका बेटा दोबारा से फ्री फायर गेम खेलने लग गया था. इस संबंध में उसका एक साथी उसे बार-बार फ्री फायर गेम खेलने के लिए उकसाता था. ऐसा उसके मोबाइल में आए मैसेज के जरिए पता चला है.