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कोटा में मकर संक्राति की धूम, सतरंगी पंतगों से सजा आसामान

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Published : Jan 14, 2020, 5:21 PM IST

प्रदेश भर में मकर संक्राति की धूम है. कोटा में भी लोग छतों पर डीजे साउंड लगाकर पतंगबाजी करते नजर आए. इस दौरान पूरा आसमान पतंगों से सतरंगी नजर आया.

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कोटा में मना मकर संक्राति

कोटा. देशभर में मकर संक्राति धूम-धाम से मनाया जा रहा है. कोटा में भी मकर संक्रांति पर खूब दान पुण्य हुए. लोगो ने पतंगों का भी खूब आंनद लिया. परिवार और दोस्तों के साथ हर कोई मकानों की छतों पर पतंग उड़ाने में मशगूल दिखा.

कोटा में मना मकर संक्राति

इस अवसर पर लोगों ने कहा कि मकर संक्रांति पर्व पर तिल के लड्डू और दान पुण्य के पश्चात छतों पर दोस्तों और परिवारवालों के साथ पतंगबाजी करने का एक अलग ही आनंद आता है. इसमें एकता दिखाई देती है.

यह भी पढे़ं- सिटी पैलेस में सैलानियों ने भी लिया पतंगबाजी का लुत्फ, चखा दाल की पकौड़ियों का स्वाद

आसमान में विचरण करने वाले बेजुबान पंछियों के लिए महिलाओ का कहना है कि वैसे ही पक्षियों की कई प्रकार की प्रजाति लुप्त होती जा रही है. इसके लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए कि भारत में निर्मित धागों का उपयोग में लेना चाहिए. महिलाओं ने कहा कि कम से कम सुबह और शाम को पतंगबाजी नही करनी चाहिए, जिससे इनकी जान बची रहे.

कोटा. देशभर में मकर संक्राति धूम-धाम से मनाया जा रहा है. कोटा में भी मकर संक्रांति पर खूब दान पुण्य हुए. लोगो ने पतंगों का भी खूब आंनद लिया. परिवार और दोस्तों के साथ हर कोई मकानों की छतों पर पतंग उड़ाने में मशगूल दिखा.

कोटा में मना मकर संक्राति

इस अवसर पर लोगों ने कहा कि मकर संक्रांति पर्व पर तिल के लड्डू और दान पुण्य के पश्चात छतों पर दोस्तों और परिवारवालों के साथ पतंगबाजी करने का एक अलग ही आनंद आता है. इसमें एकता दिखाई देती है.

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आसमान में विचरण करने वाले बेजुबान पंछियों के लिए महिलाओ का कहना है कि वैसे ही पक्षियों की कई प्रकार की प्रजाति लुप्त होती जा रही है. इसके लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए कि भारत में निर्मित धागों का उपयोग में लेना चाहिए. महिलाओं ने कहा कि कम से कम सुबह और शाम को पतंगबाजी नही करनी चाहिए, जिससे इनकी जान बची रहे.

Intro:शहर में मकर संक्रांति पर्व हर्सोउल्लास से मनाया

पतंगों से आसमान सतरंगी रंगों में रंगा
हर कोई कहता रहा "वो काटा ये काटा"

कोटा शहर भर में मकर संक्रांति पर्व पर खूब हुए दान पुण्य ओर लोग छतों पर डीजे साउंड लगगकर पतंगबाजी करते नजर आए हर छत से ये ही आवाज आती रही वो काटा, ये काटा।पूरा आसमान पतंगों से सतरंगी हो गया।जंहा देखो वही पतंग की ओर नजर उठाये हुए थे।

Body:कोटा जिले भर में मकर संक्रांति पर खूब दान पुण्य हुए और वही लोगो ने पतंगों का भी खूब आंनद लिया।परिवार इष्टमित्रों संग हर कोई मकानों की छतों पर पतंग उड़ाने में मशगूल दिख रहा था।बच्चे बड़े महिलाये सभी पतंगों को उड़ाने में लगा हुआ था।
इस अवसर पर लोगो ने कहा कि मकर संक्रांति पर्व पर तिल के लड्डू व दान पुण्य के पश्चात छतों पर इष्टमित्रों ओर परिजनों के साथ पतंगबाजी करने का एक अलग ही आनंद आता है।इसमे एकता दिखाई देती है।
आसमान में विचरण करने वाले बेजुबान पंछियों के लिए महिलाओ का कहना है कि वैसे ही पक्षियों की कई प्रकार की प्रजाति लुप्त होती जा रही है।इसके लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए कि भारत में निर्मित धागों का उपयोग में लेना चाहिए।वही महिलाओ ने कहा कि कम से कम सुबह और शाम को पतंगबाजी नही करनी चाहिए जिससे इनकी जान बची रहे।

Conclusion:मकर संक्रांति पर्व पर छुट्टी होने से लोग सुबह से शाम तक छतों पर डटे रहे और डीजे बजाकर ये काटा वो काटा कहते रहे।छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग भी पतंगों का आनंद लेते रहे।
बाईट-चिली सिंह, स्थानीय महिला
बाईट-रामकुमार शर्मा, स्थानीय वासी
बाईट-रीना खण्डेलवाल, स्थानीय महिला
बाईट-स्वेता शर्मा, स्थानीय महिला
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