कोटा. कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में काम धंधे बंद होने से मजदूरों को रहने और खाने-पीने की समस्या सताने लगी. ऐसे में सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े. सिर पर पूरी गृहस्थी का सामान, कंधे पर बच्चों को लिए हजारों किलोमीटर पैदल चलना इनकी मजबूरी बनी हुई है.
ऐसे ही कई मजदूर गुजरात से जबलपुर अपने घरों की ओर जाते हुए कोटा शहर से गुजरे. वहीं भीषण गर्मी के कारण उनके पैरों में छाले तक पड़ गए. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर सख्त निर्देश दिए थे कि मजदूर पैदल जाते दिखे तो उपखण्ड अधिकारी जिम्मेदार होंगे. लेकिन साहब लोग चैन की नींद सो रहे और मजदूर मजबूरी में पैदल जा रहे हैं.
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मजदूर रामगोपाल ने बताया कि गुजरात में काम धंधे बंद हो गए. भूखे मरने लगे तो पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े. रास्ते में कोई साधन नहीं मिला, इस पर पैदल ही चल रहे हैं. उसने बताया कि आठ किलोमीटर तक चल पा रहे हैं. थकने के बाद जंहा ठौर मिलती वहीं रुक जाते हैं. उसका कहना है कि भूख से मरने से तो अच्छा है घर जाकर ही मरें और परिवार के साथ तो हैं.
मजदूर हरचंद ने बताया कि गुजरात से निकले चार से पांच दिन हो गए. गर्मी में पैदल चलने से पैरों में छाले तक पड़ गए. उसने बताया कि कोई साधन नहीं मिलने के कारण पैदल ही जाना पड़ रहा है. हालांकि मजदूरों को झालावाड़ रोड़ नाके पर पानी व खाना खिलाया. बाद में मीडिया कर्मियों के कहने पर एक ट्रक को रुकवाकर झालावाड़ तक उनको भेजने की व्यवस्था की.