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कोरोना संकट: कोटा स्टोन व्यापार पर मंदी की मार , दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी - Ramganjmandi News

विश्व विख्यात कोटा स्टोन कोरोना के दंश से मंदी की मार झेलता नजर आ रहा है. कोटा स्टोन व्यापार से क्षेत्र के हजारों मजदूर और व्यापारी जुड़े हुए हैं, ऐसे में अब उनके रोजी-रोटी पर भी संकट आ गया है. बता दें कि कोटा स्टोन व्यापारी सरकार से कोटा स्टोन के लिए आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं.

कोटा स्टोन व्यापार, Kota Stone Business News, Corona epidemic,  Lockdown effect
कोटा स्टोन पर लॉकडाउन का असर
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Published : May 28, 2020, 12:42 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). विश्व विख्यात कोटा स्टोन कोरोना के दंश से मंदी की मार झेलता नजर आ रहा है. वहीं, कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से पिछले 2 महीनों में 50 से अधिक कोटा स्टोन खादानें औक इससे जुड़ी 1800 स्टोन फिनिशिंग इकाइयों के पहिए थम गए थे. सरकार ने लॉकडाउन में स्टोन को छूट देकर शुरू तो कर दिया, लेकिन स्टोन का व्यापार अभी तक 50 प्रतिशत भी पटरी पर नहीं आया है.

कोटा स्टोन पर लॉकडाउन का असर

कोटा स्टोन व्यापार में मंदी को देखते हुए कई खादानें और कोटा स्टोन इकाइयां शुरू होने का नाम नहीं ले रही है. इसका कारण यह है कि देश-विदेश के कई राज्यों में जाने वाला कोटा स्टोन का ट्रांसपोर्ट नहीं हो पा रहा है. बता दें कि इस व्यापार से क्षेत्र के हजारों मजदूर और व्यापारी जुड़े हैं, ऐसे में अब उनके रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कोटा स्टोन व्यापारी सरकार से कोटा स्टोन के लिए आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं.

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कोटा स्टोन व्यापार

पढ़ें- स्पेशलः बीड़ी उद्योग की टूटी कमर, राजस्थान में 90 हजार लोगों पर रोजी रोटी का संकट

जानकारी के अनुसार कोटा स्टोन इकाइयों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर अपने गांव पलायन कर चुके हैं, इसलिए भी इकाइयों में चलने वाली मशीनों के पहिए थम गए है. वहीं, कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में कोटा स्टोन से बाहर ट्रांसपोर्ट नहीं हो रहा है, जिसके कारण क्षेत्र के हजारों लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले दिहाड़ी मजदूरों पर मजदूरी संकट गहराया है.

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मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट

5 सालों से मंदी की मार झेल रहा कोटा स्टोन व्यापार

  • 2016 में कोटा स्टोन व्यापार पर नोटबंदी की मार
  • 2017 में कोटा स्टोन पर जीएसटी की मार
  • 2018 में सामान्य गति से चला कारोबार
  • 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अवरलोडिंग पर पाबंदी, जिससे कई दिनों तक बंद रहा स्टोन व्यापार
  • 2019 में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की परिधि में आने वाली खदानों को पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिली.
  • 2020 में लॉकडाउन के कारण 2 महीनों तक रहा कोटा स्टोन व्यापार बंद.
    कोटा स्टोन व्यापार, Kota Stone Business News, Corona epidemic,  Lockdown effect
    मंदी की दंश झेल रहा कोटा स्टोन

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण 2 महीनों से दंश झेलने के बाद भी क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूर रोज सुबह घर से निकल काम की तलाश में रीको एरिया में आते हैं. वहीं, काम नहीं मिलने के कारण कई मजदूर बिना मजदूरी के घर लौट जाते हैं. बता दें कि कोटा स्टोन में पहले रोजाना 250 से 300 गाड़ी लोडिंग होती थी, लेकिन मौजूदा समय में 25 से 30 गाड़ी ही माल लोकल एरिया में जा रहा है. इसलिए दिहाड़ी मजदूरों पर रोजगार का संकट गहराने लगा है.

खनिज विभाग को राजस्व में नुकसान

वहीं, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण खनिज विभाग को भी राजस्व में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. बता दें कि साल 2019 के अप्रैल महीने में कोटा स्टोन से 26 हजार 723 परिवहन वाहन निकले थे. इन वाहनों से करीब 3 लाख 99 हजार 885 टन खनिज निकाला गया था. इससे खनिज विभाग को साढ़े चार करोड़ रुपए का राजस्व मिला था.

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रामगंजमंडी में कोटा स्टोन व्यापार

पढ़ें- संकट में याद आए गांव के खेत, खलिहान और बगान, कोरोना काल में पहली पसंद बना अपना गांव

साल 2020 की बात करें तो 2020 के अप्रैल महीने में कोटा स्टोन से सिर्फ 3737 खनिज परिवहन वाहन निकले थे. इन वाहनों से करीब 48 हजार 664 टन खनिज निकाला गया. जिससे खनिज विभाग को करीब 56 लाख रुपए ही राजस्व प्राप्त हुआ. बता दें कि लॉकडाउन में खनिज विभाग को करीब 4 करोड़ 39 हजार 389 रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है.

घर का खर्चा चलाने पर संकट

मजदूरों का कहना है कि सरकार की ओर से भी कोरोना में किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है. उनका कहना है कि रीको एरिया में रोज काम की तलाश में भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. मजदूरों का कहना है कि पहले फैक्ट्री पर मशीन चलाकर 10 से 15 हजार रुपए महीना कमा लिया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद कोई काम नहीं हुआ है. उनका कहना है कि अब फैक्ट्री शुरू हुई है. उनका कहना है कि अब घर का खर्चा चलाने पर भी संकट आ गया है.

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कोटा स्टोन

वहीं, इस मंदी के दौर से गुजरने वाली कोटा स्टोन खादान व्यापारियों और स्टोन फिनिशिंग इकाइयों के व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि स्टोन व्यापार को फिर से पटरी पर लाने के लिए कोटा स्टोन को आर्थिक पैकेज देकर राहत दी जाए.

रामगंजमंडी (कोटा). विश्व विख्यात कोटा स्टोन कोरोना के दंश से मंदी की मार झेलता नजर आ रहा है. वहीं, कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से पिछले 2 महीनों में 50 से अधिक कोटा स्टोन खादानें औक इससे जुड़ी 1800 स्टोन फिनिशिंग इकाइयों के पहिए थम गए थे. सरकार ने लॉकडाउन में स्टोन को छूट देकर शुरू तो कर दिया, लेकिन स्टोन का व्यापार अभी तक 50 प्रतिशत भी पटरी पर नहीं आया है.

कोटा स्टोन पर लॉकडाउन का असर

कोटा स्टोन व्यापार में मंदी को देखते हुए कई खादानें और कोटा स्टोन इकाइयां शुरू होने का नाम नहीं ले रही है. इसका कारण यह है कि देश-विदेश के कई राज्यों में जाने वाला कोटा स्टोन का ट्रांसपोर्ट नहीं हो पा रहा है. बता दें कि इस व्यापार से क्षेत्र के हजारों मजदूर और व्यापारी जुड़े हैं, ऐसे में अब उनके रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कोटा स्टोन व्यापारी सरकार से कोटा स्टोन के लिए आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं.

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कोटा स्टोन व्यापार

पढ़ें- स्पेशलः बीड़ी उद्योग की टूटी कमर, राजस्थान में 90 हजार लोगों पर रोजी रोटी का संकट

जानकारी के अनुसार कोटा स्टोन इकाइयों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर अपने गांव पलायन कर चुके हैं, इसलिए भी इकाइयों में चलने वाली मशीनों के पहिए थम गए है. वहीं, कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में कोटा स्टोन से बाहर ट्रांसपोर्ट नहीं हो रहा है, जिसके कारण क्षेत्र के हजारों लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले दिहाड़ी मजदूरों पर मजदूरी संकट गहराया है.

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मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट

5 सालों से मंदी की मार झेल रहा कोटा स्टोन व्यापार

  • 2016 में कोटा स्टोन व्यापार पर नोटबंदी की मार
  • 2017 में कोटा स्टोन पर जीएसटी की मार
  • 2018 में सामान्य गति से चला कारोबार
  • 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अवरलोडिंग पर पाबंदी, जिससे कई दिनों तक बंद रहा स्टोन व्यापार
  • 2019 में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की परिधि में आने वाली खदानों को पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिली.
  • 2020 में लॉकडाउन के कारण 2 महीनों तक रहा कोटा स्टोन व्यापार बंद.
    कोटा स्टोन व्यापार, Kota Stone Business News, Corona epidemic,  Lockdown effect
    मंदी की दंश झेल रहा कोटा स्टोन

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण 2 महीनों से दंश झेलने के बाद भी क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूर रोज सुबह घर से निकल काम की तलाश में रीको एरिया में आते हैं. वहीं, काम नहीं मिलने के कारण कई मजदूर बिना मजदूरी के घर लौट जाते हैं. बता दें कि कोटा स्टोन में पहले रोजाना 250 से 300 गाड़ी लोडिंग होती थी, लेकिन मौजूदा समय में 25 से 30 गाड़ी ही माल लोकल एरिया में जा रहा है. इसलिए दिहाड़ी मजदूरों पर रोजगार का संकट गहराने लगा है.

खनिज विभाग को राजस्व में नुकसान

वहीं, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण खनिज विभाग को भी राजस्व में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. बता दें कि साल 2019 के अप्रैल महीने में कोटा स्टोन से 26 हजार 723 परिवहन वाहन निकले थे. इन वाहनों से करीब 3 लाख 99 हजार 885 टन खनिज निकाला गया था. इससे खनिज विभाग को साढ़े चार करोड़ रुपए का राजस्व मिला था.

कोटा स्टोन व्यापार, Kota Stone Business News, Corona epidemic,  Lockdown effect
रामगंजमंडी में कोटा स्टोन व्यापार

पढ़ें- संकट में याद आए गांव के खेत, खलिहान और बगान, कोरोना काल में पहली पसंद बना अपना गांव

साल 2020 की बात करें तो 2020 के अप्रैल महीने में कोटा स्टोन से सिर्फ 3737 खनिज परिवहन वाहन निकले थे. इन वाहनों से करीब 48 हजार 664 टन खनिज निकाला गया. जिससे खनिज विभाग को करीब 56 लाख रुपए ही राजस्व प्राप्त हुआ. बता दें कि लॉकडाउन में खनिज विभाग को करीब 4 करोड़ 39 हजार 389 रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है.

घर का खर्चा चलाने पर संकट

मजदूरों का कहना है कि सरकार की ओर से भी कोरोना में किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है. उनका कहना है कि रीको एरिया में रोज काम की तलाश में भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. मजदूरों का कहना है कि पहले फैक्ट्री पर मशीन चलाकर 10 से 15 हजार रुपए महीना कमा लिया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद कोई काम नहीं हुआ है. उनका कहना है कि अब फैक्ट्री शुरू हुई है. उनका कहना है कि अब घर का खर्चा चलाने पर भी संकट आ गया है.

कोटा स्टोन व्यापार, Kota Stone Business News, Corona epidemic,  Lockdown effect
कोटा स्टोन

वहीं, इस मंदी के दौर से गुजरने वाली कोटा स्टोन खादान व्यापारियों और स्टोन फिनिशिंग इकाइयों के व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि स्टोन व्यापार को फिर से पटरी पर लाने के लिए कोटा स्टोन को आर्थिक पैकेज देकर राहत दी जाए.

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