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Kota Police Action: शिवराज सिंह का गुर्गा नरेंद्र सिंह चढ़ा पुलिस के हत्थे, इस मामले में था 11 साल से फरार - gangster Narendra Singh arrested

कोटा पुलिस ने मंगलवार को कार्रवाई (Kota Police Action) करते हुए 11 साल से फरार गैंगस्टर को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया है. आरोपी तीन हत्या के मामले में फरार चल रहा था. पढ़िए पूरी खबर...

Kota Police Action
गैंगस्टर नरेंद्र सिंह गिरफ्तार
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Published : Mar 15, 2022, 2:25 PM IST

Updated : Mar 15, 2022, 7:17 PM IST

कोटा. शहर के भीमगंजमंडी थाना पुलिस ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई (Kota Police Action) करते हुए 11 साल से फरार गैंगस्टर नरेंद्र सिंह उर्फ किट्टू उर्फ अंकित को गिरफ्तार किया है. आरोपी तीन हत्या के मामले में फरार चल रहा था. जिनमें दो पुलिसकर्मी और एक गैंगस्टर भानु प्रताप के हत्या का मामला है. कोटा शहर पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी. आरोपी पिछले 11 सालों में अधिकांश समय दिल्ली के स्लम बस्तियों में बिताया, लेकिन परिवार से बिल्कुल भी संपर्क नहीं किया.

जानकारी के अनुसार पुलिस को इनपुट मिला था कि वह दिल्ली में है. वहां पर भी पुलिस की एक टीम लंबे समय से गैंगस्टर नरेंद्र सिंह की खोज कर रही थी. कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि नरेंद्र सिंह दिल्ली से मध्यप्रदेश के भिंड मुरैना की तरफ निकल गया और वहां से ग्वालियर में बीमारी का इलाज करवाया. इसके बाद छत्तीसगढ़ के अकलतरा में अपने एक रिश्तेदार के यहां पहुंचा, जहां पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

कोटा पुलिस ने मंगलवार की बड़ी कार्रवाई

पढ़ें- Kota Police Action : चोरी की घटना का खुलासा, 15 साल की नाबालिग को किया निरुद्ध...आभूषण बरामद

एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपी को पुलिस छ्त्तीसगढ़ से कोटा लेकर आई है. आरोपी पर पुलिस ने 15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. इसमें 10,000 रुपए पुलिस हेड क्वार्टर और 5000 रुपए का इनाम कोटा पुलिस ने घोषित किया था.

बता दें, एक दशक पहले हाड़ौती संभाग में आतंक का पर्याय शिवराज सिंह और भानु प्रताप सिंह गैंग बनी थी. इन दोनों गैंग के लिए बैंक में हत्या और जानलेवा हमले की घटना आम बात हो गई थी. एक-दूसरे पर हमला और फायरिंग जैसी घटनाएं लगातार हो रही थी. पहले शिवराज के भाई की हत्या भानु प्रताप सिंह ने कर दी. उसके बाद भानु प्रताप उदयपुर जेल में बंद था. आरोपी को उदयपुर जेल से झालावाड़ पेशी के लिए लाया जा रहा था, इसी दौरान भीलवाड़ा जिले की सीमा में बिजोलिया के नजदीक शिवराज सिंह के लोगों ने पुलिस वैन पर हमला कर दिया. इसमें की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों और भानु प्रताप की भी हत्या हो गई थी. इस मामले में बीते 11 सालों से फरार चल रहे गैंगस्टर नरेंद्र सिंह अब पुलिस के हत्थे चढ़ा है.

कोटा से मिल रही थी आर्थिक सहायता: एसपी शेखावत ने बताया कि नरेंद्र सिंह दिल्ली के स्लम बस्तियों में रह रहा था, और बार-बार एरिया बदल लेता था. उसके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं था, ऐसे में कोटा से कुछ लोग उसे आर्थिक सहायता पहुंचा रहे थे. नरेंद्र सिंह अपने परिजनों से भी संपर्क नहीं करता था. पुलिस आर्थिक मदद पहुंचाने वाले लोगों की भी पड़ताल में जुट गई है. गैंगस्टर शिवराज सिंह के भाई बृजराज सिंह और बबलू की हत्या भानु प्रताप गैंग ने चित्तौड़गढ़ जिले के बेगू थाना इलाके के जोगणिया माता जी के आस पास की थी. इसका बदला लेने के लिए गैंगस्टर शिवराज सिंह हाड़ा और नरेंद्र सिंह सहित अन्य ने 19 अप्रैल 2011 को गैंगस्टर भानु प्रताप और दो पुलिस कार्मिकों सोहन लाल और प्रकाश चंद की हत्या की थी. इस मामले में गाड़ियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग भी की गई थी. यह घटना भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया में हुई थी. इस मामले में कई आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, बस नरेंद्र सिंह फरार चल रहा था.

कोटा. शहर के भीमगंजमंडी थाना पुलिस ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई (Kota Police Action) करते हुए 11 साल से फरार गैंगस्टर नरेंद्र सिंह उर्फ किट्टू उर्फ अंकित को गिरफ्तार किया है. आरोपी तीन हत्या के मामले में फरार चल रहा था. जिनमें दो पुलिसकर्मी और एक गैंगस्टर भानु प्रताप के हत्या का मामला है. कोटा शहर पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी. आरोपी पिछले 11 सालों में अधिकांश समय दिल्ली के स्लम बस्तियों में बिताया, लेकिन परिवार से बिल्कुल भी संपर्क नहीं किया.

जानकारी के अनुसार पुलिस को इनपुट मिला था कि वह दिल्ली में है. वहां पर भी पुलिस की एक टीम लंबे समय से गैंगस्टर नरेंद्र सिंह की खोज कर रही थी. कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि नरेंद्र सिंह दिल्ली से मध्यप्रदेश के भिंड मुरैना की तरफ निकल गया और वहां से ग्वालियर में बीमारी का इलाज करवाया. इसके बाद छत्तीसगढ़ के अकलतरा में अपने एक रिश्तेदार के यहां पहुंचा, जहां पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

कोटा पुलिस ने मंगलवार की बड़ी कार्रवाई

पढ़ें- Kota Police Action : चोरी की घटना का खुलासा, 15 साल की नाबालिग को किया निरुद्ध...आभूषण बरामद

एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपी को पुलिस छ्त्तीसगढ़ से कोटा लेकर आई है. आरोपी पर पुलिस ने 15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. इसमें 10,000 रुपए पुलिस हेड क्वार्टर और 5000 रुपए का इनाम कोटा पुलिस ने घोषित किया था.

बता दें, एक दशक पहले हाड़ौती संभाग में आतंक का पर्याय शिवराज सिंह और भानु प्रताप सिंह गैंग बनी थी. इन दोनों गैंग के लिए बैंक में हत्या और जानलेवा हमले की घटना आम बात हो गई थी. एक-दूसरे पर हमला और फायरिंग जैसी घटनाएं लगातार हो रही थी. पहले शिवराज के भाई की हत्या भानु प्रताप सिंह ने कर दी. उसके बाद भानु प्रताप उदयपुर जेल में बंद था. आरोपी को उदयपुर जेल से झालावाड़ पेशी के लिए लाया जा रहा था, इसी दौरान भीलवाड़ा जिले की सीमा में बिजोलिया के नजदीक शिवराज सिंह के लोगों ने पुलिस वैन पर हमला कर दिया. इसमें की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों और भानु प्रताप की भी हत्या हो गई थी. इस मामले में बीते 11 सालों से फरार चल रहे गैंगस्टर नरेंद्र सिंह अब पुलिस के हत्थे चढ़ा है.

कोटा से मिल रही थी आर्थिक सहायता: एसपी शेखावत ने बताया कि नरेंद्र सिंह दिल्ली के स्लम बस्तियों में रह रहा था, और बार-बार एरिया बदल लेता था. उसके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं था, ऐसे में कोटा से कुछ लोग उसे आर्थिक सहायता पहुंचा रहे थे. नरेंद्र सिंह अपने परिजनों से भी संपर्क नहीं करता था. पुलिस आर्थिक मदद पहुंचाने वाले लोगों की भी पड़ताल में जुट गई है. गैंगस्टर शिवराज सिंह के भाई बृजराज सिंह और बबलू की हत्या भानु प्रताप गैंग ने चित्तौड़गढ़ जिले के बेगू थाना इलाके के जोगणिया माता जी के आस पास की थी. इसका बदला लेने के लिए गैंगस्टर शिवराज सिंह हाड़ा और नरेंद्र सिंह सहित अन्य ने 19 अप्रैल 2011 को गैंगस्टर भानु प्रताप और दो पुलिस कार्मिकों सोहन लाल और प्रकाश चंद की हत्या की थी. इस मामले में गाड़ियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग भी की गई थी. यह घटना भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया में हुई थी. इस मामले में कई आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, बस नरेंद्र सिंह फरार चल रहा था.

Last Updated : Mar 15, 2022, 7:17 PM IST
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