ETV Bharat / city

कोटाः न्यू मेडिकल अस्पताल के शिशु रोग विभाग की बदहाली, वेंटिलेटर खराब होने की वजह से बच्चे ने दम तोड़ा

कोटा में नए अस्पताल के शिशु रोग विभाग में शुक्रवार को वेंटिलेटर के मेंटेनेंस के अभाव में एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. जब बच्चे को यहां शिफ्ट किया गया तो वेंटिलेटर ने काम नहीं किया. अस्पताल के शिशु रोग विभाग में एक ही वेंटिलेटर है, लेकिन वो भी मेंटनेंस नहीं होने की वजह से बंद हो जाता है.

child died due to ventilator failure, नए अस्पताल के शिशु रोग विभाग की बदहाली
वेंटिलेटर नहीं मिलने पर बच्चे की मौत
author img

By

Published : Nov 30, 2019, 1:02 PM IST

कोटा. शहर के न्यू मेडिकल अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं मिलने पर एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. कैथूनीपोल के नितिन सोनी को परिजन गंभीर हालत में लेकर अस्पताल पहुंचे थे. डॉक्टरों ने पहले एंबू बैग के जरिए इलाज किया. बच्चे की हालत में कुछ सुधार भी दिखा. बाद उसे ICU में लगे वेंटिलेटर पर लेने की कोशिश की गई, लेकिन वेंटिलेटर चालू नहीं हो सका. डॉक्टरों ने उसे वापस एंबू बैग पर लिया. लेकिन कुछ देर बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया.

वेंटिलेटर नहीं मिलने पर बच्चे की मौत

कैथूनीपोल निवासी नितिन सोनी को बुखार था. परिजन 4 दिन पहले उसे जेकेलोन अस्पताल लेकर पहुंचे थे, लेकिन हालत बिगड़ने पर गुरुवार को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. बच्चे को डेंगू हेमरेजिक शॉक फीवर था. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर बच्चे को न्यू मेडिकल अस्पताल ले जाया गया.

पढ़ेंः ध्यान देंः अगर आप प्याज खाने के शौकिन हैं तो रेस्टोरेंट जाने से पहले ये खबर पढ़ लें...

बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है, कि जब बच्चा यहां आया था तो उसको हेमरेजिंग शॉक फीवर था. परिजनों को जानकारी दी गई थी. जब वेंटिलेटर पर लेने लगे तो वेंटिलेटर की स्क्रीन नहीं चालू हुई. बाद में एंबू बैग के जरिए सांस देने की कोशिश की गई, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी.

पढ़ेंः भरतपुर: हर तीसरे दिन हैवानियत के शिकार हो रहे मासूम, हर साल बढ़ रहे हैं POCSO के मामले

बता दें, कि न्यू मेडिकल अस्पताल के शिशु रोग विभाग में एक ही वेंटिलेटर है. लेकिन वो भी तकनीकी कारणों से बंद हो जाता है.

कोटा. शहर के न्यू मेडिकल अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं मिलने पर एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. कैथूनीपोल के नितिन सोनी को परिजन गंभीर हालत में लेकर अस्पताल पहुंचे थे. डॉक्टरों ने पहले एंबू बैग के जरिए इलाज किया. बच्चे की हालत में कुछ सुधार भी दिखा. बाद उसे ICU में लगे वेंटिलेटर पर लेने की कोशिश की गई, लेकिन वेंटिलेटर चालू नहीं हो सका. डॉक्टरों ने उसे वापस एंबू बैग पर लिया. लेकिन कुछ देर बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया.

वेंटिलेटर नहीं मिलने पर बच्चे की मौत

कैथूनीपोल निवासी नितिन सोनी को बुखार था. परिजन 4 दिन पहले उसे जेकेलोन अस्पताल लेकर पहुंचे थे, लेकिन हालत बिगड़ने पर गुरुवार को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. बच्चे को डेंगू हेमरेजिक शॉक फीवर था. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर बच्चे को न्यू मेडिकल अस्पताल ले जाया गया.

पढ़ेंः ध्यान देंः अगर आप प्याज खाने के शौकिन हैं तो रेस्टोरेंट जाने से पहले ये खबर पढ़ लें...

बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है, कि जब बच्चा यहां आया था तो उसको हेमरेजिंग शॉक फीवर था. परिजनों को जानकारी दी गई थी. जब वेंटिलेटर पर लेने लगे तो वेंटिलेटर की स्क्रीन नहीं चालू हुई. बाद में एंबू बैग के जरिए सांस देने की कोशिश की गई, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी.

पढ़ेंः भरतपुर: हर तीसरे दिन हैवानियत के शिकार हो रहे मासूम, हर साल बढ़ रहे हैं POCSO के मामले

बता दें, कि न्यू मेडिकल अस्पताल के शिशु रोग विभाग में एक ही वेंटिलेटर है. लेकिन वो भी तकनीकी कारणों से बंद हो जाता है.

Intro:कोटा के नए अस्पताल में वेंटिलेटर वेंटिलेटर के खराब होने से कई मरीज तोड़ रहे हैं दम ऐसा ही वाकया शुक्रवार देर रात को वेंटिलेटर के अभाव से एक बच्चे ने दम तोड़ा
कोटा के नए अस्पताल के शिशु रोग विभाग में शुक्रवार रात मेंटेनेंस के अभाव में एक बच्चे का दम टूट गया परिजन बच्चों को गंभीर हालत में लेकर अस्पताल पहुंचे थे लेकिन उसे वेंटिलेटर नहीं मिला एंबू बैग से उसकी सांस लौटाने की कोशिश की गई लेकिन आखिरकार बच्चे का दम टूट गया
Body:जानकारी के अनुसार कैथूनीपोल निवासी नितिन सोनी पुत्र दीपक सोनी को बुखार था उसे परिजन 4 दिन पहले जेकेलोन अस्पताल लेकर पहुंचे थे लेकिन इस स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे गुरुवार को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया यहां जांच करवाई तो उसे डेंगू हेमरेजिक शाक फीवर पाया गया परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर नए अस्पताल के लिए रेफर किया गया परिजन उसे इमरजेंसी में लेकर पहुंचे जहां डाक्टरों ने उसे एंबू बेग दिया गया उसकी सांस लौटाने के लिए काफी प्रयास किए उस समय धड़कन चालू होने लगी पल्स भी आ गई उसके बाद उसे आईसीयू में लगे वेंटिलेटर पर लेने की कोशिश की गई लेकिन वेंटिलेटर चालू नहीं हो सका उसके बाद डाक्टरों ने उसे वापस एंबू बेग पर लिया लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि जब बच्चे यहां आया था तो उसको हेमरेजिंग शॉक फीवर था। उन्होंने बताया कि परिजनों को इसके बारे में बता दिया कि यह बच भी सकता है और नहीं भी फिर भी इसको जब वेंटिलेटर पर लेने लगे तो वेंटिलेटर की स्क्रीन नहीं चालू हुई बाद में इसको एंबू बैग के जरिए कतरी में सांसे दे दी गई लेकिन उसको नहीं बचा पाए
Conclusion:न्यू मेडिकल अस्पताल में शिशु रोग विभाग में एक ही वेंटिलेटर है लेकिन वह भी कभी तकनीकी कारणों से बंद हो जाता है जब बच्चे को यहां शिफ्ट करने लगे तो वेंटिलेटर चालू नहीं हुआ इसके अलावा और वेंटिलेटर नहीं है
बाईट-डॉ.शोभित त्रिपाठी, शिशुरोग विशेज्ञ
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.