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Kota JK Loan Hospital: नवजातों की मौत के बाद सरकार ने किया था बदलाव का निश्चय, आज संतुष्टि कि कोटा का जेके लोन अस्पताल बना मॉडल-गहलोत

दिसंबर 2019 में कोटा के जेके लोन अस्पताल में 10 नवजात बच्चों की मौत को लेकर गहलोत सरकार की खासी किरकिरी हुई थी. तब सरकार ने निश्चय किया था कि अस्पताल की स्थिति में बदलाव किया जाएगा. इसी को लेकर सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया पर कहा कि आज मुझे संतुष्टि है. उन्होंने इस अस्पताल के मॉडल अस्पताल बनने पर भी प्रसन्नता जाहिर की (Kota JK Loan becomes model hospital) है.

Kota JK Loan becomes model hospital
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Published : Mar 30, 2022, 3:45 PM IST

कोटा. शहर के जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत के मामले को लेकर काफी किरकिरी झेल चुकी प्रदेश की गहलोत सरकार ने अब इस अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए इस अस्पताल की फोटो को साझा करते हुए संतुष्टि जाहिर (CM Gehlot shared photos of Kota JK Loan hospital) की.

मुझे संतुष्टि है: सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि 2019 में कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की दुखद मौत पर मीडिया में काफी चर्चा हुई थी. हमारी सरकार ने तभी स्थिति बदलने का निश्चय किया और आज मुझे संतुष्टि है कि कोटा का जेके लोन अस्पताल एक मॉडल अस्पताल बन चुका है. गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से निरीक्षण पर आईं टीमों ने भी इस हॉस्पिटल की प्रशंसा की है. 2018 की तुलना में 2021 में इस अस्पताल नवजात शिशु विभाग में 60 प्रतिशत एवं शिशु विभाग में 19 प्रतिशत अधिक मरीज भर्ती हुए. इसके बावजूद इन दोनों विभागों में मृत्यु दर में लगभग 66 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत की कमी हुई है.

पढ़ें: Special: कोटा के जेके लोन अस्पताल का हुआ 'ट्रांसफोर्मेशन'...धुलने लगे दाग

तीन साल में शिशु मृत्यु दर में आई कमी: सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में किए गए सुधार से पिछले तीन साल में शिशु मृत्यु दर (IMR) भी लगातार कम हुई है. 2017-18 में IMR 41 थी जो अब 30.4 पर आ गई है. इसे और कम करने के लिए आगे भी हम प्रयास जारी रखेंगे. गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कोटा के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल के नए स्वरूप की तस्वीरों को सबके साथ साझा किया है. इन तस्वीरों के जरिए सीएम गहलोत ने इस बात की संतुष्टि जाहिर की है कि 2 साल में अस्पताल मॉडल अस्पताल के रूप में तैयार हो गया है.

पढ़ें: जेके लोन अस्पताल में सामान्य वार्ड होंगे PICU व NICU में तब्दील, 10 करोड़ के बजट से 200 ICU बेड बनेंगे

यह हुई थी घटना: बता दें कि दिसम्बर 2019 में राजस्थान के कोटा के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु जेके लोन अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया (infants death in Kota JK Loan hospital in 2019) था. ये सभी बच्चे एनआईसीयू में भर्ती थे. बच्चों की मौत पर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठे थे और गहलोत सरकार को न केवल किरकिरी झेलनी पड़ी थी बल्कि विपक्ष की भी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री ने कोटा के इस मातृ एवं शिशु चिकित्सालय को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए थे. सीएम के निर्देश के बाद 2 साल में कोटा का यह जेके लोन अस्पताल मॉडल बन गया है.

कोटा. शहर के जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत के मामले को लेकर काफी किरकिरी झेल चुकी प्रदेश की गहलोत सरकार ने अब इस अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए इस अस्पताल की फोटो को साझा करते हुए संतुष्टि जाहिर (CM Gehlot shared photos of Kota JK Loan hospital) की.

मुझे संतुष्टि है: सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि 2019 में कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की दुखद मौत पर मीडिया में काफी चर्चा हुई थी. हमारी सरकार ने तभी स्थिति बदलने का निश्चय किया और आज मुझे संतुष्टि है कि कोटा का जेके लोन अस्पताल एक मॉडल अस्पताल बन चुका है. गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से निरीक्षण पर आईं टीमों ने भी इस हॉस्पिटल की प्रशंसा की है. 2018 की तुलना में 2021 में इस अस्पताल नवजात शिशु विभाग में 60 प्रतिशत एवं शिशु विभाग में 19 प्रतिशत अधिक मरीज भर्ती हुए. इसके बावजूद इन दोनों विभागों में मृत्यु दर में लगभग 66 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत की कमी हुई है.

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तीन साल में शिशु मृत्यु दर में आई कमी: सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में किए गए सुधार से पिछले तीन साल में शिशु मृत्यु दर (IMR) भी लगातार कम हुई है. 2017-18 में IMR 41 थी जो अब 30.4 पर आ गई है. इसे और कम करने के लिए आगे भी हम प्रयास जारी रखेंगे. गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कोटा के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल के नए स्वरूप की तस्वीरों को सबके साथ साझा किया है. इन तस्वीरों के जरिए सीएम गहलोत ने इस बात की संतुष्टि जाहिर की है कि 2 साल में अस्पताल मॉडल अस्पताल के रूप में तैयार हो गया है.

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यह हुई थी घटना: बता दें कि दिसम्बर 2019 में राजस्थान के कोटा के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु जेके लोन अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया (infants death in Kota JK Loan hospital in 2019) था. ये सभी बच्चे एनआईसीयू में भर्ती थे. बच्चों की मौत पर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठे थे और गहलोत सरकार को न केवल किरकिरी झेलनी पड़ी थी बल्कि विपक्ष की भी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री ने कोटा के इस मातृ एवं शिशु चिकित्सालय को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए थे. सीएम के निर्देश के बाद 2 साल में कोटा का यह जेके लोन अस्पताल मॉडल बन गया है.

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