कोटा. देशभर से कोटा में एक लाख से ज्यादा की संख्या में मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए छात्र तैयारी करने आते हैं. इस बार कोरोना काल के चलते छात्र पहले ही अपने घरों को लौट गए और घर से ही तैयारी कर रहे हैं. पूरे देश भर में 15 लाख 97 हजार स्टूडेंट्स नीट की तैयारी में जुटे हुए हैं. 13 सितंबर को होने वाली नीट परीक्षा के जरिए 542 एमबीबीएस कॉलेजों के 80,055 सीटों पर प्रवेश होगा. इससे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और जिप्मेर अपने अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवा दी थी, लेकिन इसे बंद करते हुए अब नीट के जरिए ही छात्रों को एमबीबीएस में प्रवेश मिलेगा.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा और कोचिंग फैकेल्टी अजय जांगिड़ ने स्टूडेंट्स के लिए कुछ जरूरी टिप्स बताए हैं. उनका दावा है कि इन टिप्स पर अंतिम समय ध्यान दें तो सिलेक्शन पक्का है. वह इस तरह से स्टूडेंट्स 20 से 30 परसेंट अपनी परफॉर्मेंस को सुधार कर सकते हैं.
नए स्टडी मैटेरियल पर नहीं जाएं
देव शर्मा के अनुसार स्टूडेंट्स नए स्टडी मटेरियल पर जाने की जगह पुराने और उनके पास पहले से मौजूद नोट्स पर ही ध्यान दें. इसमें वे यह भी मार्क करके रखते हैं कि क्या चीज इंपोर्टेंट है. नए स्टडी मैटेरियल पर जाने से उन्हें समझने में परेशानी होती है, उसमें वक्त भी काफी बर्बाद होता है.
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जो नहीं आता उसे छोड़ दें
एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार स्टूडेंट किसी सवाल पर अटक जाते हैं और उसे ही सॉल्व करने में लगे रहते हैं. परीक्षा की तैयारी करते समय अंतिम दिनों में ऐसे किसी भी सवाल पर अटकने पर उसे छोड़ दें और आगे बढ़ जाए, नहीं तो उसी सवाल पर वे टाइम खराब कर देंगे.
दोस्तों से नहीं करें पढ़ाई को लेकर तुलना
एक्सपर्ट का कहना है कि अंतिम दिनों में खासकर यह ध्यान रखें कि अपने दोस्तों से स्टडी पर बातचीत नहीं करें. इसमें दिक्कत यह होती है कि दोस्त कहता है उसे चैप्टर पर सवाल आते हैं, तो छात्र तुलना के चक्कर में अपने को कमजोर मानने लगता है. इससे परीक्षा में उसे परेशानी होती है.
सोशल मीडिया से नहीं हों प्रभावित
कोरोना काल के चलते इस बार परीक्षा को लेकर काफी राजनीति हुई है. ऐसे में सोशल मीडिया पर परीक्षा को लेकर चल रहे तर्क वितर्क से प्रभावित नहीं हों. स्टूडेंट्स केवल यह ध्यान रखें कि 13 सितंबर को उसको परीक्षा देनी है और एग्जाम आयोजित हो रहा है, इसी को लेकर तैयारी करें.
क्या आता है वह इंपोर्टेंट है
स्टूडेंट्स कई बार इसमें उलझ जाते हैं कि उन्हें क्या आता है और क्या नहीं आता है. इसकी जगह जो सवाल या चैप्टर उन्हें अच्छी तरह आते हैं. उनकी अच्छे से प्रैक्टिस करें. क्या नहीं आता है, उसे एग्जाम के अंतिम 7 दिनों में भूल जाना चाहिए. ताकि जो नहीं आता उसे कम महत्वपूर्ण माना जाए.
कोविड-19 के दिशा-निर्देश को लेकर भी करें तैयारी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस बार कोविड-19 को देखते हुए कई दिशा-निर्देश दिए हैं. जिसमें मास्क पहनकर बच्चे को परीक्षा देनी है. इसके अलावा ग्लब्स भी उसे एग्जाम देते समय पहनना होगा. इसलिए स्टूडेंट दोपहर 2:00 से 5:00 बजे तक मास्क लगाकर पढ़ाई करने के प्रैक्टिस करें. इसके अलावा ग्लब्स पहनकर भी लिखने का अभ्यास कर ले, ताकि उसे असहज परीक्षा देते समय महसूस नहीं हो.
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स्टूडेंट ध्यान रखें जो पढ़ा है उसी में से पेपर आएगा
स्टूडेंट्स कई बार पेपर के बारे में सोच सोच कर भी परेशान होते हैं, जिससे उनका समय खराब होता है. इसकी जगह स्टूडेंट हमेशा ध्यान रखें कि जो पढ़ा है, उसी में से परीक्षा होगी. सामान्य रहकर पढ़ाई करें तो जंग जीत जाएंगे. थोड़ा भी असामान्य होने की कोशिश की तो तुरंत पर जाते हैं और उनकी थोड़ी बहुत पढ़ाई खराब हो जाती है.
फिजिक्स में फार्मूला बेस्ड वर्किंग करें
स्टूडेंट्स अंतिम समय पर यह ध्यान रखें कि फिजिक्स पर फार्मूला बेस्ड वर्किंग करनी है. इसके अलावा फिजिकल केमेस्ट्री पर भी ध्यान दें, थोड़ी सी डिफिकल्ट होती है. बायोलॉजी के स्टूडेंट्स के लिए, क्योंकि वहां पर कैलकुलेशंस होती है. इसके अलावा इलेक्ट्रोकेमेस्ट्री, सॉल्यूशंस और सॉलिड स्टेट पर भी वे पढ़ाई करें. इनसे रिलेटेड प्रश्न हर बार पूछे जाते हैं. साथ ही ज्यादा ध्यान स्टूडेंट केमिस्ट्री और बायोलॉजी पर ध्यान दें. क्योंकि उनमें मेमोराइज करने वाले सवाल ज्यादा होते हैं. इससे काफी अच्छा परिणाम अंतिम समय में मिलता है.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अभ्यास एप पर भी जाएं
स्टूडेंट एनटीए की अभ्यास ऐप के क्वेश्चन पेपर कोविड-19 देखें, उनमें से भी प्रश्न पूछे जाते हैं. उस पर काफी अच्छी तरह से उत्तर दिए होते हैं, स्टूडेंट्स को इससे भी काफी मदद मिलेगी.