कोटा. अपेक्षा ग्रुप के 200 करोड़ के चिटफंड धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने बारां में तैनात पदस्थापित कानूनगो प्रदीप जैन को मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया (Kanungo arrested in Kota chit fund scam) है. प्रदीप जैन ने अपनी पत्नी दीप्ति गुप्ता को अपेक्षा ग्रुप में डायरेक्टर बना रखा था जबकि डमी रूप से काम खुद कर रहा था. उसने अपनी पत्नी के जरिए लोगों से 12 करोड़ रुपए कंपनी में निवेश करवाए थे. प्रदीप जैन का हाल ही में प्रमोशन हुआ था और उसे नायब तहसीलदार के पद पर जॉइनिंग करनी थी. इससे पहले ही पुलिस ने प्रदीप जैन को गिरफ्तार कर लिया.
जानें क्या है मामला: हाड़ौती संभाग में लोगों के साथ चिटफंड कंपनी बनाकर 200 करोड़ रुपए की ठगी करने के मामले में पुलिस लगातार गिरफ्तारियां कर रही है. अपेक्षा ग्रुप की चिटफंड धोखाधड़ी मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह ने बताया कि प्रदीप जैन अपेक्षा ग्रुप का डमी डायरेक्टर था. उसने अपनी पत्नी के जरिए लोगों से 12 करोड़ रुपए निवेश कराए. अपेक्षा ग्रुप के सीएमडी मुरली मनोहर नामदेव ने 6 सितंबर को न्यायालय में सरेंडर किया था. न्यायालय ने सीएमडी मुरली मनोहर नामदेव को पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था. जिसके बाद न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया.
पढ़ें:200 करोड़ के चिट फंड घोटाले के मुख्य आरोपी ने किया सरेंडर, एसआईटी ने किया गिरफ्तार
मामले में 9 आरोपी गिरफ्तार: पुलिस उप अधीक्षक डिप्टी अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि अब तक इस मामले में मुरलीधर नामदेव, संजय कश्यप, योगेश कुलश्रेष्ठ, हिमांशु विजय, गिर्राज नायक और दुर्गाशंकर मेरोठा को गिरफ्तार किया गया है. अपेक्षा ग्रुप से ही जुड़ी हुई बजाज एजेंसी में भी लोगों से धोखाधड़ी हुई है, जिसमें तेजेंद्र पाल सिंह रिंपी सरदार, रविंद्र गुप्ता और राजेंद्र गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था. ऐसे में अब तक पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.
38 निदेशकों पर मुकदमा दर्ज: अमर सिंह ने बताया कि 200 करोड़ का चिटफंड घोटाला करने के आरोप में 38 निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि हम गिरफ्तार किए गए निदेशकों को भी दोबारा रिमांड पर लेकर आएंगे और आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेंगे. ऐसे में यह 38 निदेशकों के अलावा अन्य लोगों के जुडे़ रहने का खुलासा हो सकता है. बता दें कि अपेक्षा ग्रुप में करीब एक दर्जन कंपनियां बनाकर अलग-अलग लोगों ने निवेश कर रखा था. साथ ही करोड़ों रुपए का नगद लेनदेन भी इसमें किया गया है. ऐसे में पुलिस ने चिटफंड की धाराएं इस मामले में जोड़ी हैं. साथ ही अपेक्षा ग्रुप के 38 निदेशकों के खिलाफ 200 करोड़ रुपए की ठगी का मामला दर्ज है. जिनमें करीब 3500 लोगों से ठगी की गई है.