कोटा. एसीबी कोटा रेंज के कार्यवाहक एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने गुरुवार को साल 2021 की कार्रवाइयों का पूरा ब्यौरा (Anti Corruption Bureau 2021 Work Report) दिया. जिसके अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई (ACB Action in rajasthan) में हाड़ौती संभाग में बारां जिला फिसड्डी नजर आया है.
बारां सबसे फिसड्डी, कोटा शहर अव्वल : बारां एसीबी चौकी ने वर्ष 2021 के पूरे 365 दिनों में केवल 7 ही कार्रवाई को अंजाम दिया है. जबकि सबसे अव्वल कोटा शहर की चौकी तो रही है. जिसने 25 कार्रवाई बीते साल में की है. इसके बाद कोटा देहात और झालावाड़ एसीबी ने भी 13-13 कार्रवाई संभाग में की है. वही बूंदी एसीबी ने भी 8 कार्रवाई को अंजाम दिया है. जबकि कोटा की स्पेशल यूनिट ने केवल 1 कार्रवाई की है.
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2021 में 2020 ज्यादा कार्रवाई
एसीबी ने कोटा संभाग में 2021 में 67 कार्रवाई (Kota ACB Work Report 2021) को अंजाम दिया है. यह वर्ष 2020 से आठ ज्यादा है. साल 2020 में 59 कार्रवाई एसीबी ने पूरे संभाग में की थी. गिरफ्तारी के मामले में भी कोटा शहर की चौकी ही अव्वल रही है इन्होंने 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि इसके बाद बारां एसीबी ने 24, कोटा देहात ने 18, झालावाड़ ने 15, बूंदी ने 12 और स्पेशल यूनिट ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
मिठाई के डिब्बे में रिश्वत ले जा रहे शशांक यादव के मामले में एडिशनल एसपी का भाई फरार
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा रेंज में हुई अच्छी कार्रवाइयों का विवरण भी मीडिया को दिया. जिसमें बताया कि नीमच अफीम फैक्ट्री के कार्यवाहक जनरल मैनेजर और आईआरएस अधिकारी शशांक यादव से 16 लाख रुपए मिठाई के डब्बे में बरामद हुए थे. इस मामले में एसीबी को सूचना थी कि जिस वाहन में वह चोरी की गाड़ी है या फर्जी नंबर है. ऐसे में जब इस वाहन की पड़ताल की गई तो सामने आया कि जिस व्यक्ति के नाम के वाहन रजिस्टर्ड है, उसे ही जानकारी नहीं है कि उसके पास कोई वाहन भी है. साथ इस वाहन की सर्विस आईआरएस डॉ शशांक यादव के भाई और यूपी पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय यादव करवा रहे थे। ऐसे में इस मामले में संजय यादव भी फरार है.
एसडीएम दीपक मित्तल के खिलाफ होगी विभागीय कार्रवाई
भारतमाला प्रोजेक्ट में भी लाखों रुपए का मुआवजा जारी करने की एवज में हजारों रुपए की रिश्वत ली थी. इस मामले में एक दलाल बलराम और दो सूचना सहायक एकांत उपाध्याय व दीपक रघुवंशी को पकड़ा था. इसकी जांच में तत्कालीन एसीएम बीके तिवारी और नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी को जांच में दोषमुक्त रखा गया है. जबकि कोटा डीएम दीपक मित्तल पर विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा गया है. इसके साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में भी नेशनल हेल्थ मिशन के जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र मालीवाल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. इस मामले में परिवादी के बिल लटकाने की एवज में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर भूपेंद्र सिंह तंवर के खिलाफ भी कई बार विभागीय पत्र लिख चुके हैं.
पुलिस भी रही निशाने पर
भ्रष्ट पुलिस अधिकारी भी रहे हैं. कोटा एसीबी ने बूंदी जिले के दही थाने की महिला एसएचओ मुकेशी बाई को भी रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके अलावा सांगोद के दो पुलिस निरीक्षक उन पर भी कार्रवाई हुई है. बूंदी की महिला थाना अधिकारी अंजना नोगिया को भी गिरफ्तार किया था. झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल प्लांट के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पर ठेकेदार से रिश्वत लेने पर भी कार्रवाई की गई है.
जयपुर जाकर भी दिया कार्रवाई को अंजाम
कोटा एसीबी ने परिवहन विभाग के जयपुर स्थित परिवहन भवन में भी कार्रवाई को अंजाम दिया है. यह परिवहन भवन में हुई. पहली कार्रवाई है जिसमें बाइक टैक्सी का लाइसेंस जारी करने के लिए सांख्यिकी अधिकारी ने हजारों रुपए की रिश्वत ली थी. इसके अलावा झालावाड़ के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी भी रिश्वत के मामले में एसीबी के हत्थे चढ़े हैं. कोटा नगर निगम दक्षिण के कांग्रेस पार्षद कमल मीणा भी सफाई कर्मी की हाजिरी भरने की एवज में उससे रिश्वत मांग रहे थे, उन्हें भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों एसीबी ने पकड़ा था.
रिश्वत लेना ही नहीं, मांगना भी अपराध...उतनी ही सजा
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने कहा कि फेल ट्रैप के मामलों में भी संभाग में कार्रवाई की गई है. इन मामलों में एसीबी मुख्यालय में मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं, जिनमें मुख्यालय के निर्देश पर ही आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है. ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि रिश्वत लेना ही नहीं मांगना भी गुनाह है. सेक्शन 7 पीसी एक्ट के तहत रिश्वत लेना और उस पर जुर्म प्रमाणित होता है और इसी के अधीन रिश्वत मांगना भी अपराध है. उस पर भी इसी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है. किसी भी व्यक्ति का रिश्वत मांग का सत्यापन हो जाता है, तो उसी के आधार पर सजा उसे मिल जाती है, यह भी गंभीर अपराध है.
भरतपुर में 2020 की तुलना में दोगुना कार्रवाई
भरतपुर जिले में गत वर्ष भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) सक्रिय नजर आया. वर्ष 2020 की तुलना में एसीबी ने वर्ष 2021 में सक्रियता दिखाते हुए जिले में करीब दोगुना अधिक कार्यवाई को अंजाम दिया है. जिले की एसीबी टीम ने अलग-अलग विभागों में ट्रैप की 16 कार्रवाई करते हुए रिश्वत की मांग करने वाले 19 भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों को रंगे हाथों दबोचा है.
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पीड़ित यहां कर सकते हैं शिकायत
पीड़ित अब एसीबी मुख्यालय जयपुर के टोल फ्री नम्बर 1054 और व्हाट्सअप नम्बर 9413502834 पर सीधे शिकायत कर सकते हैं. काफी लोग इस सुविधा का लाभ लेते हुए शिकायत कर भी रहे हैं. बता दें कि टोल फ्री नम्बर पर शिकायत गोपनीय होती है और सीधे अधिकारी को बताकर कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है।