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कोटा में ACB का बड़ा एक्शन : पहुंचना था मंत्री जी की मीटिंग में, सुल्तानपुर पंचायत के विकास अधिकारी ले रहे थे रिश्वत... एसीबी ने रंगे हाथ दबोचा

कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने सुल्तानपुर पंचायत समिति के कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम मीणा को ठेकेदार से 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार (ACB Action In Kota) किया है. आरोपी ने निर्माण सामग्री को पास करने की एवज में ठेकेदार से 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. इसी की शिकायत परिवादी ने एसीबी से कर दी.

Kota ACB Team Caught AEN Officer
कोटा में ACB का बड़ा एक्शन
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Published : Feb 3, 2022, 1:12 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 5:09 PM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कोटा की टीम ने जिले के सुल्तानपुर पंचायत समिति में बड़ी कार्रवाई (Kota ACB Team Caught Development Officer) करते हुए कार्यवाहक विकास अधिकारी को 50 हजार रुपए की रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया है. आरोपी कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम मीणा यह राशि ठेकेदार के बिलों को पास करने की एवज में मांग ले रहे थे. ठेकेदार ने इंटर लॉकिंग का काम सुल्तानपुर पंचायत समिति में किया था. विश्राम मीणा कनिष्ठ अभियंता के तौर पर सुल्तानपुर पंचायत समिति में कार्यरत हैं और उनके पास ही अतिरिक्त चार्ज भी विकास अधिकारी का है. आरोपी विश्राम मीणा ने रिश्वत की राशि सुल्तानपुर पंचायत समिति परिसर स्थित अपने सरकारी आवास पर ली है.

ACB कोटा देहात की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि उन्हें हरविंदर सिंह और उनकी फर्म में बतौर मुंशी काम करने वाले ओमप्रकाश ने शिकायत प्रस्तुत की थी. जिसमें बताया था कि उनकी फर्म शिवांग और वंश एंटरप्राइजेज सुल्तानपुर पंचायत समिति में चल रहे निर्माण कार्यों में सामग्री सप्लाई का काम करने में जुटी हुई है. इसी के तहत बमोरी ग्राम पंचायत के ककरावदा में श्मशान मार्ग पर इंटरलॉकिंग का कार्य चल रहा है. इस निर्माण का काम विश्राम मीणा ने रुकवा दिया था. जब परिवादी उससे मिलने पहुंचे, तब उन्होंने निर्माण सामग्री को पास करने की एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी.

पढ़ें: ACB action in Barmer: एसीबी टीम ने रिश्वत के मामले में आबकारी निरीक्षक और दलाल को किया गिरफ्तार

इस मांग का सत्यापन 2 फरवरी 2022 को करवाया गया, जिसमें रिश्वत मांगने (Kota ACB Team Caught Development Officer) की बात सत्यापित हो गई. इसके बाद में आज ट्रेप कार्रवाई का आयोजन किया गया. जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने मीणा को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. हालांकि सुल्तानपुर पंचायत के विकास अधिकारी मीणा के विषय में काफी समय से उच्च अधिकारियों को शिकायत भी मिल रही थी.

पढ़ें: CI Suspended in Pratapgarh : व्यापारी से मारपीट और रुपए ऐंठने के मामले में सीआई निलंबित, दो कांस्टेबल लाइन हाजिर...

गौरतलब है कि प्रदेश के पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा कोटा दौरे पर हैं. आज मंत्री जी जिला परिषद के सभागार में कोटा जिले की पंचायत समितियों और जिला परिषद से जुड़े जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करेंगे. साथ ही उनके मुद्दों को सुलझाने का काम करेंगे, लेकिन इस मीटिंग में भाग लेने के लिए सुल्तानपुर के कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम मीणा को भी आना था. लेकिन इसकी जगह में अपने घर पर ठेकेदार के बिल पास करने की एवज में रिश्वत ले रहे थे. जहां से ही एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार किया है.

विधायक ने विश्राम मीणा को भ्रष्ट बताते हुए पंचायत राज मंत्री से की थी हटाने की मांगः सांगोद विधायक भरत सिंह ने 27 जनवरी को पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने सुल्तानपुर के कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम मीणा को भ्रष्ट बताया था. साथ ही कहा था कि यह पहले सांगोद पंचायत समिति में कार्यरत थे. वहां भी इनकी गतिविधियां संदिग्ध थी. विश्राम मीणा विकास अधिकारी के पद पर कार्य करने के लायक अधिकारी नहीं हैं. साथ ही उन्होंने विश्राम मीणा को पद से हटाने की मांग की थी. इस पत्र को लिखने के 8 दिन बाद ही विश्राम मीणा एसीबी के हत्थे चढ़ गए हैं. ऐसे में आज फिर विधायक भरत सिंह ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ममता तिवारी को पत्र भेजा है. जिसमें सुल्तानपुर पंचायत समिति के विकास अधिकारी पद पर स्थाई नियुक्ति नहीं होने तक सांगोद पंचायत समिति के विकास अधिकारी जगदीश मीणा को ही अतिरिक्त कार्यभार देने की बात कही है.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कोटा की टीम ने जिले के सुल्तानपुर पंचायत समिति में बड़ी कार्रवाई (Kota ACB Team Caught Development Officer) करते हुए कार्यवाहक विकास अधिकारी को 50 हजार रुपए की रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया है. आरोपी कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम मीणा यह राशि ठेकेदार के बिलों को पास करने की एवज में मांग ले रहे थे. ठेकेदार ने इंटर लॉकिंग का काम सुल्तानपुर पंचायत समिति में किया था. विश्राम मीणा कनिष्ठ अभियंता के तौर पर सुल्तानपुर पंचायत समिति में कार्यरत हैं और उनके पास ही अतिरिक्त चार्ज भी विकास अधिकारी का है. आरोपी विश्राम मीणा ने रिश्वत की राशि सुल्तानपुर पंचायत समिति परिसर स्थित अपने सरकारी आवास पर ली है.

ACB कोटा देहात की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि उन्हें हरविंदर सिंह और उनकी फर्म में बतौर मुंशी काम करने वाले ओमप्रकाश ने शिकायत प्रस्तुत की थी. जिसमें बताया था कि उनकी फर्म शिवांग और वंश एंटरप्राइजेज सुल्तानपुर पंचायत समिति में चल रहे निर्माण कार्यों में सामग्री सप्लाई का काम करने में जुटी हुई है. इसी के तहत बमोरी ग्राम पंचायत के ककरावदा में श्मशान मार्ग पर इंटरलॉकिंग का कार्य चल रहा है. इस निर्माण का काम विश्राम मीणा ने रुकवा दिया था. जब परिवादी उससे मिलने पहुंचे, तब उन्होंने निर्माण सामग्री को पास करने की एवज में एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी.

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इस मांग का सत्यापन 2 फरवरी 2022 को करवाया गया, जिसमें रिश्वत मांगने (Kota ACB Team Caught Development Officer) की बात सत्यापित हो गई. इसके बाद में आज ट्रेप कार्रवाई का आयोजन किया गया. जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने मीणा को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. हालांकि सुल्तानपुर पंचायत के विकास अधिकारी मीणा के विषय में काफी समय से उच्च अधिकारियों को शिकायत भी मिल रही थी.

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गौरतलब है कि प्रदेश के पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा कोटा दौरे पर हैं. आज मंत्री जी जिला परिषद के सभागार में कोटा जिले की पंचायत समितियों और जिला परिषद से जुड़े जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करेंगे. साथ ही उनके मुद्दों को सुलझाने का काम करेंगे, लेकिन इस मीटिंग में भाग लेने के लिए सुल्तानपुर के कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम मीणा को भी आना था. लेकिन इसकी जगह में अपने घर पर ठेकेदार के बिल पास करने की एवज में रिश्वत ले रहे थे. जहां से ही एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार किया है.

विधायक ने विश्राम मीणा को भ्रष्ट बताते हुए पंचायत राज मंत्री से की थी हटाने की मांगः सांगोद विधायक भरत सिंह ने 27 जनवरी को पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने सुल्तानपुर के कार्यवाहक विकास अधिकारी विश्राम मीणा को भ्रष्ट बताया था. साथ ही कहा था कि यह पहले सांगोद पंचायत समिति में कार्यरत थे. वहां भी इनकी गतिविधियां संदिग्ध थी. विश्राम मीणा विकास अधिकारी के पद पर कार्य करने के लायक अधिकारी नहीं हैं. साथ ही उन्होंने विश्राम मीणा को पद से हटाने की मांग की थी. इस पत्र को लिखने के 8 दिन बाद ही विश्राम मीणा एसीबी के हत्थे चढ़ गए हैं. ऐसे में आज फिर विधायक भरत सिंह ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ममता तिवारी को पत्र भेजा है. जिसमें सुल्तानपुर पंचायत समिति के विकास अधिकारी पद पर स्थाई नियुक्ति नहीं होने तक सांगोद पंचायत समिति के विकास अधिकारी जगदीश मीणा को ही अतिरिक्त कार्यभार देने की बात कही है.

Last Updated : Feb 3, 2022, 5:09 PM IST
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