कोटा. जमीन के एक मामले में यथास्थिति के लिए आरोपी रीडर ने 25 हजार की रिश्वत की मांग की थी. इस मामले में परिवादी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को शिकायत की थी. रिश्वत की मांग का सत्यापन भी हो गया था, लेकिन आरोपी ने ट्रैप होने के डर से रिश्वत नहीं ली. इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने धारा 7 और 8 का मामला दर्ज किया था.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में अब कार्रवाई करते हुए बारां शहर निवासी रिटायर्ड रीडर देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है. जिसे आज न्यायालय में पेश किया गया. जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी कोटा ठाकुर चंद्रशील कुमार (Thakur Chandrasheel Kumar) ने बताया कि बारां एसीबी को 22 मार्च 2018 को परिवादी हंसराज गुर्जर ने शिकायत दी थी कि उसकी आमापुरा सुसावन, बावड़ीखेड़ा और लक्ष्मीपुरा में जमीनें हैं. परिवादी ने कहा था कि उसका भाई योगेश जमीन बेच सकता है. ऐसे में उसने यथास्थिति बनाए रखने और बेचान नहीं करने के लिए एसडीएम कोर्ट में अर्जी लगाई.
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मामले में परिवादी ने एसडीएम बद्रीलाल राठौर से यथास्थिति के आदेश पारित करने की अपील की. एसडीएम ने आनाकानी करते हुए रीडर देवेंद्र शर्मा से मिलने की बात कही. रीडर देवेंद्र शर्मा ने पहले 10, फिर 20 और बाद में 25 हजार रुपए की मांग की. रिश्वत की मांग किये जाने पर परिवादी हंसराज ने एसीबी की शरण ली.
इस मामले की शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने गोपनीय सत्यापन (confidential verification) करवाया तो 24 मार्च 2018 को रिश्वत की मांग सामने आ गई. लेकिन ट्रैप कार्रवाई (trap action) के दौरान आरोपी ने परिवादी से रिश्वत की राशि नहीं ली. इस मामले में 24 दिसंबर 2018 को जयपुर मुख्यालय ने प्रकरण दर्ज किया और कोटा एसीबी को सौंप दिया.
इस मामले में जांच चल रही थी. इसी बीच रिश्वत मांगने वाले तत्कालीन सहायक प्रशासनिक अधिकारी और रीडर देवेंद्र शर्मा सेवानिवृत्त हो गए. हालांकि मामले में कोटा एसीबी ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार को आरोपी देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया.