कोटा. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कहते हैं, कि KEDL यानि कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड जितनी बिजली JVVNL यानि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से खरीद रही है. उससे कहीं ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को पकड़ा रही है. हालांकि इस मामले में जब KEDLकी JVVNL को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल की गई तो कुछ और ही मामला आया.
प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल हमेशा अपने निशाने पर निजी बिजली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को ले रहे हैं, जब भी वे कोटा दौरा करते हैं, हमेशा KEDL पर हमला बोलते हैं. उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया था, कि केईडीएल कोटा शहर के उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने के लिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से ही बिजली खरीद रही है. ऐसे में केईडीएल जितनी बिजली जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कहीं ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को भेज रही है. उन्होंने उदाहरण देते हुए भी कहा, कि केईडीएल ने जेवीवीएनएल से एक लाख यूनिट बिजली खरीदी है और तीन लाख यूनिट बिजली का बिल उपभोक्ताओं को दे रही है.
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हालांकि इस मामले में जब केईडीएल की जेवीवीएनएल को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो सामने आया, कि कंपनी ने जितने की बिजली खरीदी है. उससे कम के ही बिल उपभोक्ताओं को दिए हैं, जबकि छीजत भी कंपनी को हुई है.
पिछले साल 2019 में बेची कम बिजली
केईडीएल ने साल 2019 में 1 अप्रैल से लेकर 30 नवंबर तक अपने 2,16,705 उपभोक्ताओं को 78 करोड़ 15 लाख यूनिट के बिल भेजे हैं. जबकि उसने इसी पीरियड में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से 95 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली की खरीद की है. इस दौरान जो छीजत हुई है. वो करीब 21 फीसदी है. हालांकि पिछले साल 2018 से बिजली इस टाइम पीरियड में कम खरीदी और बेची गई है.
2018 में हुई 23 फीसदी छीजत
जबकि साल 2018 को इसी पीरियड की बात की जाए तो जेवीवीएनएल से 131 करोड़ 55 लाख यूनिट बिजली खरीदी थी. इसकी एवज में उसने 101 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली उपभोक्ताओं को बेची है. इस दौरान 23 फीसदी छीजत केईडीएल को उठानी पड़ी है. निजी बिजली कंपनी के केईडीएल को जिन उपभोक्ताओं ने सोलर प्लांट लगाए हुए हैं. उनसे भी बिजली मिल रही है. यह बिजली करीब 5 लाख यूनिट मिल रही है.
साल 2019 में 25 फीसदी कम हुआ बिजली का उपभोग
जेवीवीएनएल के संभागीय मुख्य अभियंता क्षेमराज मीणा का कहना है, कि कोटा शहर की बात की जाए केईडीएल ने बिजली जो खरीदी है. वह 131 करोड़ 55 लाख यूनिट है. यह घटकर महज 98 करोड़ 56 लाख यूनिट हो गया है. वहीं उपभोक्ताओं के बिजली खरीदने की बात की जाए तो, साल 2018 में जहां पर 101 करोड़ 57 लाख यूनिट बिजली खरीदी गई थी. उसकी अपेक्षा में साल 2019 में 78 करोड़ 15 लाख यूनिट बिजली ही उपभोक्ताओं ने खरीदी है. जबकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल 4000 उपभोक्ता बढ़ गए है.