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स्पेशल: KEDL पर मंत्री शांति धारीवाल का गड़बड़ी का आरोप, लेकिन JVVNL की रिपोर्ट कुछ और ही बता रही - संभागीय मुख्य अभियंता क्षेमराज मीणा

कोटा में निजी बिजली कंपनी KEDL यानि कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड को लेकर विरोध होता रहा है. कंपनी के खिलाफ लोगों का गुस्सा बिल से लेकर कार्यशैली तक खूब निकला है. ऐसे में खुद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी बिजली कंपनी KEDL पर सवाल उठा चुके हैं. लेकिन इन सब के बीच JVVNL यानि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की रिपोर्ट कुछ और ही बता रही है. देखिए कोटा से स्पेशल रिपोर्ट...

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JVVNL की KEDL पर रिपोर्ट
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Published : Jan 17, 2020, 2:02 PM IST

कोटा. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कहते हैं, कि KEDL यानि कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड जितनी बिजली JVVNL यानि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से खरीद रही है. उससे कहीं ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को पकड़ा रही है. हालांकि इस मामले में जब KEDLकी JVVNL को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल की गई तो कुछ और ही मामला आया.

JVVNL की KEDL पर रिपोर्ट

प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल हमेशा अपने निशाने पर निजी बिजली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को ले रहे हैं, जब भी वे कोटा दौरा करते हैं, हमेशा KEDL पर हमला बोलते हैं. उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया था, कि केईडीएल कोटा शहर के उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने के लिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से ही बिजली खरीद रही है. ऐसे में केईडीएल जितनी बिजली जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कहीं ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को भेज रही है. उन्होंने उदाहरण देते हुए भी कहा, कि केईडीएल ने जेवीवीएनएल से एक लाख यूनिट बिजली खरीदी है और तीन लाख यूनिट बिजली का बिल उपभोक्ताओं को दे रही है.

पढ़ें- KEDL ने बिना अधिकार अवैध रूप से करीब 7 हजार लोगों की भरी VCR : मंत्री धारीवाल

हालांकि इस मामले में जब केईडीएल की जेवीवीएनएल को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो सामने आया, कि कंपनी ने जितने की बिजली खरीदी है. उससे कम के ही बिल उपभोक्ताओं को दिए हैं, जबकि छीजत भी कंपनी को हुई है.

पिछले साल 2019 में बेची कम बिजली
केईडीएल ने साल 2019 में 1 अप्रैल से लेकर 30 नवंबर तक अपने 2,16,705 उपभोक्ताओं को 78 करोड़ 15 लाख यूनिट के बिल भेजे हैं. जबकि उसने इसी पीरियड में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से 95 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली की खरीद की है. इस दौरान जो छीजत हुई है. वो करीब 21 फीसदी है. हालांकि पिछले साल 2018 से बिजली इस टाइम पीरियड में कम खरीदी और बेची गई है.

2018 में हुई 23 फीसदी छीजत
जबकि साल 2018 को इसी पीरियड की बात की जाए तो जेवीवीएनएल से 131 करोड़ 55 लाख यूनिट बिजली खरीदी थी. इसकी एवज में उसने 101 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली उपभोक्ताओं को बेची है. इस दौरान 23 फीसदी छीजत केईडीएल को उठानी पड़ी है. निजी बिजली कंपनी के केईडीएल को जिन उपभोक्ताओं ने सोलर प्लांट लगाए हुए हैं. उनसे भी बिजली मिल रही है. यह बिजली करीब 5 लाख यूनिट मिल रही है.

पढ़ें- KEDL अधिकारियों को अभी तो बंद कमरे में मारा है अगर नहीं सुधरे तो खुले रोड पर मारपीट की जाएगीः कांग्रेस कार्यकर्ता

साल 2019 में 25 फीसदी कम हुआ बिजली का उपभोग
जेवीवीएनएल के संभागीय मुख्य अभियंता क्षेमराज मीणा का कहना है, कि कोटा शहर की बात की जाए केईडीएल ने बिजली जो खरीदी है. वह 131 करोड़ 55 लाख यूनिट है. यह घटकर महज 98 करोड़ 56 लाख यूनिट हो गया है. वहीं उपभोक्ताओं के बिजली खरीदने की बात की जाए तो, साल 2018 में जहां पर 101 करोड़ 57 लाख यूनिट बिजली खरीदी गई थी. उसकी अपेक्षा में साल 2019 में 78 करोड़ 15 लाख यूनिट बिजली ही उपभोक्ताओं ने खरीदी है. जबकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल 4000 उपभोक्ता बढ़ गए है.

कोटा. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कहते हैं, कि KEDL यानि कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड जितनी बिजली JVVNL यानि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से खरीद रही है. उससे कहीं ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को पकड़ा रही है. हालांकि इस मामले में जब KEDLकी JVVNL को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल की गई तो कुछ और ही मामला आया.

JVVNL की KEDL पर रिपोर्ट

प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल हमेशा अपने निशाने पर निजी बिजली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को ले रहे हैं, जब भी वे कोटा दौरा करते हैं, हमेशा KEDL पर हमला बोलते हैं. उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया था, कि केईडीएल कोटा शहर के उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने के लिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से ही बिजली खरीद रही है. ऐसे में केईडीएल जितनी बिजली जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कहीं ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को भेज रही है. उन्होंने उदाहरण देते हुए भी कहा, कि केईडीएल ने जेवीवीएनएल से एक लाख यूनिट बिजली खरीदी है और तीन लाख यूनिट बिजली का बिल उपभोक्ताओं को दे रही है.

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हालांकि इस मामले में जब केईडीएल की जेवीवीएनएल को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो सामने आया, कि कंपनी ने जितने की बिजली खरीदी है. उससे कम के ही बिल उपभोक्ताओं को दिए हैं, जबकि छीजत भी कंपनी को हुई है.

पिछले साल 2019 में बेची कम बिजली
केईडीएल ने साल 2019 में 1 अप्रैल से लेकर 30 नवंबर तक अपने 2,16,705 उपभोक्ताओं को 78 करोड़ 15 लाख यूनिट के बिल भेजे हैं. जबकि उसने इसी पीरियड में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से 95 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली की खरीद की है. इस दौरान जो छीजत हुई है. वो करीब 21 फीसदी है. हालांकि पिछले साल 2018 से बिजली इस टाइम पीरियड में कम खरीदी और बेची गई है.

2018 में हुई 23 फीसदी छीजत
जबकि साल 2018 को इसी पीरियड की बात की जाए तो जेवीवीएनएल से 131 करोड़ 55 लाख यूनिट बिजली खरीदी थी. इसकी एवज में उसने 101 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली उपभोक्ताओं को बेची है. इस दौरान 23 फीसदी छीजत केईडीएल को उठानी पड़ी है. निजी बिजली कंपनी के केईडीएल को जिन उपभोक्ताओं ने सोलर प्लांट लगाए हुए हैं. उनसे भी बिजली मिल रही है. यह बिजली करीब 5 लाख यूनिट मिल रही है.

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साल 2019 में 25 फीसदी कम हुआ बिजली का उपभोग
जेवीवीएनएल के संभागीय मुख्य अभियंता क्षेमराज मीणा का कहना है, कि कोटा शहर की बात की जाए केईडीएल ने बिजली जो खरीदी है. वह 131 करोड़ 55 लाख यूनिट है. यह घटकर महज 98 करोड़ 56 लाख यूनिट हो गया है. वहीं उपभोक्ताओं के बिजली खरीदने की बात की जाए तो, साल 2018 में जहां पर 101 करोड़ 57 लाख यूनिट बिजली खरीदी गई थी. उसकी अपेक्षा में साल 2019 में 78 करोड़ 15 लाख यूनिट बिजली ही उपभोक्ताओं ने खरीदी है. जबकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल 4000 उपभोक्ता बढ़ गए है.

Intro:यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कहते है कि केईडीएल जितनी बिजली जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कई ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को पकड़ा रही है. हालांकि इस मामले में जब केईडीएल की जेवीवीएनएल को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो सामने आया कि कंपनी ने जितने की बिजली खरीदी है. उससे कम के ही बिल उपभोक्ताओं को दिए हैं जबकि छीजत भी कंपनी को हुई है.








Body:कोटा.
प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल हमेशा अपने निशाने पर निजी बिजली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) को ले रहे हैं, जब भी वे कोटा दौरा करते हैं, हमेशा केईडीएल पर हमला बोलते हैं. उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया था कि केईडीएल कोटा शहर के उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने के लिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से ही बिजली खरीद रही है. ऐसे में केईडीएल जितनी बिजली जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कई ज्यादा के बिल उपभोक्ताओं को पकड़ा रही है. उन्होंने उदाहरण देते हुए भी कहा कि केईडीएल ने जेवीवीएनएल से एक लाख यूनिट बिजली खरीद रही है और तीन लाख यूनिट बिजली को विल बे उपभोक्ताओं को पकड़ा रही है. हालांकि इस मामले में जब केईडीएल की जेवीवीएनएल को दी जाने वाली रिपोर्ट की पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो सामने आया कि कंपनी ने जितने की बिजली खरीदी है. उससे कम के ही बिल उपभोक्ताओं को दिए हैं जबकि छीजत भी कंपनी को हुई है.

2019 में पिछले साल से कम बेची बिजली
केईडीएल ने वर्ष 2019 में 1 अप्रैल से लेकर 30 नवंबर तक अपने 216705 उपभोक्ताओं को 78 करोड़ 15 लाख यूनिट के बिल भेजे हैं. जबकि उसने इसी पीरियड में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से 95 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली की खरीद की है इस दौरान जो छीजत हुई है. वह करीब 21 फ़ीसदी है. हालांकि पिछले साल से बिजली इस टाइम पीरियड में कम खरीदी और बेची गई है.

2018 में हुई 23 फीसदी छीजत
जबकि पिछले साल 2018 को इसी पीरियड की बात की जाए तो जेवीवीएनएल से कई डीएनए 131 करोड़ 55 लाख यूनिट बिजली खरीदी थी. इसकी एवज में उसने 101 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली उपभोक्ताओं को बेची है. इस दौरान 23 फीसदी छीजत केईडीएल को उठानी पड़ी है. निजी बिजली कंपनी के ईडीएल को जिन उपभोक्ताओं ने सोलर प्लांट लगाए हुए हैं उनसे भी बिजली मिल रही है. यह बिजली करीब 5 लाख यूनिट उन्हें मिल रही है.




Conclusion:इस साल 25 फ़ीसदी कम हुआ बिजली का उपभोग
जेवीवीएनएल के संभागीय मुख्य अभियंता क्षेमराज मीणा का कहना है कि कोटा शहर की बात की जाए केईडीएल ने बिजली जो खरीदी है. वह 131 करोड़ 55 लाख यूनिट है. यह घटकर महज 98 करोड़ 56 लाख यूनिट हो गया है. वहीं उपभोक्ताओं के बिजली खरीदने की बात की जाए तो, पिछले साल जहां पर 101 करोड़ 57 लाख यूनिट बिजली खरीदी गई थी. उसकी अपेक्षा में इस साल 78 करोड़ 15 लाख यूनिट बिजली ही उपभोक्ताओं ने खरीदी है. जबकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल 4000 उपभोक्ता ने बढ़ गए है.


बाइट-- क्षेमराज मीणा, संभागीय मुख्य अभियंता, जेवीवीएनएल कोटा
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