कोटा. कोटा के महावीर नगर थाना इलाके में शुक्रवार देर रात एक कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड करने मामला सामने आया (JEE student commits suicide) है. मृतक हर्षित भारद्वाज (18) पुत्र विष्णुकांत उत्तर प्रदेश के संभल जिले के गवाबाहर टाउन का रहने वाला था. मृतक हर्षित पिछले साल से कोटा के महावीर नगर प्रथम की परिजात कॉलोनी में रहकर एक निजी कोचिंग संस्थान में जेईई मेन और एडवांस्ड की तैयारी कर रहा था.
मृतक हर्षित की मां सविता भारद्वाज यूपी से कोटा उसके पास आती-जाती रहती थीं, लेकिन अधिकांश समय वह हर्षित के साथ ही रहती थी. महावीर नगर थाने के एएसआई आलम गनी ने बताया कि शुक्रवार देर रात हर्षित की मां सविता भारद्वाज सामान्य खरीदारी के लिए हॉस्टल से बाहर गई थी. उनके बाहर जाने के बाद हर्षित ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी. मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है.
उन्होंने बताया कि हर्षित और उसकी मां सविता का जनशताब्दी एक्सप्रेस से 27 अगस्त का रिजर्वेशन भी था. हर्षित का 28 अगस्त को जेईई एडवांस का पेपर था. इसके दो दिन पहले उसने इस तरह का कदम उठा लिया है. वहीं, महावीर नगर थाना अधिकारी घनश्याम मीणा बताया कि शनिवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा.
आज जनशताब्दी से जाने वाले थे दिल्ली: हर्षित की मां सविता भारद्वाज ने रात को ही हॉस्टल का पूरा हिसाब किताब कर दिया था. साथ ही शनिवार सुबह 5:00 बजे हॉस्टल खाली करके जनशताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली और फिर उन्हें संभल (यूपी) जाना था. जिसको लेकर मृतक की मां ने बैग भी पैक कर लिए थे. हर्षित के मामा ललित शर्मा भी कोटा में ही रहते हैं. वहीं, दूसरी तरफ सविता भारद्वाज ने हॉस्टल का हिसाब करते समय वार्डन से यह भी कहा था कि हॉस्टल का रूम काफी शुभ है और आने वाले साल में दूसरे बच्चे के लिए भी इसी रूम की डिमांड की थी. अन्य कोचिंग छात्रों के मुताबिक हर्षित बिल्कुल इंट्रोवर्ट था. हर्षित की मां उसके साथ रहती थी, ऐसे में वह अन्य बच्चों के साथ कम ही घुला मिला हुआ था. साथ ही उसकी मां भी उससे काफी लाड प्यार करती थी.
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जेईई मेन में थे 92 परसेंटाइल : हर्षित के परिजनों के अनुसार वह पढ़ाई में काफी अच्छा था. जेईई मेन के एग्जाम में उसके 92 परसेंटाइल बने थे और एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई कर चुका था. हर्षित को बीते साल दिल्ली के सरकारी कॉलेज दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सीट मिल गई थी, लेकिन उसके परिजन चाह रहे थे कि उसे और अच्छा कॉलेज मिल जाए. उनका लक्ष्य आईआईटी में एडमिशन दिलाना था. इसी के चलते उसे कोटा भेजा गया था. इसी के तहत माना जा रहा है कि हर्षित भारी प्रेशर में था. संभवत इसीलिए उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया हो.