कोटा: जेईई मेंस 2021 (JEE Main 2021) के परिणाम में 18 विद्यार्थी पहली रैंक (All India Ranking-1) हासिल करने में सफल रहे. इन स्टूडेंट्स में से तीन राजस्थान (3 Students From Rajasthan) के हैं. इन स्टूडेंट्स में से दो कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे थे, वहीं एक छात्र जयपुर में अध्ययनरत था. इनमें मुंबई के रहने वाले सिद्धांत मुखर्जी, रायपुर छत्तीसगढ़ के रहने वाले अंशुल वर्मा और जयपुर के रहने वाले मृदुल अग्रवाल शामिल हैं. इनको लेकर इन दिनों खूब चर्चाएं हो रही है. हर प्रतियोगी छात्र इनसे जुड़ी हुई छोटी से छोटी जानकारी इकट्ठा करना चाहता है. कैसा उनका बैकग्राउंड रहा है? किस तरह से उन्होंने तैयारी की, इसको लेकर सबमें जिज्ञासा है. आइए जानते हैं इन छात्रों के कठिन श्रम के बारे में.
टॉपर सिद्धांत बोले कोटा पूरा करता है आईआईटी में जाने का सपना पूरा
मुंबई के रहने वाले सिद्धांत मुखर्जी जेईईमेन (JEE Main 2021) फरवरी परीक्षा में 100 परसेंटाइल (100 Percentile) लेकर आए थे. इसी के बूते पर वह जेईई मेन 2021 के फर्स्ट रैंक वाले स्टूडेंट्स में शामिल हैं. उन्होंने पूरे में से पूरे अंक लाकर परफेक्ट स्कोर जेईईमेन (Perfect Score In Jee Main) में किया था, यानी कि 300 में से 300 अंक उनके आए थे. सिद्धांत के पिता संदीप मुखर्जी रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) कंपनी संचालित करते हैं व मां नबनीता मुखर्जी बैंक कर्मचारी हैं. सिद्धांत कोटा में अपनी नानी श्रीपर्णा के साथ रहते थे. साथ ही एडवांस की तैयारी भी वह कोटा से ही कर रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ सिद्धांत को कराटे का भी शौक है, ब्लैक बेल्ट होल्डर हैं, क्वींस कॉमनवैल्थ निबंध प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल भी प्राप्त कर चुके हैं. सिद्धांत आईआईटी मुंबई की कंप्यूटर साइंस ब्रांच से बीटेक करना चाहते हैं. इसके बाद इसी फील्ड में इनोवेटिव इंडिया में अपना योगदान देना चाहते हैं. इसी सपने को लेकर वह 2019 में कोटा आए थे.
कोटा है खास
सिद्धांत कहते हैं- पूरे देश के स्टूडेंट्स यहां आते हैं.इसलिए पढ़ाई के लिए बेस्ट पीयर ग्रुप (Peer Group) मिलता है. मैंने जेईई मेन की तैयारी के लिए एनसीईआरटी (NCERT) पर फोकस किया. सबसे ज्यादा एक्यूरेसी (Accuracy) पर ध्यान दिया. कोटा के कोचिंग संस्थान में कॉम्पिटिशन अच्छा है और टीचिंग मैथड परफेक्ट है. लॉकडाउन में पांच महीने घर चला गया था, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज जारी रखी. जिससे परीक्षा की तैयारी के लिए निरंतरता बनी रही.
सिद्धांत की उपलब्धियां
10वीं में 98.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. एनएसइजेएस स्टेज-1 की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 प्राप्त कर चुका हूं. सिद्धांत का कहना है कि उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई के लिए ऑफर लेटर प्राप्त हो चुका है.
मृदुल अग्रवाल ने समय की कीमत पहचानी
जयपुर के रहने वाले मृदुल अग्रवाल ने फरवरी और मार्च जेईई मेन (JEE Main) परीक्षा दोनों में 100 परसेंटाइल अंक प्राप्त किए थे. हालांकि मार्च में ही मृदुल को 300 में से 300 परफेक्ट स्कोर (Perfect Score) मिले हैं. मृदुल का कहना है कि वह रोज का टारगेट लेकर पढ़ाई करते थे और उस दिन के टॉपिक को खत्म करके ही सोते थे. इसमें दूसरे दिन की तैयारी भी रहती थी कि अगले दिन क्या पढ़ाई करनी है.
रोजाना 6 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी बिना किसी रोक टोक के की.
लॉकडाउन में तलाशा अवसर
मृदुल का कहना है- लॉकडाउन का मुझे काफी फायदा मिला और इसी के चलते मैं टॉपर बन पाया. लॉकडाउन के चलते पिछले दिनों मुझे लाभ हुआ. ऑनलाइन ही कोचिंग से पढ़ाई पूरी की. कई साथी स्टूडेंट्स का साथ मिला, तो डाउट इंटरेक्शन और बढ़ गया. अब जेईई-एडवांस्ड का टारगेट है और आईआईटी मुम्बई (IIT Mumbai) से कम्प्यूटर साइंस (Computer Science) की पढ़ाई करना चाहता हूं. पापा प्रदीप अग्रवाल एक प्राइवेट फर्म में अकाउंट्स मैनेजर हैं. वहीं मां पूजा अग्रवाल गृहिणी हैं. Motivation मां और टीचर्स ने बढ़ाए रखा.
क्या करना चाहते हैं मृदुल
मूवीज देखने के शौकीन हैं मृदुल लेकिन पढ़ाई को लेकर भी उतने ही सजग हैं. तभी दसवीं में (CBSE Board) 98.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. अब चाहते हैं कि IITian बनने के बाद खुद का स्टार्टअप (Startup) शुरू करें.
छत्तीसगढ़ के अंशुल को मिला कोटा का साथ तो कर दिया कमाल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी अंशुल वर्मा जेईईमेन (JEE Main) के तीसरे सेशन (3rd Session Of JEE Main) में राजस्थान के टॉपर रहे थे. अंशुल कोटा से ही तैयारी कर रहे थे, इसीलिए छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी होते हुए भी वो राजस्थान के टॉपर बने. यहां तक कि उन्होंने 100 परसेंटाइल स्कोर के साथ साथ 300 में 300 का परफेक्ट स्कोर भी किया है. हालांकि अंशुल जेईईमेन, फरवरी और मार्च में भी Appear हुए , लेकिन 100 परसेंटाइल का स्कोर नहीं अर्जित कर पाए.
ऐसे में कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते तीसरा सेशन टल गया और तीसरे सेशन में ही उन्होंने काफी जमकर तैयारी की. जिसके बाद 100 परसेंटाइल का स्कोर कर दिखाया. अंशुल ने बताया कि मैंने जेईई मेन फरवरी में 99.95 और मार्च अटैम्प्ट में 99.93 पर्सेन्टाइल, स्कोर किए थे. मैं दोनों रिजल्ट से संतुष्ट नहीं था. इसलिए मैंने जुलाई में थर्ड अटैम्प्ट (3rd Attempt) दिया, जिसकी तैयारी में मुझे कोटा की एक्सपर्ट फैकल्टीज (Expert Faculty Of Kota) व स्टडी मैटेरियल (Study Material) का काफी सपोर्ट मिला. एनसीईआरटी सिलेबस (NCERT Syllabus) और जेईई मेन (JEE Main) के विशेष टॉपिक्स (Special Topics) पर ज्यादा फोकस किया.
अंशुल की उपलब्धियां और शौक
10वीं 98.4 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की और केवीपीवाय (किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना) एसएक्स में ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल की थी. बताते हैं- रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करता हूं और रीक्रिएशन के लिए क्रिकेट खेलने जाता हूं या पापा के साथ शतरंज खेलता हूं. पिता डॉ. कृष्णकुमार वर्मा पशु चिकित्सक हैं और मां दमयंती वर्मा राजकीय स्कूल में शिक्षक हैं.
कोटा का कोई तोड़ नहीं
अंशुल मानते हैं कि कोटा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. अपनी बड़ी बहन का जिक्र करते हैं. कहते हैं- मेरी बड़ी बहन रूपल वर्मा एनआईटी रायपुर (NIT, Raipur) से बीटेक (BTech) कर रही है. उसने भी कोटा से तैयारी की थी, तभी मुझे भी प्रेरणा मिली, कोटा कोचिंग का कोई मुकाबला नहीं है. मैं एनएसईजेएस (NSEJS) और आईएनएमओ (INMO) की वर्कशॉप के लिए कोटा आया था. यहां की फैकल्टीज काफी अनुभवी हैं और कोटा का माहौल भी पॉजिटिव लगा. इसके बाद मैंने जेईई की तैयारी के लिए कोटा के कोचिंग में एडमिशन लेने का निर्णय लिया. फिलहाल जेईई एडवांस्ड पर फोकस हूं. मैं भविष्य में आईआईटी मुम्बई (IIT Mumbai) की सीएस ब्रांच (CS Branch) से बीटेक करना चाहता हूं. कोटा में पूरे देश के विभिन्न राज्यों के स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी करने आते हैं। इसलिए वहां बेस्ट कॉम्पिटिशन और पीयर ग्रुप मिलता है.इससे स्टूडेंट को खुद की तैयारी के आंकलन का मौका मिलता है. सब एक-दूसरे से बेहतर करने की कोशिश करते हैं और इस वजह से स्टूडेंट की तैयारी में लगातार सुधार आता है.