कोटा. देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस 2021 को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर 3 अक्टूबर को देश भर के 229 शहरों पर आयोजित करेगा. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट का कहना है कि जेईई एडवांस्ड 2021 प्रवेश परीक्षा कई मायनों में जेईई मेन 2021 से अलग है. जहां एक ओर जेईई मेन 2021 में विषयवार कटऑफ परीक्षा परिणाम को प्रभावित नहीं करती, वहीं दूसरी ओर जेईई एडवांस्ड में विषयवार कटऑफ क्लियर होना अनिवार्य है.
उनका कहना है कि यदि विद्यार्थी को किसी विषय विशेष में विषयवार कटऑफ से कम अंक प्राप्त होते हैं, तो उसे असफल करार दिया जाता है. विषय-वार कटऑफ क्लियर होने के बाद ही एग्रीगेट कटऑफ के आधार पर विद्यार्थी की सफलता एवं असफलता का निर्णय होता है. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस का यूनिक फीचर है. इसीलिए इस परीक्षा को यह विश्व का सबसे कठिन बनाता है. इसीलिए देश से निकले हुए जितने भी आईआईटियन है, वह पूरे विश्व को लीड करते हैं. इस परीक्षा में आपका हर सब्जेक्ट पर कमांड होना काफी जरूरी है, जिनमें मैथमेटिक्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री शामिल है.
नहीं होता है पेपर पैटर्न और मार्किंग का तरीका डिस्क्लोज...
परीक्षा की एक और यूनिक बात है कि इस परीक्षा का कोई पैटर्न डिस्क्लोज नहीं है. यह 3 अक्टूबर को परीक्षा है, उसी दिन विद्यार्थी को पता चलेगा कि किस तरह की परीक्षा होने वाली है. कितने क्वेश्चन परीक्षा में पूछे जाएंगे, किन प्रश्नों का कितना मार्क्स मिलेंगे, माइनस मार्किंग में कितने अंक काटे जाएंगे और सही प्रश्न तो कितने अंक मिलेंगे. इस परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों को सब कुछ पढ़कर जाना होता है. यह एग्जाम पूरी तरह से ब्लाइंड है और परीक्षा देते समय ही सारे निर्णय परीक्षार्थी को लेने होते हैं. टैलेंट को खोजने के लिए सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा यह है.
सलाह : प्रश्न पत्र पर दिए निर्देश ठीक से पढ़ें...
देव शर्मा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड का पैटर्न व पूर्णांक "जेईई-मेन" व "नीट यूजी" परीक्षा की तरह पूर्व निर्धारित नहीं होते. प्रतिवर्ष पूर्णांक व क्वेश्चन पेपर पेटर्न परिवर्तित होते रहते हैं. क्वेश्चन पेपर के कुछ भाग में नेगेटिव मार्किंग होती है, तो कुछ भाग में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है. यही कारण है कि विद्यार्थियों को क्वेश्चन पेपर के प्रारंभ में दी गई इंस्ट्रक्शन को ध्यानपूर्वक पढ़ने की सलाह दी जाती है. जेईई मेन में फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथमेटिक्स किसी विषय में उसकी कैटेगरी के अनुसार कटऑफ कम रह जाते हैं, तो वह विद्यार्थी असफल घोषित कर दिया जाएगा. कॉमन रैंक लिस्ट में स्थान प्राप्त करने के लिए विषयवार व एग्रीगेट न्यूनतम कटऑफ क्लियर करना अनिवार्य है.
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ऐसे में स्टूडेंट प्रश्न-पत्र हल करने के दौरान समय व विषय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखें, ताकि वे विषयवार व एग्रीगेट कटऑफ दोनों को क्लियर कर कॉमन रैंक लिस्ट में शामिल होने की पात्रता हासिल कर सकें.
जेईई मेन के माइंडसेट से निकलना होगा...
देव शर्मा का कहना है कि जेईई मेंस परीक्षा से करीब ढाई लाख से ज्यादा बच्चे एडवांस के लिए चयनित हुए हैं. इन परीक्षार्थियों को जेईई मेन के माइंड सेट से बाहर निकलना होगा. क्योंकि जेईई मेन परीक्षा में फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में किसी एक सब्जेक्ट में नंबर कम आए या नंबर माइनस में भी आए हैं, तो भी चल जाता है. क्योंकि बचे हुए 2 सब्जेक्ट में अगर आपके नंबर ज्यादा अच्छे आए हैं, तो ओवर ऑल मार्क्स अच्छे हो जाते हैं तो आप अच्छा प्रतिशत प्राप्त कर सकते हैं. आपको कहीं भी सलेक्शन में दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन जेईई एडवांस परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को अपने इस पूरे माइंडसेट को बदलना होगा. क्योंकि यहां पर विषय वार और एग्रीगेट कटऑफ दोनों की आवश्यकता पास होने के लिए चाहिए.
सरकार विशेष परिस्थिति में करती है कटऑफ में बदलाव...
देव शर्मा ने बताया कि वर्तमान मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन व पूर्व मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट ने 13 जून 2018 को जारी किए गए आदेशों के अनुसार विशेष परिस्थितियों में जब सफल विद्यार्थियों की संख्या न्यूनतम आवश्यक संख्या से भी कम हो जाती है, तो सफल विद्यार्थियों की न्यूनतम आवश्यक संख्या प्राप्त करने के लिए कटऑफ कम कर दी जाती है. जेईई एडवांस्ड 2019 व 2020 में भी ऐसा किया गया था.
यह रहेगी जेईई एडवांस क्लियर करने के लिए कटऑफ...
सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए : विषयवार कटऑफ - 10 फीसदी, एग्रीगेट कटऑफ- 35 फीसदी.
ईडब्ल्यूएस व ओबीसी-एनसीएल : विषयवार कटऑफ- 9 फीसदी, एग्रीगेट कटऑफ- 31.5 फीसदी.
एससी-एसटी व पीडब्ल्यूडी : विषयवार कटऑफ- 5 फीसदी, एग्रीगेट कटऑफ- 17.5 फीसदी.