कोटा. जिले के जेके लोन अस्पताल में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला पूरे देश भर में छाया हुआ है. इस पर राजनीतिक दल अपनी-अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. सरकार बचाव में जुटी हुई है, तो भाजपा लगातार सरकार के ऊपर हमले कर रही है.
इसके साथ ही जेके लोन अस्पताल में अभी भी बच्चों की मौत के सिलसिला नहीं रुक रहा है. 24 दिसंबर तक यहां पर 71 बच्चों की मौत हुई थी, वहीं 23 से 24 दिसंबर तक 10 बच्चों की मौत 2 दिन में ही हो गई थी. इस पर ही हंगामा मचा हुआ है, लेकिन 25 से 30 दिसंबर तक भी 14 और बच्चों की मौत जेकेलोन अस्पताल में हुई है, जिनमें से 6 बच्चों की मौत तो एक ही दिन 28 दिसंबर को हुई है.
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बीते 6 दिनों में हुई मौत की बात की जाए तो सात बच्चों की मौत पीडियाट्रिक आईसीयू में हुई है. वहीं नौ बच्चों की मौत नियों-नेटल आईसीयू में हुई है. बता दें कि इस साल जेकेलोन अस्पताल में अब तक 955 बच्चों की मौत उपचार के दौरान हो चुकी है. हालांकि यह आंकड़ा पिछले 6 साल में सबसे कम है.
चिकित्सक कर रहे दावा गंभीर थे इसलिए हुई मृत्यु...
सभी मौतों के मामले में चिकित्सक सीधे तौर पर तो कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन उनका तर्क है कि बच्चों की मौत उनके गंभीर रूप से बीमार होने के चलते हुई है. साथ ही अधिकांश बच्चे दूसरी यूनिट से रेफर हो कर आए थे. कोटा में अधिकांश बच्चे बाहर से रेफर होकर आते हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज में जहां पर झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां के साथ मध्यप्रदेश के एडज्वाइनिंग एरिया के मरीज आते हैं. इस प्रकार है अस्पताल में मौतों का आंकड़ा दिन - पीडियाट्रिक आईसीयू- नियोंनेटल आईसीयू 25 दिसंबर- 1 - 0
- 26 दिसंबर - 1 - 2
- 27 दिसंबर - 1 - 1
- 28 दिसंबर - 2 - 4
- 29 दिसंबर - 1 - 1
- 30 दिसम्बर - 1 - 1
कुल - 7 - 9