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Special: इस संभाग में 29 फीसदी बिजली पर लगता है 'चूना', यह शहर बिजली चोरी में अव्वल - increased electricity bill news

प्रदेश में बिजली की दरें 10 से 1 फीसदी बढ़ गई. इससे हर उपभोक्ताओं के बिलों में करंट दौड़ेगा, लेकिन सरकार की मंशा के अनुरूप बिजली की चोरी यानि छीजत नहीं रुक पा रही है. हाड़ौती के शहरी क्षेत्रों में बिजली की छीजत के आंकड़ा जुटाने पर सामने आया कि 29 फीसदी बिजली चोरी में ही चली जाती है, जिसका खामियाजा समय से बिल जमा करने वाले उपभोक्ता को ही उठाना पड़ रहा है. कोटा में जहां पर 29, बारां में 39, बूंदी में 19 और झालावाड़ में 32 फीसदी बिजली चोरी में चली जाती है.

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हाड़ौती संभाग में 29 फीसदी बिजली जा रही चोरी में...
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Published : Feb 10, 2020, 9:49 PM IST

कोटा. प्रदेश में बिजली की दरें 10 से 11 फीसदी के करीब बढ़ा दी गई हैं. इससे हर आम से लेकर खास उपभोक्ता तक को फर्क पड़ेगा, जो कम बिजली से लेकर हजारों यूनिट तक की खपत करते वाले उपभोक्ता के बिलों में करंट दौड़ेगा. लेकिन बात की जाए बिजली कंपनी की तो वह भी लगातार घाटे में ही चल रही है. सरकार की मंशा के अनुरूप बिजली की चोरी यानि छीजत नहीं रुक पा रही है.

हाड़ौती संभाग में 29 फीसदी बिजली जा रही चोरी में...

हालात ऐसे हैं कि कई जिलों में बिजली की छीजत लगातार बढ़ ही रही है, जिससे की सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने हाड़ौती के शहरी क्षेत्रों में बिजली की छीजत के आंकड़े जुटाए, तो सामने आया कि 29 फीसदी बिजली चोरी में ही चली जाती है. पिछले साल 26 से ये 3 फीसदी बढ़ी है, जिसका खामियाजा समय से बिल जमा करने वाले उपभोक्ता को ही उठाना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः पुलवामा का 'दर्द': कोटा के शहीद हेमराज मीणा का परिवार उस भयावह मंजर को याद कर सिहर उठता है...

संभाग की कुछ नगर परिषद या नगर पालिकाओं को छोड़ दें तो बाकी सब में आंकड़ा बिजली की छीजत का बढ़ता ही नजर आ रहा है. इससे साफ है कि बिजली चोरी रोकने में विभाग नाकाम ही नजर आ रहा है. कोटा जिले में जहां पर 29, बारां में 39, बूंदी में 19 और झालावाड़ में 32 फीसदी बिजली चोरी में चली जाती है.

सबसे ज्यादा झालावाड़ जिले में बढ़ी...

बिजली चोरी की बात की जाए तो साल 2018 से 2019 में झालावाड़ जिले में बिजली चोरी 10 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गई है. झालावाड़ शहर में तो 15 फीसदी बिजली की चोरी 1 साल में बढ़ी है. इसके चलते झालावाड़ शहर बिजली चोरी में अव्वल 49 फीसदी के साथ बना हुआ है. इसके अलावा झालरापाटन, अकलेरा, भवानीमंडी और पिड़ावा एरिया में भी बिजली चोरी बढ़ गई है.

बारां जिला बिजली चोरी में, संभाग में अव्वल...

बारां जिला बिजली चोरी में संभाग में अव्वल है. यहां पर 39 फीसदी बिजली चोरी या छीजत में चली जाती है. बारां शहर की बात की जाए तो पिछले साल के यहां पर 44 फीसदी बिजली चोरी होती थी. हालांकि इस साल यह कम होकर 36 फीसदी रह गई है. अंता शहर में 4 फीसदी सीजन कम हुई है, लेकिन मांगरोल में 16 फीसदी और छबड़ा में 10 फीसदी बिजली चोरी पिछले साल की अपेक्षा बढ़ गई है.

झालावाड़ शहर 49 फीसदी चोरी से अव्वल...

कोटा शहर में 10 फीसदी से कम होनी चाहिए, ये दोगनी...

कोटा शहर की बात की जाए तो साल 2018 में जहां पर 22.80 फीसदी बिजली की छीजत हो रही थी. यह इस साल कम होकर 20.70 फीसदी ही रह गई है. जबकि सरकार की मंशा के अनुरूप शहरी क्षेत्रों में 10 फीसदी ही बिजली की छीजत होनी चाहिए. जयपुर में जहां पर 9 फीसदी ही बिजली की छीजत कोटा में यह उससे दोगनी है.

यह शहरी क्षेत्र बिजली चोरी में सबसे आगे...

कोटा जिले के कैथून में 45 और सांगोद में 35 बिजली की छीजत हो रही है. बारां जिले के कस्बों की बात की जाए तो अंता में 41, मांगरोल में 46 और छबड़ा में 45 फीसदी बिजली चोरी में जा रही है.

शहर-छीजत (2018)-छीजत (2019)-पिछले साल के मुकाबले
कोटा जिले में...

  • कोटा केईडीएल - 22.80 - 20.70 - कम हुई
  • इटावा - 19.55 - 21.73 - बढ़ गई
  • कैथून - 49.22 - 45.03 - कम हुई
  • रामगंजमंडी - 15.68 - 19.36 - बढ़ गई
  • सांगोद - 41.35 - 35.43 - कम हुई
  • कुल - 31.18 - 29.31 (केईडीएल को छोड़कर) - कम हुई

बारां जिले में...

  • बारां - 43.84 - 35.65 - कम हुई
  • अंता - 44.10 - 40.80 - कम हुई
  • मांगरोल - 26.59 - 43.00 - बढ़ गई
  • छबड़ा - 35.00 - 45.00 - बढ़ गई
  • कुल - 40.80 - 39.00 - कम हुई

बूंदी जिले में...

  • बूंदी - 15.60 - 18.17 - बढ़ गई
  • केशोरायपाटन - 14.00 -14.00 - कोई अंतर नहीं
  • कापरेन - 11.64 - 27.55 - बढ़ गई
  • लाखेरी - 14.50 - 14.50 - कोई अंतर नहीं
  • इंदरगढ़ - 14.05 - 11.18 - कम हुई
  • नैनवा - 43.09 - 31.99 - कम हुई
  • कुल - 16.96 - 18.80 - बढ़ गई

झालावाड़ जिले में...

  • झालावाड़ - 34.10 - 48.99 - बढ़ गई
  • झालरापाटन -19.68 - 22.90 - बढ़ गई
  • अकलेरा - 20.39 - 33.54 - बढ़ गई
  • भवानीमंडी - 09.38 - 13.35 - बढ़ गई
  • पिड़ावा - 25.55 - 30. 85 - बढ़ गई
  • कुल - 22.10 - 32.47 - बढ़ गई

कोटा. प्रदेश में बिजली की दरें 10 से 11 फीसदी के करीब बढ़ा दी गई हैं. इससे हर आम से लेकर खास उपभोक्ता तक को फर्क पड़ेगा, जो कम बिजली से लेकर हजारों यूनिट तक की खपत करते वाले उपभोक्ता के बिलों में करंट दौड़ेगा. लेकिन बात की जाए बिजली कंपनी की तो वह भी लगातार घाटे में ही चल रही है. सरकार की मंशा के अनुरूप बिजली की चोरी यानि छीजत नहीं रुक पा रही है.

हाड़ौती संभाग में 29 फीसदी बिजली जा रही चोरी में...

हालात ऐसे हैं कि कई जिलों में बिजली की छीजत लगातार बढ़ ही रही है, जिससे की सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने हाड़ौती के शहरी क्षेत्रों में बिजली की छीजत के आंकड़े जुटाए, तो सामने आया कि 29 फीसदी बिजली चोरी में ही चली जाती है. पिछले साल 26 से ये 3 फीसदी बढ़ी है, जिसका खामियाजा समय से बिल जमा करने वाले उपभोक्ता को ही उठाना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः पुलवामा का 'दर्द': कोटा के शहीद हेमराज मीणा का परिवार उस भयावह मंजर को याद कर सिहर उठता है...

संभाग की कुछ नगर परिषद या नगर पालिकाओं को छोड़ दें तो बाकी सब में आंकड़ा बिजली की छीजत का बढ़ता ही नजर आ रहा है. इससे साफ है कि बिजली चोरी रोकने में विभाग नाकाम ही नजर आ रहा है. कोटा जिले में जहां पर 29, बारां में 39, बूंदी में 19 और झालावाड़ में 32 फीसदी बिजली चोरी में चली जाती है.

सबसे ज्यादा झालावाड़ जिले में बढ़ी...

बिजली चोरी की बात की जाए तो साल 2018 से 2019 में झालावाड़ जिले में बिजली चोरी 10 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गई है. झालावाड़ शहर में तो 15 फीसदी बिजली की चोरी 1 साल में बढ़ी है. इसके चलते झालावाड़ शहर बिजली चोरी में अव्वल 49 फीसदी के साथ बना हुआ है. इसके अलावा झालरापाटन, अकलेरा, भवानीमंडी और पिड़ावा एरिया में भी बिजली चोरी बढ़ गई है.

बारां जिला बिजली चोरी में, संभाग में अव्वल...

बारां जिला बिजली चोरी में संभाग में अव्वल है. यहां पर 39 फीसदी बिजली चोरी या छीजत में चली जाती है. बारां शहर की बात की जाए तो पिछले साल के यहां पर 44 फीसदी बिजली चोरी होती थी. हालांकि इस साल यह कम होकर 36 फीसदी रह गई है. अंता शहर में 4 फीसदी सीजन कम हुई है, लेकिन मांगरोल में 16 फीसदी और छबड़ा में 10 फीसदी बिजली चोरी पिछले साल की अपेक्षा बढ़ गई है.

झालावाड़ शहर 49 फीसदी चोरी से अव्वल...

कोटा शहर में 10 फीसदी से कम होनी चाहिए, ये दोगनी...

कोटा शहर की बात की जाए तो साल 2018 में जहां पर 22.80 फीसदी बिजली की छीजत हो रही थी. यह इस साल कम होकर 20.70 फीसदी ही रह गई है. जबकि सरकार की मंशा के अनुरूप शहरी क्षेत्रों में 10 फीसदी ही बिजली की छीजत होनी चाहिए. जयपुर में जहां पर 9 फीसदी ही बिजली की छीजत कोटा में यह उससे दोगनी है.

यह शहरी क्षेत्र बिजली चोरी में सबसे आगे...

कोटा जिले के कैथून में 45 और सांगोद में 35 बिजली की छीजत हो रही है. बारां जिले के कस्बों की बात की जाए तो अंता में 41, मांगरोल में 46 और छबड़ा में 45 फीसदी बिजली चोरी में जा रही है.

शहर-छीजत (2018)-छीजत (2019)-पिछले साल के मुकाबले
कोटा जिले में...

  • कोटा केईडीएल - 22.80 - 20.70 - कम हुई
  • इटावा - 19.55 - 21.73 - बढ़ गई
  • कैथून - 49.22 - 45.03 - कम हुई
  • रामगंजमंडी - 15.68 - 19.36 - बढ़ गई
  • सांगोद - 41.35 - 35.43 - कम हुई
  • कुल - 31.18 - 29.31 (केईडीएल को छोड़कर) - कम हुई

बारां जिले में...

  • बारां - 43.84 - 35.65 - कम हुई
  • अंता - 44.10 - 40.80 - कम हुई
  • मांगरोल - 26.59 - 43.00 - बढ़ गई
  • छबड़ा - 35.00 - 45.00 - बढ़ गई
  • कुल - 40.80 - 39.00 - कम हुई

बूंदी जिले में...

  • बूंदी - 15.60 - 18.17 - बढ़ गई
  • केशोरायपाटन - 14.00 -14.00 - कोई अंतर नहीं
  • कापरेन - 11.64 - 27.55 - बढ़ गई
  • लाखेरी - 14.50 - 14.50 - कोई अंतर नहीं
  • इंदरगढ़ - 14.05 - 11.18 - कम हुई
  • नैनवा - 43.09 - 31.99 - कम हुई
  • कुल - 16.96 - 18.80 - बढ़ गई

झालावाड़ जिले में...

  • झालावाड़ - 34.10 - 48.99 - बढ़ गई
  • झालरापाटन -19.68 - 22.90 - बढ़ गई
  • अकलेरा - 20.39 - 33.54 - बढ़ गई
  • भवानीमंडी - 09.38 - 13.35 - बढ़ गई
  • पिड़ावा - 25.55 - 30. 85 - बढ़ गई
  • कुल - 22.10 - 32.47 - बढ़ गई
Intro:प्रदेश में बिजली की दरें 10 से 11 फ़ीसदी बढ़ गई. इससे हर उपभोक्ताओं के बिलों में करंट दौड़ेगा, लेकिन सरकार की मंशा के अनुरूप बिजली की चोरी यानि छीजत नहीं रुक पा रही है. ईटीवी भारत में हाड़ौती के शहरी क्षेत्रों में बिजली की छीजत के आंकड़ा जुटाया, तो सामने आया 29 फ़ीसदी बिजली चोरी में ही चली जाती है. जिसका खामियाजा समय से बिल जमा करने वाले उपभोक्ता को ही उठाना पड़ रहा है. कोटा जिले में जहां पर 29, बारां में 39, बूंदी में 19 और झालावाड़ में 32 फ़ीसदी बिजली चोरी में चली जाती है.



Body:कोटा.
प्रदेश में बिजली की दरें 10 से 11 फ़ीसदी के करीब बढ़ा दी गई है. इससे हर आम से लेकर खास उपभोक्ता तक को फर्क पड़ेगा और जो कम बिजली से लेकर हजारों यूनिट तक की खपत करते वाले उपभोक्ता के बिलों में करंट दौड़ेगा, लेकिन बात की जाए बिजली कंपनी की तो वह भी लगातार घाटे में ही चल रही है. सरकार की मंशा के अनुरूप बिजली की चोरी यानि छीजत नहीं रुक पा रही है. हालात ऐसे हैं कि कई जिलों की बिजली की छीजत लगातार बढ़ ही रही है. जिससे कि सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ईटीवी भारत में हाड़ौती के शहरी क्षेत्रों में बिजली की छीजत के आंकड़ा जुटाया, तो सामने आया 29 फ़ीसदी बिजली चोरी में ही चली जाती है. पिछले साल 26 से ये 3 फीसदी बढ़ी है. जिसका खामियाजा समय से बिल जमा करने वाले उपभोक्ता को ही उठाना पड़ रहा है. संभाग की कुछ नगर परिषद या नगर पालिकाओं को छोड़ दें तो बाकी सब में आंकड़ा बिजली की छीजत का बढ़ता ही नजर आ रहा है. इससे साफ है कि बिजली चोरी रोकने में विभाग नाकाम ही नजर आ रहा है. कोटा जिले में जहां पर 29, बारां में 39, बूंदी में 19 और झालावाड़ में 32 फ़ीसदी बिजली चोरी में चली जाती है.

सबसे ज्यादा झालावाड़ जिले में बढ़ी
बिजली चोरी की बात की जाए तो वर्ष 2018 के परीक्षा 2019 में झालावाड़ जिले में बिजली चोरी 10 फ़ीसदी से भी ज्यादा बढ़ गई है. झालावाड़ शहर में तो 15 फ़ीसदी बिजली की चोरी 1 साल में बढ़ी है. इसके चलते झालावाड़ शहर बिजली चोरी में अव्वल 49 फ़ीसदी के साथ बना हुआ है. इसके अलावा झालरापाटन अकलेरा भवानीमंडी और पिड़ावा एरिया में भी बिजली चोरी बढ़ गई है.

बारां जिला बिजली चोरी में संभाग में अव्वल
बारां जिला बिजली चोरी में संभाग में अव्वल है. यहां पर 39 फ़ीसदी बिजली चोरी या छीजत में चली जाती है. बारां शहर की बात की जाए तो पिछले साल के यहां पर 44 फीसदी बिजली चोरी होती थी. हालांकि इस साल यह कम होकर 36 फ़ीसदी रह गई है. अंता शहर में 4 फ़ीसदी सीजन कम हुई है, लेकिन मांगरोल में 16 फ़ीसदी और छबड़ा में 10 फ़ीसदी बिजली चोरी पिछले साल की अपेक्षा बढ़ गई है.

कोटा शहर में 10 फीसदी से कम होनी चाहिए, ये दुगनी
कोटा शहर की बात की जाए तो वर्ष 2018 में जहां पर 22.80 फ़ीसदी बिजली की छीजत हो रही थी, यह इस साल कम हो कर 20.70 फीसदी ही रह गई है. जबकि सरकार की मंशा के अनुरूप शहरी क्षेत्रों में 10 फ़ीसदी ही बिजली की छीजत होनी चाहिए, जयपुर में जहां पर 9 फ़ीसदी ही बिजली की छीजत कोटा में यह उससे दुगनी है.

यह शहरी क्षेत्र बिजली चोरी में सबसे आगे
कोटा जिले के कैथून में 45 और सांगोद में 35 बिजली की छीजत हो रही है. बारां जिले के कस्बों की बात की जाए तो अंता में 41, मांगरोल में 46 और छबड़ा में 45 फीसदी बिजली चोरी में जा रही है.


Conclusion:शहर - छीजत (2018) - छीजत (2019) - पिछले साल के मुकाबले

कोटा जिला
कोटा केईडीएल - 22.80 - 20.70 - कम हुई
इटावा - 19.55 - 21.73 - बढ़ गई
कैथून - 49.22 - 45.03 - कम हुई
रामगंजमंडी - 15.68 - 19.36 - बढ़ गई
सांगोद - 41.35 - 35.43 - कम हुई
कुल - 31.18 - 29.31 (केईडीएल को छोड़कर) - कम हुई

बारां जिला
बारां - 43.84 - 35.65 - कम हुई
अंता - 44.10 - 40.80 - कम हुई
मांगरोल - 26.59 - 43.00 - बढ़ गई
छबड़ा - 35.00 - 45.00 - बढ़ गई
कुल - 40.80 - 39.00 - कम हुई


बूंदी जिला
बूंदी - 15.60 - 18.17 - बढ़ गई
केशोरायपाटन - 14.00 -14.00 - कोई अंतर नहीं
कापरेन - 11.64 - 27.55 - बढ़ गई
लाखेरी - 14.50 - 14.50 - कोई अंतर नहीं
इंदरगढ़ - 14.05 - 11.18 - कम हुई
नैनवा - 43.09 - 31.99 - कम हुई
कुल - 16.96 - 18.80 - बढ़ गई

झालावाड़ जिला
झालावाड़ - 34.10 - 48.99 - बढ़ गई
झालरापाटन -19.68 - 22.90 - बढ़ गई
अकलेरा - 20.39 - 33.54 - बढ़ गई
भवानीमंडी - 09.38 - 13.35 - बढ़ गई
पिड़ावा - 25.55 - 30. 85 - बढ़ गई
कुल - 22.10 - 32.47 - बढ़ गई

बाइट-- क्षेमराज मीणा, मुख्य अभियंता, जेवीवीएनएल कोटा
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