कोटा. चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में हिस्ट्रीशीटर देवा गुर्जर उर्फ देवा डॉन की बीते सोमवार हत्या कर दी गई थी. देवा गुर्जर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव (Deva Gurjar was active on social media) था. उसने सोशल मीडिया पर हजारों की संख्या में वीडियो डाले. इनमें से कई वीडियोज के व्यूज लाखों में हैं.
देवा गुर्जर रोजाना एक से दो वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करता था. इसके साथ ही लाइव आकर भी लोगों से बातचीत करता था. हजारों की संख्या में उसके फॉलोवर्स हैं. साथ ही उसके कई वीडियो पर तो लाखों की संख्या में देखे जा चुके हैं. वह कसरत करते, दौड़ लगाते, भगवान के दर्शन, परिवार के साथ घूमने और कई प्रैंक वीडियो भी बनवाता था. एक बड़ी टीम उसके साथ काम करती थी. वीडियो बनाने के साथ-साथ वह एक्टिंग करता भी दिखता था. वीडियो के जरिए देवा अपने आपको डॉन साबित करना चाह रहा था.
पुलिस पर वीडियो वायरल होने पर मांगी थी माफी: देवा समर्थक कुछ लोगों ने बीते साल लॉकडाउन के समय एक वीडियो शेयर किया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसमें चालान काटने की बात पर पुलिसकर्मियों से उलझते हुए एक युवक को दिखाया गया था. इस वीडियो में 'देवा डॉन कोटा वाले' के नाम की धमकी देते हुए दिखाया था. जंगल में फिल्माए गए इस वीडियो पर पुलिस भी एक्टिव हो गई थी. बाद में देवा के समर्थकों ने माफीनामा के रूप में भी एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला था.
दोनों पत्नियां रहती थी साथ में: देवा गुर्जर ने दो शादियां की थी और दोनों पत्नियां एक ही घर में साथ में रहती थी. दोनों से 9 बच्चे हैं. देवा गुर्जर की पहली शादी काली बाई के साथ में हुई थी, लेकिन 8 बेटियां हो गई बेटा नहीं होने पर उसने दूसरी शादी इंदिराबाई से की. उससे एक बेटा हुआ है. यह परिवार बोराबास में ही एक साथ रहता था. साथ ही उसके 9 बच्चे भी उनके साथ ही एक घर में रहते थे. देवा गुर्जर ने कई बार सोशल मीडिया पर बनाए गए वीडियो के लिए भी अपने पत्नियों के फोटो शेयर किए थे. इसमें देवा के साथ में नाचते हुए भी वीडियो उन्होंने डाले हैं.
पुलिस को दिया था परिवाद: देवा के परिजनों का कहना है कि उसकी पत्नी पर हमले की कोशिश उसके हत्यारों ने पहले की थी. इस संबंध में देवा गुर्जर आरकेपुरम थाने में एक परिवाद देकर गया था. जिस पर कोटा शहर पुलिस ने कोटा ग्रामीण पुलिस के चेचट और चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी थी. हालांकि वहां की पुलिस ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया. इसके चलते ही चित्तौड़गढ़ की एसपी प्रीति जैन ने रावतभाटा थानाधिकारी राजाराम गुर्जर को लाइन हाजिर कर दिया है.
12 साल से सक्रिय था अपराध में: देवा गुर्जर भी अपराध की दुनिया में सक्रिय था. साल 2010 में उसका पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. अधिकांश मुकदमे उसके चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा इलाके में ही हुए हैं. जहां पर वह प्रॉपर्टी से लेकर लेन-देन के धंधे में भी सक्रिय था. देखते ही देखते उस पर 15 से ज्यादा मुकदमे कोटा और रावतभाटा में दर्ज हो गए. रावतभाटा पुलिस ने उसे हिस्ट्रीशीटर का तमगा भी मुकदमों की संख्या के आधार पर दे दिया था.