कोटा. शहर के डीसीएम स्तिथ गोविंद नगर चौराहे पर नगर निगम का सफाई निरीक्षक की ओर से जमादार के सब्जी, कचौरी और चाय बेचने वालों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है. जिस पर आक्रोशित लोगों ने पार्षद और भाजपा नेताओं को मौके पर बुलवाया. इसके बाद उन्होंने ठेले वालों को रुपये वापस दिलवाई. इस संबंध में नगर निगम दक्षिण के उपायुक्त को शिकायत दर्ज करवाई.
बता दें कि जनता भले ही नगर निगम की नाकारापन से दुखी हो, लेकिन निगम कार्मिकों को गरीबों से वसूली से ही फुर्सत नहीं है. शनिवार को गोविन्द नगर चौराहे पर ठेले लगाकर सब्जी, कचौरी, चाय बेचने वाले गरीबों से वसूली करने वाले स्वास्थ्य निरीक्षक राजेश सनगत और जमादार अशोक को क्षेत्रीय लोगों ने रंगे हाथों पकड़ लिया. वहीं, स्थानीय निवासियों ने इस मामले की जानकारी पार्षद गिरिराज महावर और भाजपा के पूर्व कार्यसमिति सदस्य इरशाद अली को मौके पर बुलाया.
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इसके बाद भाजपा नेताओं ने मौके पर पहुंच कर देखा कि स्वास्थ्य निरीक्षक और जमादार बिना किसी चालान डायरी के कच्ची पर्ची से ही ठेले और रेहड़ी वालों से 200-200 रुपये वसूल रहे थे. साधारण कागज पर ही नाम लिखकर फर्जी पर्ची दे रहे थे और अन्य ठेलेवालों को कार्रवाई का डर दिखाकर धमका रहे थे. जिसके बाद भाजपा नेताओं ने मौके पर पहुंच कर आक्रोशित लोगों को शांत किया और वसूली करने वाले निगम कार्मिकों को फटकार लगाई. जिसके बाद उन्होंने माफी मांगते हुए ठेलेवालों से वसूली गई राशि उन्हें वापस लौटा दी.
पार्षद गिरिराज महावर ने मौके से ही निगम के उपायुक्त अशोक त्यागी को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी और उन्हें वसूली के फोटो और वीडियो भेजते हुए दोषी कर्मचारियों को निलम्बित करने की मांग की. बता दें कि वसूली के प्रमाण देखकर त्यागी भी हतप्रभ रहे गये और उन्होंने पार्षद महावर को भरोसा दिलाया कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी, ताकि भविष्य में कोई भी निगम कर्मचारी ऐसा दुस्साहस नहीं कर पाए.