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कोटा : गार्ड की सूझबूझ से बची जच्चा और बच्चा की जान, दोनों स्वस्थ - guard save pregnant womens life

एक अस्पताल में सुरक्षा गार्ड की सूझबूझ से एक महिला और नवजात की जान बचाई जा सकी. मामला कोटा के एक अस्पताल का है. जहां अस्पताल के फर्श पर लेटी प्रसव से कराह रही एक महिला के उपर गार्ड की नजर पड़ी. गार्ड ने उस महिला की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए तत्काल गोद में उठा लिया और वार्ड की तरफ बढ़ा ही था की महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गया. इसके बाद कुछ ही देर में बच्ची का जन्म हुआ. जिसे गार्ड की सजगता से बचा लिया गया.

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Published : Oct 17, 2019, 2:41 PM IST

कोटा. न्यू मेडिकल अस्पताल में बुधवार शाम एक गार्ड की सूझबूझ से जच्चा और बच्चा की जान बच गई. दरअसल, लेबर पेन शुरू होने के बाद अस्पताल के रैम्प पर लेटी महिला को गार्ड गोद में उठाकर वार्ड में ले जा रहा था, तभी डिलीवरी हो गई. गार्ड ने यहां समझदारी का परिचय दिया और महिला के कपड़े का इस्तेमाल कर बच्ची को गोद से गिरने से बचा लिया. यदि जरा भी असावधानी रहती तो बच्ची फर्श पर गिर सकती थी.

सुरक्षा गार्ड की सूझबूझ ने एक महिला और बच्ची की बचाई जान

मामले में मेडिकल कालेज के सुरक्षा गार्ड मुकेश मीणा ने बताया कि वो राउंड करके नीचे आ रहा था. इसी दौरान रैम्प पर एक महिला लेटी हुई दिखी जो दर्द के कारण चीख रही थी. उसके साथ दो महिलाएं और भी थी, लेकिन वो सिर्फ उसे देख रही थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गार्ड महिला को गोद में उठाकर वार्ड की ओर ले जाने लगा. लेकिन, रास्ते में ही उसने बच्ची को जन्म दे दिया.

पढ़ें: नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी का उदयपुर से खास नाता...यहीं से की थी अपने काम की शुरुआत

गार्ड ने बताया कि अच्छी बात यह रही कि उसका लहंगा मैने पूरी तरह कवर किया हुआ था, इसलिए बच्ची नीचे गिरने से बच गई. उसका कहना रहा कि जब मैंने उसे वार्ड में ले जाकर पलंग पर लिटाया तो वह बच्ची मेरी गोद में थी. महिला के मुताबिक उसका नाम ममता बाई है और वो जाखमुंड की रहने वाली है. ममता बाई की साथ आई उसकी सास ने बताया कि टैंपो में आने से रास्ते में उबड़-खाबड़ सड़क होने से महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी. फिलहाल, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है.

कोटा. न्यू मेडिकल अस्पताल में बुधवार शाम एक गार्ड की सूझबूझ से जच्चा और बच्चा की जान बच गई. दरअसल, लेबर पेन शुरू होने के बाद अस्पताल के रैम्प पर लेटी महिला को गार्ड गोद में उठाकर वार्ड में ले जा रहा था, तभी डिलीवरी हो गई. गार्ड ने यहां समझदारी का परिचय दिया और महिला के कपड़े का इस्तेमाल कर बच्ची को गोद से गिरने से बचा लिया. यदि जरा भी असावधानी रहती तो बच्ची फर्श पर गिर सकती थी.

सुरक्षा गार्ड की सूझबूझ ने एक महिला और बच्ची की बचाई जान

मामले में मेडिकल कालेज के सुरक्षा गार्ड मुकेश मीणा ने बताया कि वो राउंड करके नीचे आ रहा था. इसी दौरान रैम्प पर एक महिला लेटी हुई दिखी जो दर्द के कारण चीख रही थी. उसके साथ दो महिलाएं और भी थी, लेकिन वो सिर्फ उसे देख रही थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गार्ड महिला को गोद में उठाकर वार्ड की ओर ले जाने लगा. लेकिन, रास्ते में ही उसने बच्ची को जन्म दे दिया.

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गार्ड ने बताया कि अच्छी बात यह रही कि उसका लहंगा मैने पूरी तरह कवर किया हुआ था, इसलिए बच्ची नीचे गिरने से बच गई. उसका कहना रहा कि जब मैंने उसे वार्ड में ले जाकर पलंग पर लिटाया तो वह बच्ची मेरी गोद में थी. महिला के मुताबिक उसका नाम ममता बाई है और वो जाखमुंड की रहने वाली है. ममता बाई की साथ आई उसकी सास ने बताया कि टैंपो में आने से रास्ते में उबड़-खाबड़ सड़क होने से महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी. फिलहाल, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है.

Intro:मेडिकल कालेज अस्पताल में महिला को रेम्प पर प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उठा कर ले जा रहे सुरक्षा गार्ड की गोद मे दिया बच्ची को जन्म, दोनो स्वस्थ
कोटा के न्यू मेडिकल अस्पताल में बुधवार शाम एक गार्ड की सूझ बूझ से जच्चा-बच्चा की जान बच गई।लेबर पेन शुरू होने के बाद रैम्प पर लेटी महिला को गार्ड गोद में उठाकर ले जा रहा था, रास्ते मे ही डिलीवरी हो गई।गार्ड ने यहां भी समझदारी का परिचय दिया और उसके लहंगे में बच्ची को झेल लिया।यदि जरा भी असावधानी रहती तो बच्ची फर्स पर गिर सकती थी।
Body:मेडिकल कालेज के सुरक्षा गार्ड मुकेश मीणा ने बताया कि में राउंड करके नीचे आ रहा था।रैम्प पर एक महिला लेटी हुई थी और दर्द के चलते जोर जोर से चिल्ला रही थी उसके साथ दो महिलाएं और भी थी, लेकिन वे सिर्फ उसको देख रही थी।स्थिति की गंभीरता को देखते समझते हुए मेने अपना सामान अन्य सुरक्षा गार्ड को पकड़ाया ओर स्ट्रेक्चर ढूंढने लगा वह नही मिलने पर तुरन्त महिला को गोद मे उठाकर वार्ड की ओर ले जाने लगा।लेकिन रास्ते मे ही उसने बच्ची को जन्म दे दिया।अच्छी बात यह रही कि उसका लहंगा मेने पूरी तरह कवर किया हुआ था,इसलिए बच्ची उसमें रह गई।जब मैने उसको वार्ड में लेजाकर पलंग पर लिटाया तो वह बच्ची मेरी गोद मे थी।महिला के अनुसार उसका नाम जाखमुंड निवासी ममता बाई बता रही थी।और वह डॉक्टर को दिखाने अस्पताल आई थी।ममता बाई की साथ आई सास ने बताया कि टेम्पो में आने से गड्डो में हिलते डुलने से इसको यह दर्द शुरू हुआ।और बच्ची को जन्म दिया।डाक्टरो का कहना है कि जच्चा-बच्चा की जांच की तो दोनों स्वस्थ है।
Conclusion:जब वह दर्द से कराह रही थी उस वक्त उसका पति साथ नही था।सुरक्षा गार्ड की सूझ बूझ से आज दोनो स्वस्थ है।
बाईट-मुकेश मीणा, सुरक्षा कर्मी, मेडिकल अस्पताल
बाईट-ममता बाई, पीड़िता
बाईट-बसंती बाई, पीड़िता की सास
बाईट-रेखा बैरागी, नर्सिंग स्टाफ, गायनी वार्ड
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