कोटा. जयपुर की अल्बर्ट हॉल की तर्ज पर कोटा के गवर्नमेंट कॉलेज की बिल्डिंग को भी तैयार किया गया है. गवर्नमेंट कॉलेज की बिल्डिंग पहले से ही हेरिटेज लुक में बनी हुई है, लेकिन वहां पर बीते कई सालों से कॉलेज ही संचालित हो रहा था. ऐसे में उस बिल्डिंग की स्थिति जीण शीर्ण भी हो गई थी, पर्याप्त मेंटेनेंस भी नहीं हो पा रहा था.
प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कोटा में करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवा रहे हैं. इसके साथ ही कोटा को पर्यटन सिटी के रूप में विकसित भी किया जा रहा है. ऐसे में गवर्नमेंट कॉलेज की हेरिटेज बिल्डिंग का भी नक्शा बदल दिया है. नगर विकास न्यास से करोड़ों रुपए खर्च कर इस बिल्डिंग को तैयार किया गया है और आज रोशनी से इसे सराबोर भी किया गया. जिसके बाद इसके फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं.
घंटाघर से स्टेशन रोड जाने वाले मार्ग पर यह बिल्डिंग स्थित है, लेकिन पहले लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाती थी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर कोटा के विकास कार्यों में कंसल्टेंट के तौर पर काम कर रहे अनूप भरतरिया के सुझाव पर ही इस बिल्डिंग को तैयार किया गया है. सड़क से गुजरने वाले लोगों को यह बिल्डिंग साफ नजर आ सके ऐसी व्यवस्था भी की गई है. साथ ही यहां पर लाखों रुपए का खर्चा कर लाइटिंग की व्यवस्था भी की गई है.
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आज इसी लाइट को चालू किया गया है. हालांकि अभी पूरी तरह से यहां पर निर्माण नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह से यह बिल्डिंग रोशनी से सराबोर हो गई है. उससे इसकी खूबसूरती अब नजर आने लगी है.
महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय के समय अंग्रेजों ने तैयार की थी यह बिल्डिंग
इतिहासकारों के अनुसार गवर्नमेंट कॉलेज की यह बिल्डिंग हर्बर्ट हाई स्कूल के नाम से हुआ करती थी. इस बिल्डिंग में 25 मार्च 1909 में हर्बर्ट हाई स्कूल की शुरुआत हुई. कोटा के तत्कालीन महाराव उम्मेद द्वितीय ने इसके लिए पहल की थी. यह पूरी इमारत भारतीय वास्तुशिल्प का एक अच्छा नमूना है.
कोटा के तत्कालीन ब्रिटिश राजनीतिक एजेंट कर्नल चार्ल्स अल्बर्ट ने इस स्कूल के आधारशिला रखी थी. इस इमारत एक केंद्रीय घंटाघर भी है. यह पूरा भवन 1920 में बनकर तैयार हुआ. हालांकि यहां पर 1912 से ही स्कूल शुरू हो गया था. 1936 में इस हर्बर्ट स्कूल को इंटर कॉलेज में अपग्रेड किया गया और 1947 के बाद में कॉलेज को पूरी तरह से आगरा विश्वविद्यालय से जोड़कर दिया था. स्वतंत्रता के बाद इस स्कूल का नाम बदलकर गवर्नमेंट कॉलेज कर दिया गया.