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खुले में कचरा परिवहन रोकेगा कोटा नगर निगम, अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट मशीनों के जरिए कैप्सूल टैंकर में भेजा जाएगा कचरा

कोटा में खुले में कचरा परिवहन से निजात दिलाने के लिए अत्याधुनिक कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन बनाया जा रहा है. जहां पर पूरी तरह से कचरे को कवर कर एक टैंकर नुमा कैप्सूल वाहन के जरिए भेजा जाएगा. इसके लिए कचरे को पहले कंप्रेस भी किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा जा सके.

कोटा न्यूज, Kota South Municipal Corporation, rajasthan news today
कचरा परिवहन के लिए बनाया जाएगा कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन
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Published : Jun 21, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 7:35 PM IST

कोटा. कोटा शहर स्मार्ट सिटी कहा जाता है, लेकिन अभी भी शहर से खुले में ही कचरा परिवहन किया जा रहा है. ये कचरा परिवहन बड़े-बड़े डंपर में जाता है, इन नंबरों को प्लास्टिक के कवर से ढक तो दिया जाता है, लेकिन फिर भी कचरा बदबू करता हुआ और सड़क पर कई जगह स्पीड पर वाहन चलने पर उड़कर गिर भी जाता है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अत्याधुनिक कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन बनाया जा रहा है. जहां पर पूरी तरह से कचरे को कवर कर कर एक टैंकर नुमा कैप्सूल वाहन के जरिए भेजा जाएगा.

कचरा परिवहन के लिए बनाया जाएगा कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन

इसके लिए कचरे को पहले कंप्रेस भी किया जाएगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा जा सके. इसके लिए स्मार्ट सिटी से ही कोटा दक्षिण नगर निगम को 5 करोड़ रुपए मिले थे जिससे कि उन्होंने अत्याधुनिक मशीनरी स्थापित की है. ये पूरा का पूरा नया कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन किशोरपुरा धार का अखाड़ा में बनाया गया है.

कोटा न्यूज, Kota South Municipal Corporation, rajasthan news today
कचरा परिवहन के लिए तैयार की गई मशीन

यह भी पढ़ें- जयपुर में अरुण सिंहः BJP नेताओं से मंथन करने के बाद निकालेंगे गुटबाजी खत्म करने का 'अमृत'

कचरे को कंप्रेस कर भरा जाएगा कैप्सूल टैंकर में

कोटा दक्षिण नगर निगम के इस कचरा स्टेशन पर दो मशीनरी लगाई गई है जो कि स्टैटिक कंपैक्टर हैं, इनमें टिपर का कचरा डाला जाएगा. जिसको यह कंप्रेस करते हुए उसमें से पानी अलग कर देगा और पूरी तरह से प्रेशर से दबाते हुए सीधा कैप्सूल टैंकर में भर दिया जाएगा. जिसके बाद कैप्सूल टैंकर को परिवहन करने वाला वाहन आएगा और उसे उठाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड ले जाएगा यह पूरी तरह से खोल कवर है. इस तरह के स्टैटिक कंपैक्टर दो स्थापित किए गए हैं. जिसमें एक सूखे और एक गीले कपड़े के लिए है. नगर निगम के जेईएन भुवनेश नावरिया का कहना है कि एक बार कैप्सूल टैंकर में करीब 10 से 12 टन कचरा आ जाएगा.

कोटा न्यूज, Kota South Municipal Corporation, rajasthan news today
खुले में कचरा परिवहन पर लगेगी रोक

छह कैप्सूल टैंकर और चार वाहन तैयार

5 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस अत्याधुनिक कचरा स्टेशन में डेढ़ करोड़ रुपए का सिविल वर्क हुआ है. इसके साथ कचरे का वजन करने के लिए दो वेइंग ब्रिज भी लगाए गए हैं जो कि आने और जाने वाले वाहनों का वजन लेंगे. इसके साथ ही 4 वाहन भी खरीदे गए हैं. शुरुआत के 6 महीने तक जिस कंपनी ने इस मशीन और अत्याधुनिक कचरा स्टेशन को बनाया है वो इसे संचालित भी करेगी. इसके बाद कोटा दक्षिण नगर निगम को हैंड ओवर कर दिया जाएगा.

4 सेक्टर का 100 टन कचरा भेजेंगे ट्रेंचिंग ग्राउंड

कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने बताया कि शुरुआत में 1 से लेकर 4 सेक्टरों का कचरा इसके जरिए भेजा जाएगा. जिसमें कि 39 वार्ड आते हैं. इन एरिया से आने वाले टिपर धार का अखाड़ा के कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन पर जाएंगे. यहां पर निर्माण लगभग पूरा हो गया है. इसमें वेइंग ब्रिज का काम करवाया जाना बाकी है, जो कि करीब 10 से 15 दिनों में पूरा हो जाएगा. इसके बाद इस कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन की शुरुआत कर देंगे.

कोटा न्यूज, Kota South Municipal Corporation, rajasthan news today
बनाया जाएगा अत्याधुनिक कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन

यह भी पढ़ें- BSP छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले विधायक ही असली गद्दार : प्रदेश प्रभारी बंशीवाल

पूरी तरह से कचरा परिवहन पॉल्यूशन फ्री रखने की योजना

कोटा दक्षिण नगर निगम के आयुक्त कीर्ति राठौड़ का ये भी कहना है कि फिलहाल ये किशोरपुरा धार का अखाड़ा में ही बनकर तैयार हुआ है. इसके बाद दोनों अलग-अलग ट्रांसपोर्ट स्टेशन थेकड़ा और विश्वकर्मा सर्किल को भी इस तरह से किया जाएगा, ताकि कोटा दक्षिण नगर निगम से पूरी तरह से कचरे का जो परिवहन है वह कैप्सूल के जरिए हो. इससे पॉल्यूशन फ्री कचरे का परिवहन कोटा शहर से होगा. यह नया ट्रांसपोर्ट स्टेशन भी पूरी तरह से कवर किया गया है. आस-पास के लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं होगा. साथ ही बदबू और जानवरों के प्रवेश कर जाने की समस्या भी नहीं रहेगी. क्योंकि कचरा यहां पर बिखरा हुआ नहीं रहेगा.

यह होगा इससे सीधा फायदा

  • शहर से कचरे का निस्तारण साइंटिफिक, सिस्टमैटिक और हाइजेनिक तरीके से शुरू होगा.
  • शहर की सड़कों पर कचरा बिखेरते हुए कचरे के डंपर नजर नहीं आएंगे.
  • खुले कचरे परिवहन से आमजन को होने वाली बीमारियों, बदबू और गंदगी खत्म होगी.
  • कचरे को कंप्रेस करने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी कम होगी.

कोटा. कोटा शहर स्मार्ट सिटी कहा जाता है, लेकिन अभी भी शहर से खुले में ही कचरा परिवहन किया जा रहा है. ये कचरा परिवहन बड़े-बड़े डंपर में जाता है, इन नंबरों को प्लास्टिक के कवर से ढक तो दिया जाता है, लेकिन फिर भी कचरा बदबू करता हुआ और सड़क पर कई जगह स्पीड पर वाहन चलने पर उड़कर गिर भी जाता है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अत्याधुनिक कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन बनाया जा रहा है. जहां पर पूरी तरह से कचरे को कवर कर कर एक टैंकर नुमा कैप्सूल वाहन के जरिए भेजा जाएगा.

कचरा परिवहन के लिए बनाया जाएगा कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन

इसके लिए कचरे को पहले कंप्रेस भी किया जाएगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा जा सके. इसके लिए स्मार्ट सिटी से ही कोटा दक्षिण नगर निगम को 5 करोड़ रुपए मिले थे जिससे कि उन्होंने अत्याधुनिक मशीनरी स्थापित की है. ये पूरा का पूरा नया कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन किशोरपुरा धार का अखाड़ा में बनाया गया है.

कोटा न्यूज, Kota South Municipal Corporation, rajasthan news today
कचरा परिवहन के लिए तैयार की गई मशीन

यह भी पढ़ें- जयपुर में अरुण सिंहः BJP नेताओं से मंथन करने के बाद निकालेंगे गुटबाजी खत्म करने का 'अमृत'

कचरे को कंप्रेस कर भरा जाएगा कैप्सूल टैंकर में

कोटा दक्षिण नगर निगम के इस कचरा स्टेशन पर दो मशीनरी लगाई गई है जो कि स्टैटिक कंपैक्टर हैं, इनमें टिपर का कचरा डाला जाएगा. जिसको यह कंप्रेस करते हुए उसमें से पानी अलग कर देगा और पूरी तरह से प्रेशर से दबाते हुए सीधा कैप्सूल टैंकर में भर दिया जाएगा. जिसके बाद कैप्सूल टैंकर को परिवहन करने वाला वाहन आएगा और उसे उठाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड ले जाएगा यह पूरी तरह से खोल कवर है. इस तरह के स्टैटिक कंपैक्टर दो स्थापित किए गए हैं. जिसमें एक सूखे और एक गीले कपड़े के लिए है. नगर निगम के जेईएन भुवनेश नावरिया का कहना है कि एक बार कैप्सूल टैंकर में करीब 10 से 12 टन कचरा आ जाएगा.

कोटा न्यूज, Kota South Municipal Corporation, rajasthan news today
खुले में कचरा परिवहन पर लगेगी रोक

छह कैप्सूल टैंकर और चार वाहन तैयार

5 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस अत्याधुनिक कचरा स्टेशन में डेढ़ करोड़ रुपए का सिविल वर्क हुआ है. इसके साथ कचरे का वजन करने के लिए दो वेइंग ब्रिज भी लगाए गए हैं जो कि आने और जाने वाले वाहनों का वजन लेंगे. इसके साथ ही 4 वाहन भी खरीदे गए हैं. शुरुआत के 6 महीने तक जिस कंपनी ने इस मशीन और अत्याधुनिक कचरा स्टेशन को बनाया है वो इसे संचालित भी करेगी. इसके बाद कोटा दक्षिण नगर निगम को हैंड ओवर कर दिया जाएगा.

4 सेक्टर का 100 टन कचरा भेजेंगे ट्रेंचिंग ग्राउंड

कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने बताया कि शुरुआत में 1 से लेकर 4 सेक्टरों का कचरा इसके जरिए भेजा जाएगा. जिसमें कि 39 वार्ड आते हैं. इन एरिया से आने वाले टिपर धार का अखाड़ा के कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन पर जाएंगे. यहां पर निर्माण लगभग पूरा हो गया है. इसमें वेइंग ब्रिज का काम करवाया जाना बाकी है, जो कि करीब 10 से 15 दिनों में पूरा हो जाएगा. इसके बाद इस कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन की शुरुआत कर देंगे.

कोटा न्यूज, Kota South Municipal Corporation, rajasthan news today
बनाया जाएगा अत्याधुनिक कचरा ट्रांसपोर्ट स्टेशन

यह भी पढ़ें- BSP छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले विधायक ही असली गद्दार : प्रदेश प्रभारी बंशीवाल

पूरी तरह से कचरा परिवहन पॉल्यूशन फ्री रखने की योजना

कोटा दक्षिण नगर निगम के आयुक्त कीर्ति राठौड़ का ये भी कहना है कि फिलहाल ये किशोरपुरा धार का अखाड़ा में ही बनकर तैयार हुआ है. इसके बाद दोनों अलग-अलग ट्रांसपोर्ट स्टेशन थेकड़ा और विश्वकर्मा सर्किल को भी इस तरह से किया जाएगा, ताकि कोटा दक्षिण नगर निगम से पूरी तरह से कचरे का जो परिवहन है वह कैप्सूल के जरिए हो. इससे पॉल्यूशन फ्री कचरे का परिवहन कोटा शहर से होगा. यह नया ट्रांसपोर्ट स्टेशन भी पूरी तरह से कवर किया गया है. आस-पास के लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं होगा. साथ ही बदबू और जानवरों के प्रवेश कर जाने की समस्या भी नहीं रहेगी. क्योंकि कचरा यहां पर बिखरा हुआ नहीं रहेगा.

यह होगा इससे सीधा फायदा

  • शहर से कचरे का निस्तारण साइंटिफिक, सिस्टमैटिक और हाइजेनिक तरीके से शुरू होगा.
  • शहर की सड़कों पर कचरा बिखेरते हुए कचरे के डंपर नजर नहीं आएंगे.
  • खुले कचरे परिवहन से आमजन को होने वाली बीमारियों, बदबू और गंदगी खत्म होगी.
  • कचरे को कंप्रेस करने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी कम होगी.
Last Updated : Jun 21, 2021, 7:35 PM IST
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