कोटा. पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत शुक्रवार को रंगपुर इलाके में पहुंचे. वहां पर पुलिस और वन विभाग ने अवैध खनन पर पाबंदी लगा रखी है. यहां के निवासियों को चंबल नदी में से रेत नहीं निकालने दी जा रही है. इन लोगों की नाव भी कुछ समय पहले पुलिस ने तोड़ दी थी. साथ ही यह इलाका चंबल घड़ियाल सेंचुरी में भी आता है, लेकिन पूर्व विधायक राजावत ने कहा कि रंगपुर के लोग केवट, कीर, कहार व अन्य जातियों के हैं. उनके सामने भूखे मरने की नौबत है. वर्षों से चंबल नदी से रेत निकालने का काम कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने रंगपुर व उसके आस-पास के क्षेत्र घड़ियाल अभयारण्य में नहीं होने की बात कह डाली.
उन्होंने कहा कि पुलिस व वनविभाग के लोग जबरन लोगों को डरा धमकाकर उन्हें रेत नहीं निकालने देते हैं. ऐसा जारी रहा तो आने वाले समय मे वे स्वंय मजदूरों के बीच आकर पुलिस व वनविभाग के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. यहां तक कि राजावत यह भी कहा कि पुलिस का आतंक है, लेकिन वह ग्रामीणों के साथ पुलिस से भी टकराएंगे. इस दौरान विधायक राजावत के साथ बालचंद मालव, दीपक मालव, लालचंद शर्मा, रामकिशन केवट, लटूरलाल डेनी, कालू केवट, चंद्र प्रकाश माली व घांसीलाल लोहार मौजूद थे
बनास में अवैध खनन पर रोक के पक्षधर, यहां छोटे गरीब लोग निकालने दी जाए बजरी
पूर्व विधायक राजावत ने स्थानीय नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय ने आधुनिक मशीनों से बनास नदी का सीना चीरकर डम्पर भरने वाले रेत माफियों के खिलाफ रोक लगाई है. वह उसके पक्षधर भी हैे, लेकिन रंगपुर व उसके आस-पास चम्बल नदी में डूबकर महिला व पुरुष श्रमिक मेहनत कर एक-एक तगारी रेत भरकर निकालते हैं, जिसमे दिनभर में उन्हें मुश्किल से पांच सौ रुपए मिलते है. जिससे वो बच्चों सहित पूरे परिवार का भरण पोषण कर पाते हैं. विधायक राजावत ने कहा कि पिछले दिनों पुलिस और वन विभाग के लोगों ने जेसीबी मशीन से रेत निकालने वाले लोगों की नाव तोड़ दी और ऐसा आतंक उन पर बरपाया है कि वह आज भी भयभीत हैं.
ग्रामीणों से बोले, डीसीएफ से बात हुई खनन कर सकते हैं
राजावत ने रंगपुर के लोगों से कहा कि इस एरिया के डीसीएफ अनिल यादव से भी फोन पर बात की है और उन्हें भी पूरी स्थिति से स्पष्ट करवा दिया है. राजावत ने कहा कि डीएफओ अनिल यादव ने उन्हें कहा है कि रंगपुर और धार्मिक नगरी केशोरायपाटन का किनारा चंबल घड़ियाल सेंचुरी में नहीं आता है. ऐसे में यहां पर जो लोग पुश्तैनी व्यवसाय करेंगे, उन्हें आपत्ति भी नहीं होगी. हालांकि इस मामले में ईटीवी भारत ने चंबल घड़ियाल सेंचुरी के डीएफओ अनिल यादव से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि केशोरायपाटन नदी का घाट का एरिया सेंचुरी में आता है.