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ऐसा देश है मेरा: लॉकडाउन में सब बंद लेकिन कोटा के 'कर्मवीरों' ने जरूरतमंदों को घर से बनवाकर खिलाया खाना

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए 31 मार्च तक राजस्थान लॉकडाउन है. जिसके चलते मजदूर, असहाय लोगों के आगे खाने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. लेकिन ऐसे में कोटा के समाजसेवी लोगों ने उन लोगों के लिए घर पर खाना बनवाकर बांटा. लोगों ने बताया कि उन्होंने रात से कुछ नहीं खाया था.

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कोटा में जरूरतमंदों को खिलाया खाना
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Published : Mar 23, 2020, 8:12 PM IST

कोटा. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में कोचिंग सिटी में सबकुछ बंद था. दिहाड़ी मजदूरी बंद हो जाने के चलते मजदूरों और असहाय लोगों को भोजन की भी समस्या आ गई है. इसके अलावा कई इलाकों के मैस व होटल-रेस्टोरेंट भी बंद होने से उनके खाने के भी लाने पड़ गए. इस समस्या से लोगों को बचाने और उन्हें भोजन उपलब्ध करवाने के लिए हाड़ौती विकास मोर्चा सहित कई संगठन आगे आए हैं. जिन्होंने आम जनता या कोचिंग स्टूडेंट की सूचना पर भोजन उपलब्ध करवाया है.

कोटा में जरूरतमंदों को खिलाया खाना

पढ़ें: कोरोना संकट के बीच जरूरतमंदों की मदद के लिए उठे हाथ, खिला रहे फ्री खाना

सोशल मीडिया पर भी दी गई जानकारी

संस्थान ने पहले घरों पर भोजन तैयार करवाया, इसके बाद जरूरतमंद लोगों और कोचिंग छात्रों को उनके घरों पर जाकर ही भोजन दिया, ताकि उन्हें भी परेशान ना होना पड़े. इसके लिए सोशल मीडिया पर भी जानकारी दी गई. ऐसे में उन्हें सैकड़ों की संख्या में फोन आए हैं. जिसके जरिए भी उन्होंने भोजन उपलब्ध करवाया है. वहीं आम लोगों ने भी दिहाड़ी मजदूरों और असहाय लोगों के लिए फोन किए, ऐसे में उन लोगों को भी फुटपाथ या अन्य जगह जाकर भोजन करवाया गया है.

पढ़ें: टोंकः कोरोना को लेकर मदद के लिए आगे आए बच्चे, पॉकेट मनी से दिए 3.5 हजार

जब तक लॉकडाउन, तब तक खाना रहेगा उपलब्ध

फुटपाथ पर बैठे लोगों का कहना है कि किसी बीमारी के चलते मजदूरी बंद हो गई है और भोजन भी मिलना बंद हो गया है. इसके चलते उन्होंने रात से कुछ नहीं खाया है. हाड़ौती विकास मोर्चा के संभाग अध्यक्ष राजेंद्र सांखला ने बताया कि उनकी चार टीमों ने सुबह 11 से दोपहर 3 बजे से जरूरतमंदों को खाना खिलाया जाता है. उन्होंने कहा कि जब तक लॉकडाउन की स्थिति रहेगी, इसी तरह से भोजन उपलब्ध करवाएंगे.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ः युवा मोर्चा ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बांटे मास्क

रेस्टोरेंट के बाहर भूखे बैठे थे लोग, खाना बनवा खिलाया

इसी तरह से सेवन वंडर रोड पर रेस्टोरेंट चलाने वाले हेमंत शर्मा को भी सूचना मिली के कुछ लोग जो कि सेवन वंडर इलाके में ही रहते हैं, उन्होंने भोजन नहीं किया है. ऐसे में उन्होंने अपने रेस्टोरेंट में भोजन बनवाया. साथ ही खाने को लेकर वह उन लोगों के पास ही पहुंचे, जहां पर उन्हें भोजन करवाया है. हेमंत का कहना है कि उन्हें आम लोगों से ही सूचना मिली थी कि कुछ लोग भूखे हैं, तो उनकी मदद के लिए हम आगे आए पहले 10 लोग थे, लेकिन जब हम भोजन करवाने लगे तो बड़ी संख्या में लोग आ गए थे. सभी को भोजन करवाया.

कोटा. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में कोचिंग सिटी में सबकुछ बंद था. दिहाड़ी मजदूरी बंद हो जाने के चलते मजदूरों और असहाय लोगों को भोजन की भी समस्या आ गई है. इसके अलावा कई इलाकों के मैस व होटल-रेस्टोरेंट भी बंद होने से उनके खाने के भी लाने पड़ गए. इस समस्या से लोगों को बचाने और उन्हें भोजन उपलब्ध करवाने के लिए हाड़ौती विकास मोर्चा सहित कई संगठन आगे आए हैं. जिन्होंने आम जनता या कोचिंग स्टूडेंट की सूचना पर भोजन उपलब्ध करवाया है.

कोटा में जरूरतमंदों को खिलाया खाना

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सोशल मीडिया पर भी दी गई जानकारी

संस्थान ने पहले घरों पर भोजन तैयार करवाया, इसके बाद जरूरतमंद लोगों और कोचिंग छात्रों को उनके घरों पर जाकर ही भोजन दिया, ताकि उन्हें भी परेशान ना होना पड़े. इसके लिए सोशल मीडिया पर भी जानकारी दी गई. ऐसे में उन्हें सैकड़ों की संख्या में फोन आए हैं. जिसके जरिए भी उन्होंने भोजन उपलब्ध करवाया है. वहीं आम लोगों ने भी दिहाड़ी मजदूरों और असहाय लोगों के लिए फोन किए, ऐसे में उन लोगों को भी फुटपाथ या अन्य जगह जाकर भोजन करवाया गया है.

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जब तक लॉकडाउन, तब तक खाना रहेगा उपलब्ध

फुटपाथ पर बैठे लोगों का कहना है कि किसी बीमारी के चलते मजदूरी बंद हो गई है और भोजन भी मिलना बंद हो गया है. इसके चलते उन्होंने रात से कुछ नहीं खाया है. हाड़ौती विकास मोर्चा के संभाग अध्यक्ष राजेंद्र सांखला ने बताया कि उनकी चार टीमों ने सुबह 11 से दोपहर 3 बजे से जरूरतमंदों को खाना खिलाया जाता है. उन्होंने कहा कि जब तक लॉकडाउन की स्थिति रहेगी, इसी तरह से भोजन उपलब्ध करवाएंगे.

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रेस्टोरेंट के बाहर भूखे बैठे थे लोग, खाना बनवा खिलाया

इसी तरह से सेवन वंडर रोड पर रेस्टोरेंट चलाने वाले हेमंत शर्मा को भी सूचना मिली के कुछ लोग जो कि सेवन वंडर इलाके में ही रहते हैं, उन्होंने भोजन नहीं किया है. ऐसे में उन्होंने अपने रेस्टोरेंट में भोजन बनवाया. साथ ही खाने को लेकर वह उन लोगों के पास ही पहुंचे, जहां पर उन्हें भोजन करवाया है. हेमंत का कहना है कि उन्हें आम लोगों से ही सूचना मिली थी कि कुछ लोग भूखे हैं, तो उनकी मदद के लिए हम आगे आए पहले 10 लोग थे, लेकिन जब हम भोजन करवाने लगे तो बड़ी संख्या में लोग आ गए थे. सभी को भोजन करवाया.

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