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हाड़ौती में बिगड़े हालात : हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की तैयारी, बारां में कई गांव बने टापू, कोटा की 200 कॉलोनियां बनीं दरिया - Flood like situation in kota division

बारिश से हाड़ौती (Flood in Kota) में पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. सैकड़ों की संख्या में गांवों का संपर्क कस्बों और जिला मुख्यालय से टूट गया है. नदियां (River) उफान पर हैं. बारां (Baran) जिले के कई गांव टापू बने हुए हैं और बड़ी संख्या में फंसे लोगों को एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें रेस्कयू करने में जुटी हैं. अब प्रशासन विकट स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू (Rescue by Helicopter) करने की तैयारी कर रहा है.

कोटा बारिश हाड़ौती जनजीवन अस्त व्यस्त
कोटा बारिश हाड़ौती जनजीवन अस्त व्यस्त
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Published : Aug 4, 2021, 12:25 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 12:49 PM IST

कोटा. बारिश के चलते हाड़ौती में पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है हालात ऐसे हैं कि सैकड़ों की संख्या में गांवों का संपर्क कस्बों और जिला मुख्यालय से कट गया है. पार्वती नदी उफान पर होने के चलते बारां जिले के कई गांव टापू बने हुए हैं. जहां पर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं. जिनको निकालने के लिए हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की तैयारी शुरू की गई है.

हाड़ौती में बिगड़े हालात

बारां जिले के शाहबाद किशनगंज के अलावा मांगरोल और अंता में भी बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. जबकि कोटा जिले के कैथून कस्बे का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. वहां की कई कॉलोनियों में बाढ़ के हालात हो गए हैं. पहले से ही खातोली और इटावा इलाके का संपर्क जिले से कटा हुआ है. बारां जिले में नेशनल हाईवे 27 पर भी पानी की चादर चल रही है. स्टेट हाईवे और मध्यप्रदेश को जोड़ने वाले कई मार्ग पहले से ही बंद पड़े हुए हैं. राज्य सरकार ने बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए एनडीआरएफ से भी संपर्क किया है. साथ ही सेना बुलाने की बात भी की जा रही है.

पढ़ें: बूंदी: केशवरायपाटन में मकान ढहा, एक ही परिवार के 7 लोग दबे...एक की मौत

हाड़ौती में कई जगह हादसे : कोटा शहर और संभाग में कई जगह बारिश जनित हादसे हुए हैं. 80 फीट रोड स्टील ब्रिज के पास साइड की दीवार ढह गई है. कोटा के प्रेम नगर इलाके में कई कच्चे मकान भी गिर गए हैं. रामपुरा हनुमानगढ़ी में भी एक जर्जर अवस्था का मकान देर रात को गिरा था. वहीं बूंदी जिले के केशवरायपाटन में मंगलवार देर रात एक मकान ढह गया. मकान ढहने से एक ही परिवार के 7 लोग दब गए. घटना में एक बच्ची ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. घटना की सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू किया.

एसडीआरएफ अजमेर भी कोटा पहुंची : हाड़ौती में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के लिए अजमेर एसडीआरएफ की टीम भी कोटा पहुंची है. बारां जिले में और इटावा क्षेत्र के कई गांव टापू बने हैं, जहां राहत कार्य शुरू किया गया है. कोटा में बीते 24 घंटों में 6 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. मंगलवार शाम 5:30 बजे से आज सुबह 5:30 बजे तक पौने 6 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है. अगस्त महीने में ही कोटा जिले में 350 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है.

पढ़ें: राजस्थान में बाढ़ के हालातों पर CM गहलोत का Tweet, कहा- जरूरत पड़ी तो सेना को बुलाएंगे

कोटा की एक लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित : शहर में भी 50 से ज्यादा छोटे बड़े ड्रेन और बरसाती नाले उफान पर हैं, जिनका पानी आसपास की कॉलोनियों में प्रवेश कर गया है. इसके चलते 200 से ज्यादा कॉलोनियों में पानी भर गया है. करीब 10000 से ज्यादा मकानों में पानी प्रवेश कर गया है. जिससे लाखों लोगों पर आफत आ गई है. कोटा नगर निगम की गोताखोर और रेस्क्यू टीम ने भी कई कॉलोनियों में पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों को बाहर निकाला है. शहर के प्रेम नगर, देवली अरब, अनंतपुरा में 1 मंजिल तक मकान डूब गए हैं. शहर के सभी मुख्य मार्गों पर बारिश का पानी भर गया है. दुकानों में भी पानी कई निचले मार्केट में भरा है.

फसलों को भारी नुकसान : संभाग में दो लाख से ज्यादा हेक्टेयर फसल के खराब होने का अंदेशा है. क्योंकि खेतों में पानी भर गया है, जिसकी निकासी नहीं हो पा रही है. भारी बारिश से धान और सोयाबीन की फसलों को भी नुकसान हुआ है.

कोटा. बारिश के चलते हाड़ौती में पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है हालात ऐसे हैं कि सैकड़ों की संख्या में गांवों का संपर्क कस्बों और जिला मुख्यालय से कट गया है. पार्वती नदी उफान पर होने के चलते बारां जिले के कई गांव टापू बने हुए हैं. जहां पर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं. जिनको निकालने के लिए हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की तैयारी शुरू की गई है.

हाड़ौती में बिगड़े हालात

बारां जिले के शाहबाद किशनगंज के अलावा मांगरोल और अंता में भी बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. जबकि कोटा जिले के कैथून कस्बे का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. वहां की कई कॉलोनियों में बाढ़ के हालात हो गए हैं. पहले से ही खातोली और इटावा इलाके का संपर्क जिले से कटा हुआ है. बारां जिले में नेशनल हाईवे 27 पर भी पानी की चादर चल रही है. स्टेट हाईवे और मध्यप्रदेश को जोड़ने वाले कई मार्ग पहले से ही बंद पड़े हुए हैं. राज्य सरकार ने बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए एनडीआरएफ से भी संपर्क किया है. साथ ही सेना बुलाने की बात भी की जा रही है.

पढ़ें: बूंदी: केशवरायपाटन में मकान ढहा, एक ही परिवार के 7 लोग दबे...एक की मौत

हाड़ौती में कई जगह हादसे : कोटा शहर और संभाग में कई जगह बारिश जनित हादसे हुए हैं. 80 फीट रोड स्टील ब्रिज के पास साइड की दीवार ढह गई है. कोटा के प्रेम नगर इलाके में कई कच्चे मकान भी गिर गए हैं. रामपुरा हनुमानगढ़ी में भी एक जर्जर अवस्था का मकान देर रात को गिरा था. वहीं बूंदी जिले के केशवरायपाटन में मंगलवार देर रात एक मकान ढह गया. मकान ढहने से एक ही परिवार के 7 लोग दब गए. घटना में एक बच्ची ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. घटना की सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू किया.

एसडीआरएफ अजमेर भी कोटा पहुंची : हाड़ौती में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के लिए अजमेर एसडीआरएफ की टीम भी कोटा पहुंची है. बारां जिले में और इटावा क्षेत्र के कई गांव टापू बने हैं, जहां राहत कार्य शुरू किया गया है. कोटा में बीते 24 घंटों में 6 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. मंगलवार शाम 5:30 बजे से आज सुबह 5:30 बजे तक पौने 6 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है. अगस्त महीने में ही कोटा जिले में 350 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है.

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कोटा की एक लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित : शहर में भी 50 से ज्यादा छोटे बड़े ड्रेन और बरसाती नाले उफान पर हैं, जिनका पानी आसपास की कॉलोनियों में प्रवेश कर गया है. इसके चलते 200 से ज्यादा कॉलोनियों में पानी भर गया है. करीब 10000 से ज्यादा मकानों में पानी प्रवेश कर गया है. जिससे लाखों लोगों पर आफत आ गई है. कोटा नगर निगम की गोताखोर और रेस्क्यू टीम ने भी कई कॉलोनियों में पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों को बाहर निकाला है. शहर के प्रेम नगर, देवली अरब, अनंतपुरा में 1 मंजिल तक मकान डूब गए हैं. शहर के सभी मुख्य मार्गों पर बारिश का पानी भर गया है. दुकानों में भी पानी कई निचले मार्केट में भरा है.

फसलों को भारी नुकसान : संभाग में दो लाख से ज्यादा हेक्टेयर फसल के खराब होने का अंदेशा है. क्योंकि खेतों में पानी भर गया है, जिसकी निकासी नहीं हो पा रही है. भारी बारिश से धान और सोयाबीन की फसलों को भी नुकसान हुआ है.

Last Updated : Aug 4, 2021, 12:49 PM IST
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