कोटा/चित्तौड़गढ़/भरतपुर. राजस्थान के हाड़ौती, मेवाड़ और ब्रज क्षेत्र में बादल खूब बरस रहे हैं. ये बेमौसम बारिश इन इलाके के किसानों का भारी नुकसान कर रही है. खेत जलमग्न हो गए हैं. कई स्थानों पर कई घंटों तक लगातार बारिश हुई है. इसे में रबी की फसल तबाह होने के कगार पर है.
कोटा जिले के इटावा उपखंड में रविवार को लगातार 6 घंटे तक बारिश हुई, वहीं चित्तौड़गढ़ में खलिहान में पड़ी फसलें बारिश ने तबाह कर दी. साथ ही भरतपुर के डीग में बीज बुवाई कर चुके किसानों पर यह बारिश आफत बनकर टूटी है.
कोटा में बारिश से किसान प्रभावित
इलाके में रविवार देर शाम से बेमौसम बारिश का दौर चल रहा है. रविवार को करीब 6 घंटे तक झमाझम बारिश हुई थी. खेतों में पानी भर गया है. रबी की फसल की बुवाई कर चुके किसानों की चना, सरसों की फसल इससे प्रभावित हुई है. जो किसान बीजों की ओराई करने वाले थे उन्हें भी अब खेत सूखने का इंतजार करना होगा. सोयाबीन की खड़ी फसल भी कई स्थानों पर तबाह हो गई है. कई किसानों ने सोयाबीन की फसल काटकर खलिहान में छोड़ रखी थी, जिस पर पानी फिर गया है.
हाड़ौती में दो दिन से बारिश
हाड़ौती क्षेत्र में 16 अक्टूबर से लगातार बारिश हो रही है. इससे सोयाबीन, उड़द, मक्का की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. पहले भी इलाके में अतिवृष्टि से फसलें तबाह हो गई थीं. जिसका मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है, बची हुई फसलों को बेमौसम बारिश ने मार डाला. किसानों के सामने रबी के सीजन की बुवाई का भी संकट है. ऐसे में मांग की जा रही है कि सर्वे की औपचारिकता के बिना किसानों को 10 दिनों में लगभग 5000 रुपये प्रति बीघा का मुआवजा दिया जाए.
सरकार से राहत की उम्मीद
किसानों को अब राज्य सरकार से उम्मीद है. सरकार कुछ राहत देगी तो किसानों के परिवार पल जाएंगे. कोटा में इटावा के किसान नेता कमल बागड़ी ने किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग की है, उन्होंने आमरण अनशन की भी चेतावनी दी है. भाजयुमो नेता गिर्राज गौतम और परिषद के अध्यक्ष मयंक विजय की अगुवाई में प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.
चित्तौड़गढ़ में खलिहान में पड़ी फसल बर्बाद
चित्तौड़गढ़ जिले में मानसून के पहले चरण में बरसात नहीं हुई थी. सितंबर और अक्टूबर में मानसून मेहरबान हुआ. लेकिन दिवाली आते-आते बारिश ने खेतों में कटी हुई तैयार पड़ी फसल पर आफत बरसा दी है. चित्तौड़गढ़ में बारिश का आलम ये है कि राणा प्रताप सागर बांध का एक गेट तक खोलना पड़ा.
मध्यप्रदेश के इंदौर, खंडवा, उज्जैन संभाग में हो रही बारिश से चंबल नदी के गांधी सागर बांध क्षेत्र के कैचमेंट क्षेत्र में पानी आने की संभावना को देखते हुए लबालब हो चुके गांधी सागर बांध से रविवार रात एक छोटा स्लूज गेट खोल कर 24000 क्यूसेक पानी निकाला गया. रावतभाटा में रविवार रात को 59.2 एमएम बारिश हुई.
भरतपुर के डीग में खाद की किल्लत, अब बारिश की मार
डीग कस्बे में किसान डीएपी खाद की किल्लत झेल रहे हैं. वहीं अब प्राकृतिक प्रकोप को भी झेलना पड़ रहा है. जो किसान बीज की बुआई कर चुके थे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. बारिश ने बुआई के काम को 8-10 दिन के लिए धकेल दिया है. इस वक्त रबी की फसल बुआई का समय है, ऐसे में वक्त पर बुवाई नहीं हुई तो फसल खराब होने का अंदेशा है.
करौली में पांचना बांध में पानी की आवक
जिला मुख्यालय करौली सहित जिले के सभी उपखंड क्षेत्र सपोटरा, टोडाभीम, हिंडौन सिटी, मंडरायल, नादोती क्षेत्र में रविवार से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी दिनभर जारी रही. इसके कारण जिलेभर के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरी हैं. बुवाई के समय बेमौसम बारिश से किसान प्रभावित हो रहे हैं. सपोटरा के प्रमुख कालीसिल बांध में भी पानी की आवक हुई है.