कोटा. पिछली बार बाजार में 52 से 60 रुपए किलो सोयाबीन का बीज मिल रहा था. इस बार 92 से 107 रुपए क्विंटल तक पहुंच गया है. सरकारी बीज उत्पादक कंपनियां पर्याप्त बीज उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं. ऐसे में कृषि विभाग बीज की कमी के चलते किसानों से ही बीज का उत्पादन करा रहा है.
सरकारी बीज उत्पादक कंपनियों से यह बीज 95 रुपए प्रति किलो दर के आसपास मिल रहा है. किसानों को बीते साल से करीब 40 फीसदी से ज्यादा दर पर बीज खरीदना पड़ रहा है. यानी किसानों को प्रति बीघा 1000 रुपए का बीज ज्यादा डालना पड़ेगा.
किसान, व्यापारी, बीज निगम और कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि बीते साल सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी. इसके चलते हाड़ौती में पर्याप्त बीज उपलब्ध नहीं हो पाया है. मंडी में भी तेल के दाम ज्यादा होने के चलते सोयाबीन की कीमत बढ़ गई है और भाव काफी ज्यादा है. इसके चलते बीज उत्पादन कंपनियों ने भी महंगा सोयाबीन खरीदा है. यही कारण है कि बीज के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं.
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बीज व्यापारी प्रवीण जैन का कहना है कि बीते साल से 40 फीसदी से ज्यादा दाम बढ़े है. पहले 50 से 60 रुपए किलो दाम थे. अब यह बढ़कर 90 से 107 रुपए किलो हो गए हैं. राजस्थान राज्य बीज निगम के कोटा के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके जैन का कहना है कि बीते साल सरकारी बीज उत्पादक कंपनियों ने 70 रुपए किलो बीज बेचा था. इस बार उनका प्रमाणित बीज 95 रुपए किलो है.
कृषि विभाग का दावा, 'नहीं होगी कमी'
कृषि विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि वह सभी किसानों को पर्याप्त बीज उपलब्ध कराएंगे. इसके लिए किसानों के साथ संगोष्ठी की जा रही है. ग्रेडिंग मशीन के जरिए बीज भी तैयार कर रहे हैं, जो आसपास के किसानों को दे रहे हैं. यह बीज करीब 80 से 85 रुपए किलो दिया जा रहा है.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामअवतार शर्मा का कहना है कि अब तक संगोष्ठी के जरिए 82 हजार क्विंटल बीज तैयार किया जा चुका है. इसके अलावा बाजार में भी 70 से 75 हजार क्विंटल बीज पहुंचा है. सरकारी बीज उत्पादन संस्थाओं के पास भी 48 हजार क्विंटल बीज मौजूद हैं, जिसका वितरण भी कर रहे हैं.
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एक बीघा पर 1000 ज्यादा खर्चा
एक उदाहरण के जरिए समझिए कि किसानों को बीज कैसे महंगा पड़ रहा है. ग्राम राजपुरा के किसान अनिल कुमार नंदवाना ने बताया कि उन्होंने बीते साल भी 30 बीघा में सोयाबीन की फसल की थी. जिसमें साढ़े 7 क्विंटल बीज का उपयोग किया था. यह बीज उन्हें 58 रुपए किलो यानी 43 हजार 750 रुपए में मिल गया था. इस बार बीज के दाम 98 रुपए प्रति किलो हैं. ऐसे में इसकी लागत 73 हजार 750 रुपए हो गई है. यह पिछले साल से 30 हजार ज्यादा है. यानी किसान को एक बीघा पर एक हजार रुपए ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं.
प्रमाणित बीज का उपयोग महज 30 फीसदी
करीब 7 लाख हैक्टेयर में कृषि विभाग का अनुमान है कि सोयाबीन की बुवाई कोटा संभाग में बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा जिले में होगी. प्रति हेक्टेयर करीब 80 किलो सोयाबीन की आवश्यकता होती है. ऐसे में 5 लाख 60 हजार क्विंटल बीज सोयाबीन की बुवाई के लिए आवश्यकता है लेकिन केवल 30 फीसदी किसान ही प्रमाणित बीज का उपयोग करते हैं. बाकी किसान अपनी फसल में से ही उत्पादक बीज को ग्रेडिंग कर उपयोग में लेते हैं. इसके अनुसार किसानों को 1 लाख 68 हजार क्विंटल बीज खरीदने की की आवश्यकता पड़ती है. इस बार बीज महंगा होने के चलते प्रमाणित बीज खरीदने वाले किसान भी कम होंगे.
क्यों बढ़े सोयाबीन बीज के भाव?
⦁ बीते साल हाड़ौती और मध्यप्रदेश के कई इलाकों में सोयाबीन की फसल खराब हुई.
⦁ सोयाबीन के तेल में पाम ऑयल मिलाने पर पाबंदी लगी, इससे सोयाबीन के दाम बढ़े.
सोयाबीन का मंडी भाव
⦁ बीते साल सोयाबीन का मंडी भाव 4200-5000 रु क्विंटल तक था.
⦁ इस बार यह बढ़कर 5800 से 8000 रुपए क्विंटल पहुंचा.
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खुले मार्केट में सोयाबीन का दाम
⦁ खुले मार्केट में 90 से 107 रुपए किलो
⦁ बीते साल था 52 से 60 का भाव
सोयाबीन बीज का दाम
⦁ सरकारी संस्थाओं में 95 रुपए किलो
⦁ पिछले साल 70 रुपए किलो था बीज