कोटा. सुपर थर्मल पावर स्टेशन की सातों इकाइयों को बंद कर दिया गया है. जिससे थर्मल उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है. थर्मल प्रबंधन के अनुसार एलटी ने बिजली की मांग नहीं होने के चलते इकाइयों को बंद करवा दिया है.
लॉकडाउन की शुरुआत में भी थर्मल की एक इकाई को छोड़कर सभी इकाइयां बंद थी. इससे 1240 मेगावाट क्षमता की जगह महज 90 मेगावाट के आसपास की उत्पादन हो रहा था. वहीं जब भी अब इकाइयों को शुरू करना होगा, तो एक ही इकाई को शुरू करने के लिए करीब 25 लाख रुपए का खर्चा होता है. इसमें ईंधन और कोयले का खर्चा होता है.
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लॉकडाउन के बीच में शुरू हुई यूनिट
मई के पहले सप्ताह में फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू होने के चलते बिजली की खपत बढ़ गई थी. इसके बाद लॉकडाउन के बीच में बाद में उत्पादन निगम ने धीरे-धीरे इकाइयों को चालू करवाया था. ऐसे में 1 महीने पहले सभी इकाइयां शुरू हो गई थी और उनसे करीब 800 से 900 मेगावाट का उत्पादन भी किया जा रहा था.
हालांकि पूरी क्षमता से तब भी इकाइयों को नहीं चलाया जा रहा था. जब अन्य प्लांट भी शुरू हो गए, इसके बाद कोटा थर्मल की इकाइयों को एक के बाद एक बंद करने का क्रम शुरू हुआ. बीते 15 दिन के भीतर सभी इकाइयां बंद हो गई है.
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एकमात्र इकाई 7 नंबर यूनिट संचालित की जा रही थी, जिसे भी बुधवार देर रात को बंद कर दिया गया है. इसको भी पूरे लोड पर नहीं चलाया जा रहा था. ऐसे में इससे 170 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था. इसको भी बंद कर देने से अब कोटा थर्मल में बिजली उत्पादन बंद हो गया है.