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Exit Policy for Students: एक्जिट पॉलिसी स्टूडेंट फ्रेंडली बने, सभी कोचिंग व हॉस्टल करें सख्ती से लागू: कोटा कलक्टर व एसपी - Rajasthan Hindi News

कोटा में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए फ्रेंडली वातावरण बनाने और उनकी एग्जिट पॉलिसी में सुधार के लिए (Easy exit policy for coaching and hotel students) जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने हॉस्टल व कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की. इसमें कहा गया कि हॉस्टल और कोचिंग छात्रों से उतनी ही फीस लें, जितने समय तक वह उनके गाइडेंस में पढ़ाई कर रहा है. साथ ही सिक्योरिटी मनी के लिए भी ऐसा ही नियम बनाने की बात कही गई.

Exit Policy for Students
नई एग्जिट पॉलिसी
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Published : Mar 3, 2022, 4:33 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 11:32 PM IST

कोटा. जिला प्रशासन और पुलिस ने आज हॉस्टल व कोचिंग संस्थानों की बैठक कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित की. इसमें जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों को निर्देशित किया कि वे इजी एग्जिट पॉलिसी बनाएं. पहले से बनी एग्जिट पॉलिसी पर उन्होंने आपत्ति जताई है.

मीणा ने कहा कि वे नई एग्जिट पॉलिसी बनाएं (Kota collector asked to frame new exit policy) जिसकी पालना सभी करें. इस पॉलिसी की वे खुद मॉनिटरिंग करेंगे. इसमें बच्चा बीच में कोर्स छोड़कर जाता है या हॉस्टल खाली करके चला जाता है, तो उसको कोचिंग की फीस जितना पढ़ा है, उतनी ही ली जाए, बाकी लौटा दी जाए. हॉस्टल में भी ऐसा ही हो, उसकी सिक्योरिटी राशि भी तुरंत लौटा दी जाए.

पढ़ें: Kota youth stranded in Ukraine: प्रशासन ने यूक्रेन में फंसे बच्चों से मांगी जानकारी, लोकेशन शेयर करने पर सरकार स्वदेश वापसी में करेगी मदद

एसपी केसरसिंह शेखावत ने कहा कि कोटा में बाहर से इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए देश भर से बच्चे आते हैं. ये बच्चे ही कोटा की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार है. ऐसे में उसके अनुसार ही पॉलिसी बने. सिक्योरिटी मनी लौटाई जानी चाहिए. यह पैसा नहीं लौटाना, कानूनन अपराध है.

पढ़ें: OM Birla Helpline : स्पीकर बिरला की हेल्पलाइन के जरिए यूक्रेन में फंसे राजस्थान के 23 स्टूडेंट्स पहुंचे घर

हॉस्टल पर लागू, पीजी पर नहीं: कोटा की कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों बच्चे हैं. ये पीजी में भी रहते हैं. हॉस्टल की गाइडलाइन पीजी पर लागू नहीं होती है. जिला कलक्टर ने कहा कि इसके लिए कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद भी बच्चों से उनका नंबर व एड्रेस लिया जाए. जिससे साफ हो जाएगा कि वह हॉस्टल में रहता है या फिर पीजी में. इसकी लिस्ट बनाई जाए और जिला प्रशासन तक पहुंचाई जाए.

फीस कम करवाने के भी होंगे प्रयास: हरिमोहन मीणा का कहना है कि बच्चों की सुविधाएं और उनको तनाव रहित वातावरण के लिए कार्य योजना बना रहे हैं. जिसे कोचिंग और हॉस्टल एसोसिएशन से जुड़े लोगों के साथ में शेयर किया है। इसमें कुछ सुझाव आए हैं. उसके तहत हम गाइडलाइंस तैयार करेंगे। अगले सप्ताह तक इसे जारी किया जाएगा.कोचिंग में फीस भी ज्यादा होती है, तो इसमें भी कमी की बात करेंगे.

बच्चों के संपर्क में आने वाले का हो पुलिस वेरिफिकेशन: एसपी केसर सिंह शेखावत का कहना है बच्चे के संपर्क में आने वाले सभी कोचिंग, हॉस्टल, मैस व एरिया की शॉप संचालित करने वाले लोगों का पुलिस वैरिफिकेशन होना चाहिए. मैनें निर्देश दिया है कि राजस्थान पुलिस अधिनियम के तहत कोई भी किराएदार या बाहरी व्यक्ति को रोजगार दे रहा है, पुलिस वेरिफिकेशन की उसी की जिम्मेदारी है.

कोटा. जिला प्रशासन और पुलिस ने आज हॉस्टल व कोचिंग संस्थानों की बैठक कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित की. इसमें जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों को निर्देशित किया कि वे इजी एग्जिट पॉलिसी बनाएं. पहले से बनी एग्जिट पॉलिसी पर उन्होंने आपत्ति जताई है.

मीणा ने कहा कि वे नई एग्जिट पॉलिसी बनाएं (Kota collector asked to frame new exit policy) जिसकी पालना सभी करें. इस पॉलिसी की वे खुद मॉनिटरिंग करेंगे. इसमें बच्चा बीच में कोर्स छोड़कर जाता है या हॉस्टल खाली करके चला जाता है, तो उसको कोचिंग की फीस जितना पढ़ा है, उतनी ही ली जाए, बाकी लौटा दी जाए. हॉस्टल में भी ऐसा ही हो, उसकी सिक्योरिटी राशि भी तुरंत लौटा दी जाए.

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एसपी केसरसिंह शेखावत ने कहा कि कोटा में बाहर से इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए देश भर से बच्चे आते हैं. ये बच्चे ही कोटा की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार है. ऐसे में उसके अनुसार ही पॉलिसी बने. सिक्योरिटी मनी लौटाई जानी चाहिए. यह पैसा नहीं लौटाना, कानूनन अपराध है.

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हॉस्टल पर लागू, पीजी पर नहीं: कोटा की कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों बच्चे हैं. ये पीजी में भी रहते हैं. हॉस्टल की गाइडलाइन पीजी पर लागू नहीं होती है. जिला कलक्टर ने कहा कि इसके लिए कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद भी बच्चों से उनका नंबर व एड्रेस लिया जाए. जिससे साफ हो जाएगा कि वह हॉस्टल में रहता है या फिर पीजी में. इसकी लिस्ट बनाई जाए और जिला प्रशासन तक पहुंचाई जाए.

फीस कम करवाने के भी होंगे प्रयास: हरिमोहन मीणा का कहना है कि बच्चों की सुविधाएं और उनको तनाव रहित वातावरण के लिए कार्य योजना बना रहे हैं. जिसे कोचिंग और हॉस्टल एसोसिएशन से जुड़े लोगों के साथ में शेयर किया है। इसमें कुछ सुझाव आए हैं. उसके तहत हम गाइडलाइंस तैयार करेंगे। अगले सप्ताह तक इसे जारी किया जाएगा.कोचिंग में फीस भी ज्यादा होती है, तो इसमें भी कमी की बात करेंगे.

बच्चों के संपर्क में आने वाले का हो पुलिस वेरिफिकेशन: एसपी केसर सिंह शेखावत का कहना है बच्चे के संपर्क में आने वाले सभी कोचिंग, हॉस्टल, मैस व एरिया की शॉप संचालित करने वाले लोगों का पुलिस वैरिफिकेशन होना चाहिए. मैनें निर्देश दिया है कि राजस्थान पुलिस अधिनियम के तहत कोई भी किराएदार या बाहरी व्यक्ति को रोजगार दे रहा है, पुलिस वेरिफिकेशन की उसी की जिम्मेदारी है.

Last Updated : Mar 3, 2022, 11:32 PM IST
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