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ACB Action in Kota bribery case : ई-मित्र संचालक को 9 हजार रिश्वत लेते किया गिरफ्तार - ACB Action in Kota bribery case

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा टीम ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए रिश्वत के मामले में एक ई-मित्र संचालक को गिरफ्तार किया है. यह रिश्वत पट्टा जारी करने की एवज (bribe In lieu of issuing lease in Kota) में मांगी गई थी. इस मामले में नगर निगम के अधिकारी भी संलिप्त हो सकते हैं, जिनके बारे में पड़ताल की जा रही है.

Action of Kota ACB
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Published : Jan 7, 2022, 1:34 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 6:01 PM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो देहात की टीम ने शुक्रवार को नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए ई-मित्र संचालक (Kota E mitra operator Bribery Case) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी ईमित्र संचालक ने पट्टा जारी करने की एवज में यह रिश्वत महिला परिवादी से मांगी थी.

कोटा एसीबी देहात की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि परिवादी राधा जैन से 12 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी. इस मामले में 9 हजार रुपए लेते हुए ई-मित्र संचालक नरेंद्र निर्भीक को गिरफ्तार (E mitra Operator ACB Action kota ) कर लिया है. साथ ही उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई जारी है.

पढ़ें- राजस्थान में कुसुम योजना को लगे पंख, अब बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के बैंक देंगे ऋण

इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है. कार्रवाई के बाद पूरे नगर निगम में सनसनी फैल गई है. आरोपी नरेंद्र निर्भीक से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम पूछताछ कर रही है. साथ ही बाहर सुरक्षा के लिए जवान तैनात कर दिए गए हैं, किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.

मैं विधवा बच्चे भी दूसरे शहर में, डेढ़ महीने से किया तंग

पीड़िता आशा का कहना है कि उन्हें पिछले डेढ़ महीने से तंग किया जा रहा था. उन्हें नगर निगम और अन्य जगह पर बार-बार बुलाया जा रहा था. सबसे पहले रविंद्र गोस्वामी का फोन आया कि पट्टा जारी नहीं होगा, उसमें कमियां हैं. इनके लिए नरेंद्र निर्भीक से मिलें. मेरे दोनों बच्चे बाहर रहते हैं और पति की मृत्यु 10 महीने पहले हो गई, लेकिन यह मुझे तंग कर रहे थे. ऐसे में मुझे मेरे पड़ोसी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के लोगों से मिलने की सलाह दी, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है.

उपायुक्त समेत कई से की पूछताछ

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने नगर निगम कोटा दक्षिण के भूमि शाखा के कनिष्ठ सहायक और प्रभारी रविंद्र गोस्वामी, कंप्यूटर ऑपरेटर के ठेकेदार अमित सेन और उपायुक्त रविंद्र यादव से पूछताछ की. जब इस फाइल में सब कुछ क्लियर था पट्टा बन चुका था, उससे रिश्वत क्यों मांगी की जा रही थी, उसको पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा था. इस पर अधिकारी जवाब नहीं दे पाए हैं. एएसपी प्रेरणा शेखावत का कहना है कि अब इस मामले में अनुसंधान किया जाएगा. अन्य इन सभी लोगों के बारे में भी पड़ताल की जाएगी कि इनकी क्या भूमिका इस मामले में है.

आज ही जारी करवाया जाएगा परिवादी का पट्टा

एसीबी के एएसपी प्रेरणा शेखावत ने बताया कि परिवादी को परेशानी नहीं हो, इसके लिए तुरंत पट्टा जारी करवाया जा रहा है. उसकी पूरी प्रक्रिया की जा रही है, जिस पर उपायुक्त के भी हस्ताक्षर से लेकर सभी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में नगर निगम कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़ का कहना है कि पब्लिक डीलिंग की जगह पर हम निगरानी रखते हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति को इस तरह की शिकायत है, तो वह अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान करवा सकते हैं.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो देहात की टीम ने शुक्रवार को नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए ई-मित्र संचालक (Kota E mitra operator Bribery Case) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी ईमित्र संचालक ने पट्टा जारी करने की एवज में यह रिश्वत महिला परिवादी से मांगी थी.

कोटा एसीबी देहात की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि परिवादी राधा जैन से 12 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी. इस मामले में 9 हजार रुपए लेते हुए ई-मित्र संचालक नरेंद्र निर्भीक को गिरफ्तार (E mitra Operator ACB Action kota ) कर लिया है. साथ ही उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई जारी है.

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इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है. कार्रवाई के बाद पूरे नगर निगम में सनसनी फैल गई है. आरोपी नरेंद्र निर्भीक से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम पूछताछ कर रही है. साथ ही बाहर सुरक्षा के लिए जवान तैनात कर दिए गए हैं, किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.

मैं विधवा बच्चे भी दूसरे शहर में, डेढ़ महीने से किया तंग

पीड़िता आशा का कहना है कि उन्हें पिछले डेढ़ महीने से तंग किया जा रहा था. उन्हें नगर निगम और अन्य जगह पर बार-बार बुलाया जा रहा था. सबसे पहले रविंद्र गोस्वामी का फोन आया कि पट्टा जारी नहीं होगा, उसमें कमियां हैं. इनके लिए नरेंद्र निर्भीक से मिलें. मेरे दोनों बच्चे बाहर रहते हैं और पति की मृत्यु 10 महीने पहले हो गई, लेकिन यह मुझे तंग कर रहे थे. ऐसे में मुझे मेरे पड़ोसी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के लोगों से मिलने की सलाह दी, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है.

उपायुक्त समेत कई से की पूछताछ

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने नगर निगम कोटा दक्षिण के भूमि शाखा के कनिष्ठ सहायक और प्रभारी रविंद्र गोस्वामी, कंप्यूटर ऑपरेटर के ठेकेदार अमित सेन और उपायुक्त रविंद्र यादव से पूछताछ की. जब इस फाइल में सब कुछ क्लियर था पट्टा बन चुका था, उससे रिश्वत क्यों मांगी की जा रही थी, उसको पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा था. इस पर अधिकारी जवाब नहीं दे पाए हैं. एएसपी प्रेरणा शेखावत का कहना है कि अब इस मामले में अनुसंधान किया जाएगा. अन्य इन सभी लोगों के बारे में भी पड़ताल की जाएगी कि इनकी क्या भूमिका इस मामले में है.

आज ही जारी करवाया जाएगा परिवादी का पट्टा

एसीबी के एएसपी प्रेरणा शेखावत ने बताया कि परिवादी को परेशानी नहीं हो, इसके लिए तुरंत पट्टा जारी करवाया जा रहा है. उसकी पूरी प्रक्रिया की जा रही है, जिस पर उपायुक्त के भी हस्ताक्षर से लेकर सभी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में नगर निगम कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़ का कहना है कि पब्लिक डीलिंग की जगह पर हम निगरानी रखते हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति को इस तरह की शिकायत है, तो वह अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान करवा सकते हैं.

Last Updated : Jan 7, 2022, 6:01 PM IST
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