कोटा. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी (Medical Entrance Exam NEET UG) में लाखों विद्यार्थी शामिल होते हैं. इस साल भी करीब 16 लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने NEET UG परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की थी, इसका रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है. इससे कई स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स संशय की स्थिति में हैं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 26 अक्टूबर तक त्रुटि सुधार के लिए समय दिया है. इसके बाद ही वह मानक उत्तर तालिका और परीक्षा परिणाम जारी करेगी.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट परीक्षा परिणाम में देरी से इस समय सबसे ज्यादा समस्या उन परीक्षार्थियों को है, जो बॉर्डर लाइन पर हैं, यानि जिन्हें गवर्नमेंट एमबीबीएस सीट मिल भी सकती है और नहीं भी. ऐसे विद्यार्थी असमंजस की हालत में हैं. वे नीट यूजी 2022 की दोबारा तैयारी करने का निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी की तैयारी करने वाले डेढ़ लाख से ज्यादा विद्यार्थी हर साल वे होते हैं, जो एक बार परीक्षा दे चुके होते हैं और रिअटेम्प्ट करते हैं.
विद्यार्थियों के सामने भी संशय है कि वे दोबारा परीक्षा की तैयारी करें या परिणाम का इंतजार करें. इसके अलावा रिजल्ट में देरी से कई नर्सिंग कोर्सेज की प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हुई है. यह वे कॉलेज हैं, जिनके बीएससी नर्सिंग कोर्स की सीटों पर प्रवेश में नीट के परीक्षा-परिणाम के आधार पर ही दिया जाना है. इसी प्रकार मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया बाधित होने के कारण शैक्षणिक सत्र में देरी होगी.
NEET परिणाम में देरी से नुकसान
जिप्मेर-पुडुचेरी (JIPMER-Puducherry) और बीएचयू की बीएससी नर्सिंग (BHU BSc Nursing) प्रवेश-प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है. जबकि दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में बीएससी नर्सिंग कोर्स में नीट यूजी के आधार पर प्रवेश नहीं दिया. उन्होंने अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कर शैक्षणिक सत्र भी शुरू कर दिया. मेडिकल संस्थानों का नवीन शैक्षणिक-सत्र समय पर शुरू नहीं हो पाएगा. इसके कारण लाखों विद्यार्थी और उनके अभिभावक संशय में है कि फिर से तैयारी शुरू करें या फिलहाल परीक्षा परिणाम का इंतजार करें?