कोटा. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक निर्णय लेते हुए देश के सरकारी और गैर सरकारी डेंटल संस्थानों में रिक्त बीडीएस सीटों के प्रवेश के लिए आवश्यक कट ऑफ परसेंटाइल 10 फीसदी की कटौती का निर्णय किया है.
इसके लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर जनरल को निर्देशित करते हुए नीट- 2019 का संशोधित परिणाम जारी करने के निर्देश दिए हैं. नए परिणाम से डेंटल कॉलेज की रिक्त सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा.
देशभर के 572 डेंटल कॉलेजों में कई काउंसलिंग के बाद भी 10000 से ज्यादा सीटें रिक्त रह गई है. ऐसे में अब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक निर्णय लेते हुए देश के सरकारी और गैर सरकारी डेंटल संस्थानों में रिक्त बीडीएस सीटों के प्रवेश के लिए आवश्यक कट ऑफ परसेंटाइल 10 फीसदी की कटौती का निर्णय किया है.
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इसके लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर जनरल को निर्देशित करते हुए नीट- 2019 का संशोधित परिणाम जारी करने के निर्देश दिए हैं. अब देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी डेंटल संस्थानों में रिक्त बीडीएस सीटों पर प्रवेश नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी किए गए संशोधित परिणाम के आधार पर ही होगी.
कोटा के एक्सपर्ट देव शर्मा बताते हैं कि देशभर में सरकारी व गैर सरकारी डेंटल कॉलेजों में 26,949 सीट है इनमें से मात्र 16,579 पर ही स्टूडेंट ने प्रवेश लिया है. इसके चलते ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 फीसदी परसेंटाइल की भारी कटौती की है. पहले जहां जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट को 50, ओबीसी, एसटी- एससी के लिए 40 और दिव्यांग के लिए 45 परसेंटाइल पर प्रवेश मिलता था. अब इसे 10 फ़ीसदी कम करते हुए. सामान्य कैटेगरी के स्टूडेंट को 40 ओबीसी, एसटी-एससी को 30 और दिव्यांग के लिए 35 परसेंटाइल पर प्रवेश मिलेगा.
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बता दें कि वर्ष 2018-19 में भी 4500 से ज्यादा सीटें बीडीएस के रिक्त रही थी. 2018-19 में जहां 26,620 बीडीएस सीटें थी, उनमें से 22,164 पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था.