कोटा. शहर के रेतवाली इलाके में आज तड़के एक घरेलू गैस सिलेंडर में आग लग गई. आग पूरे घर में फैल गई. इसके चलते 3 बालिकाएं झुलस गई हैं. साथ ही इस गैस सिलेंडर को घर से बाहर फेंकने वाले मकान मालिक भी झुलस गया. घायल तीनों बालिकाओं को एमबीएस अस्पताल में भर्ती (injured in cylinder caught fire accident in Kota) करवाया गया था, जिसमें एक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया.
घायल बच्चियों की उम्र डेढ़ से लेकर 8 साल है. जबकि मकान मालिक को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और सूचना मिलने पर नगर निगम की फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची. दमकल ने आग पर काबू पाया. जिस कमरे में आग लगी थी, वहां का सामान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया.
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जानकारी के अनुसार संग्राम सिंह रेतवाली के व्यासजी के चौक में गोपाल सिंह के मकान में किराए से रहते हैं. संग्राम सिंह के आज सुबह सिलेंडर खाली हो गया. ऐसे में दूसरा सिलेंडर लगाकर वह टॉयलेट चले गए. उनकी पत्नी मनोरमा कंवर चाय बना रही थी. इसी दौरान सिलेंडर ने आग पकड़ ली, क्योंकि गैस रेगुलेटर के पास से लीकेज हो रही थी. इसके चलते कमरे में मौजूद उनकी तीनों बेटियां डेढ़ वर्षीय बेटी कुष्मिता, 3 वर्षीय कनिष्का और 8 वर्षीय घनिष्का झुलस गई.
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सिलेंडर में आग लगी हुई थी, इसके चलते कमरे में रखा सामान भी जलने लगा. इसी दौरान उनके मकान मालिक गोपाल सिंह को आग लगने का पता चला. वह नीचे उतर के आया और जलते सिलेंडर को ही उठाकर घर के बाहर फेंक दिया. इसके चलते पूरा घर जलने से बच गया और बड़ा हादसा टल गया.
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संग्राम सिंह के पड़ोसी उम्मेद सिंह का कहना है कि झुलसने के बाद चारों को एमबीएस अस्पताल लेकर गए. जहां से गोपाल सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई. जबकि तीनों बालिकाओं को अस्पताल में भर्ती कर लिया है. तीनों बालिकाओं के चेहरे झुलस गए हैं. कनिष्का का हाथ झुलस गया है.
एक बालिका ने तोड़ा दम
घायल तीनों बालिकाओं को एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां से निजी अस्पताल में उन्हें परिजन ले गए जहां पर उपचार जारी था. बालिका को शाम को 7:00 बजे के आसपास चिकित्सकों ने वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत बताई. साथ ही कहा कि बालिका के फेफड़े अंदर की तरफ से थोड़े जल गए हैं. इसके चलते उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है. इसके बाद करीब 8:30 बजे बालिका ने दम तोड़ दिया. ऐसे में उसके शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया है, जहां पर पोस्टमार्टम प्रक्रिया मंगलवार को होगी.
दानदाताओं से आर्थिक मदद लेकर निजी अस्पताल पहुंचाया
बालिकाओं के परिजनों की आर्थिक स्थिति कमजोर है. ऐसे में पहले तो एमबीएस अस्पताल में उपचार चला और उसके बाद में उन्हें विज्ञान नगर स्थित निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया, जहां पर उनका उपचार जारी था. बालिकाओं के पड़ोस में रहने वाले उम्मेद सिंह का कहना है कि परिजनों का पूरा घर का सामान भी जल गया है. ऐसे में आर्थिक मदद के जरिए उन्हें यह सामान भी उपलब्ध करवाया जाएगा. उनका कहना है कि जितनी भी मदद हो सकेगी उतनी मदद बालिकाओं के उपचार में परिजनों की जाएगी.