कोटा. जिले से गुजरने वाली चंबल और उसकी सहायक नदियों में बड़ी तादाद में मगरमच्छ हैं. बारिश के सीजन में नदी-नाले उफान पर होते हैं. ऐसे में मगरमच्छ नालों के जरिए खाली प्लॉट और जलभराव वाले दूसरे स्थानों पर भी पहुंच जाते हैं. यहां से आसपास की कॉलोनियों और सड़कों पर भी ये मगरमच्छ कभी-कभी नजर आ जाते हैं. ऐसा ही एक वाकया गुरुवार को हुआ जब बोरखेड़ा कैनाल रोड स्थित द्वारिकाधीश मैरिज गार्डन में एक 12 फीट लंबा मगरमच्छ (12 Feet crocodile in Kota) दिखाई दिया.
मैरिज गार्डन में एक सामाजिक समारोह आयोजित होना था. ऐसे में टेंट और कैटरिंग वालों के साथ अन्य लोग भी वहां थे. वहां मौजूद लोगों की नजर जब अचानक मैरिज गार्डेन में मगरमच्छ पर पड़ी (crocodile in marriage garden) तो हड़कंप मच गया. लोगों ने वन विभाग को सूचना दी. जानकारी पर वन विभाग लाडपुरा रेंजर कुंदन सिंह ने रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा. टीम ने इस 12 फीट लंबे मगरमच्छ को करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू (forest department rescued crocodile) किया.
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लाडपुरा रेंज के फॉरेस्ट गार्ड धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि वह कैटल गार्ड वीरेंद्र सिंह और रमेश चंद्र मीणा के साथ मौके पर गए. सुबह करीब 11:00 बजे का मामला था. करीब 1 घंटे में एक मगरमच्छ को काबू में लिया गया और जाल में फंसा कर उसे सांगोद इलाके के सावन भादो डैम में छोड़ दिया गया. इसके बाद मैरिज गार्डन में समारोह में शामिल होने आए लोगों ने राहत की सांस ली.
धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि उन्होंने सोगरिया इलाके में लॉर्ड कृष्णा स्कूल के नजदीक खाली प्लॉट से भी 3 फीट लंबे मगरमच्छ का रेस्क्यू किया था. वहीं आज बोरखेड़ा इलाके में ही लेबर चौराहे के नजदीक नहर से एक 3 फीट लंबे मगरमच्छ के बच्चे को रेस्क्यू किया गया है. इन सभी को सावन भादो डैम में छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू टीम ने पूरे बारिश के सीजन में करीब 50 से ज्यादा मगरमच्छ को रेस्क्यू किया गया है.