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COVID- 19 से मौतः नहीं मिली दो गज जमीन, लोगों ने जताया विरोध - Corona positive woman death

कोरोना संक्रमण कितना दुखदाई इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता की कैसे एक कोरोना पॉजिटिव महिला को मरने के बाद भी दफन होने की जगह नहीं मिल रही है. यह मामला कोटा का है, जहां महिला की मृत्यु होने पर उसके शव को कब्रिस्तान में दफनाने पर लोगों ने आपत्ति जताई. जिसके कारण शव को मेडिकल कालेज अस्पताल में रखा गया है.

कोटा खबर,Kota news
कोरोना पॉजिटिव महिला को मौत के बाद नहीं मिल रही दफनाने की जगह
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Published : Apr 17, 2020, 11:24 AM IST

Updated : Apr 17, 2020, 12:00 PM IST

कोटा. हमारे बड़े बुजुर्ग कहते आए है कि इंसान को मरने के बाद केवल दो गज जमीन ही नसीब होती है, लेकिन आज यह बात गलत साबित होती नजर आ रही है, क्योंकि कोटा में कोरोना पॉजिटिव एक महिला की मौत हो गई. जिसे दफनाने के लिए जब जिला प्रशासन कैलाशपुरी कब्रिस्तान ले गया तो, वहां के स्थानीय निवासियों ने शव को दफनाने से मनाकर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान संघन बस्ती के बीच में हैं, जिससे वहां रह रहे लोगों में भी संक्रमण फैल सकता है.

कोरोना पॉजिटिव महिला को मौत के बाद नहीं मिल रही दफनाने की जगह

प्रोटोकॉल का दिया हवाला

जिसके बाद प्रशासन शव को दफनाने के लिए आरकेपुरम कब्रिस्तान में लेकर गए, लेकिन वहां पर कब्रिस्तान कमेटी ने चट्टाने होने से गहरी कब्र नहीं खुदने का हवाला देते हुए शव को दफन करने से मनाकर दिया. साथ ही कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना मृत को 8 फिट गहरी कब्र में दफनाने का नियम है, लेकिन आरकेपुरम कब्रिस्तान में चट्टाने होने से इतना गहरा खोदना मुश्किल है.

पढ़ेंः कोटा: रामपुरा के किराना मार्केट को किया पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिफ्ट

संक्रमण फैलने का खतरा

वहीं दूसरी ओर कैलाशपुरी कब्रिस्तान सघन बस्ती के बीच होने से संक्रमण के खतरे के चलते स्थानीय लोगों ने जिला कलेक्टर को प्रार्थना पत्र लिखकर अन्य कब्रिस्तान में महिला के शव को दफन करने की मांग की. साथ ही कब्रिस्तान कमेटी के लोगों ने बताया कि चंबल किनारे स्तिथ बस्ती से दूर एक कब्रिस्तान है, जहां पर शव को दफनाया जा सकता है.लेकिन अब जिला कलेक्टर के आदेशों के बाद ही अगला कदम तय होगा.

कोटा. हमारे बड़े बुजुर्ग कहते आए है कि इंसान को मरने के बाद केवल दो गज जमीन ही नसीब होती है, लेकिन आज यह बात गलत साबित होती नजर आ रही है, क्योंकि कोटा में कोरोना पॉजिटिव एक महिला की मौत हो गई. जिसे दफनाने के लिए जब जिला प्रशासन कैलाशपुरी कब्रिस्तान ले गया तो, वहां के स्थानीय निवासियों ने शव को दफनाने से मनाकर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान संघन बस्ती के बीच में हैं, जिससे वहां रह रहे लोगों में भी संक्रमण फैल सकता है.

कोरोना पॉजिटिव महिला को मौत के बाद नहीं मिल रही दफनाने की जगह

प्रोटोकॉल का दिया हवाला

जिसके बाद प्रशासन शव को दफनाने के लिए आरकेपुरम कब्रिस्तान में लेकर गए, लेकिन वहां पर कब्रिस्तान कमेटी ने चट्टाने होने से गहरी कब्र नहीं खुदने का हवाला देते हुए शव को दफन करने से मनाकर दिया. साथ ही कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना मृत को 8 फिट गहरी कब्र में दफनाने का नियम है, लेकिन आरकेपुरम कब्रिस्तान में चट्टाने होने से इतना गहरा खोदना मुश्किल है.

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संक्रमण फैलने का खतरा

वहीं दूसरी ओर कैलाशपुरी कब्रिस्तान सघन बस्ती के बीच होने से संक्रमण के खतरे के चलते स्थानीय लोगों ने जिला कलेक्टर को प्रार्थना पत्र लिखकर अन्य कब्रिस्तान में महिला के शव को दफन करने की मांग की. साथ ही कब्रिस्तान कमेटी के लोगों ने बताया कि चंबल किनारे स्तिथ बस्ती से दूर एक कब्रिस्तान है, जहां पर शव को दफनाया जा सकता है.लेकिन अब जिला कलेक्टर के आदेशों के बाद ही अगला कदम तय होगा.

Last Updated : Apr 17, 2020, 12:00 PM IST
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