कोटा. जिले में कोरोना संक्रमण के 725 मरीज सामने आ चुके हैं. हालांकि सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि इनमें से एक भी मरीज को ऑक्सीजन के रिक्वायरमेंट नहीं है. यहां तक कि इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं पड़ी है. 725 मरीजों में 2 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं, लेकिन वह उनकी अन्य बीमारियों के चलते ही बढ़ते हुए हैं. ऐसे में कोविड-19 संक्रमित होने के चलते ही उन्हें कोरोना वार्ड में रखा गया है.
जिस तरह का ट्रेंड, उससे ओमिक्रोन की पुष्टि
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि अभी तक कोविड-19 के 725 केसेज सामने आए हैं. कुछ ही मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग करवाई गई थी, जिनमें ओमीक्रोन की पुष्टि (Omicron cases in Kota) हुई है. हालांकि हॉस्पिटल में मरीजों की भर्ती नहीं हुई है. जो 2 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं, उनमें से एक भी हाइपोग्लाइसीमिया का है और दूसरा अन्य बीमारी से भर्ती हुआ था. दोनों को इसी वजह से ऑक्सीजन चढ़ाई गई थी. डॉ. सरदाना ने बताया कि 2 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें एक कोटा का और दूसरा इटावा का है.
प्रबंधन का दावा अलर्ट मोड पर व्यवस्था
कोविड-19 को लेकर तैयारियां व्यापक स्तर पर की हुई हैं. अभी अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड-19 के लिए नहीं किया गया है क्योंकि मरीज भर्ती नहीं हो रहे हैं. अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. डॉ. सरदाना का कहना है कि पिछले कोविड अस्पताल में 300 ज्यादा बेड रिजर्व रखे जा सकते हैं. यहां तक कि ऑक्सीजन बेड की संख्या भी तिगुनी हो गई है. लैब एक दिन में ही सभी जांच रिपोर्ट जारी करने की क्षमता रखती है. जितने भी टेस्ट आएंगे, सबकी एक दिन में ही रिपोर्टिंग हो जाएगी.
एक दर्जन चिकित्सक भी हुए संक्रमित
कोटा में एक दर्जन से ज्यादा चिकित्सक भी संक्रमित हो गए हैं. इनके अलावा फ्रंटलाइन वर्कर भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए हैं. इनमें नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अस्पतालों में काम करने वाले लिपिक शामिल हैं. एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना और उपाधीक्षक डॉ. समीर टंडन भी कोविड-19 पॉजिटिव आए हैं. मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के दो निजी सहायक भी कोरोना संक्रमित मिले हैं.