कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau)ने कार्रवाई करते हुए सांगोद थाने के कांस्टेबल को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है. इस मामले में रिश्वत के 11 हजार रुपए को आरोपी कांस्टेबल का साला मोहित मीणा लेकर फरार हो गया. इस मामले में सांगोद थानाधिकारी जयराम भी फरार है.
आरोपी कांस्टेबल दिनेश मीणा ने रिश्वत की राशि लेने के बाद थाना अधिकारी से बात की थी. उन्होंने इस पर सहमति जताई थी. इस मामले आरोपी कांस्टेबल पहले ही 10 हजार रुपए की रिश्वत ले चुका था. साथ ही 1 लाख 10 हजार की मांग दो परिवादियों से की जा रही थी. जिसमें सौदा 50 हजार रुपए पर तय हुआ था.
जानकारी के अनुसार परिवादी की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बावजूद भी उसे गिरफ्तार करने की धमकी देकर रुपए मांगे जा रहे थे. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि कोटा एसीबी की चौकी को 9 जून को सांगोद निवासी लक्ष्मीनारायण माली और कोटा के जवाहर नगर निवासी जय कुमार शर्मा ने एक शिकायत दी थी. जिसके अनुसार दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज हुआ था.
परिवादी का लक्ष्मी नारायण का मंगू बाई नामक महिला से प्लॉट को लेकर विवाद चल रहा था. ये प्लाट बाद में सह परिवादी जय कुमार ने खरीदा था. इस मामले में हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई हुई है. इसके बावजूद भी सांगोद थानाधिकारी जयराम के रीडर दिनेश मीणा गिरफ्तारी का डर दिखाकर रिश्वत की राशि की मांग कर रहे थे.
साथ ही उन्होंने इस मामले में 10 हजार रुपए की रिश्वत पहले ले ली थी. इसके बाद भी लक्ष्मीनारायण से 10 हजार और जयकुमार से एक लाख की मांग की जा रही थी. जिसमें सत्यापन के दौरान सौदा 50 हजार रुपए में तय हुआ. इसमें रिश्वत मांगने वाले कांस्टेबल दिनेश मीणा ने खुद के लिए 10 हजार और थानाधिकारी जयराम के लिए 40 हजार रुपए देने की बात कही थी.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में ट्रैप की कार्रवाई 10 जून को कि थी, लेकिन आरोपी कांस्टेबल दिनेश मीणा ने रिश्वत की राशि नहीं ली. साथ ही कहा कि वे जब कोटा आएंगे तब पैसे लेंगे. 25 जून शुक्रवार को दिनेश कांस्टेबल ने जयकुमार शर्मा को फोन किया और सीआई जयराम के साथ मिलने के लिए उसके घर जवाहर नगर की तरफ आने की बात कही. इस पर दोबारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ट्रैप का प्लान बनाया और घर के आस-पास एसीबी की टीम मौजूद रही.
इस दौरान कांस्टेबल पहले खुद नहीं आया. कांस्टेबल का साला आया और पैसे लेकर भाग गया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि 25 जून की देर रात आरोपी कांस्टेबल दिनेश मीणा ने अपने साले मोहित मीणा को जयकुमार शर्मा के घर पर रिश्वत लेने भेजा, लेकिन जयकुमार ने दिनेश मीणा को फोन पर कहा कि वह उसे ही राशि देगा. इसके बाद दिनेश मीणा ने फोन पर ही सहमति देते हुए मेन रोड पर मिलने की बात कही.
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जब जयकुमार मेन रोड पर दिनेश मीणा से मिलने पहुंचा, तो उसके साथ साला मोहित मीणा भी साथ था. ऐसे में मोहित मीणा को ही उसने राशि 11 हजार रुपए की रिश्वत राशि दिलवा दी. साथ ही बचे हुए बाकी 40 हजार रुपए बाद में देने के लिए कहा. जयकुमार का इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने आरोपी कांस्टेबल को मोटरसाइकिल सहित पकड़ा, लेकिन उसका साला मोहित मीणा रिश्वत की राशि लेकर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया है.
बाद में आरोपी जयराम भी एसीबी की पकड़ से फरार हो गया. आरोपी कांस्टेबल दिनेश मीणा को पकड़ने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों दिनेश मीणा की बात सांगोद थाना अधिकारी जयराम से करवाई. जिसमें इस मामले के अनुसंधान अधिकारी जयराम ने 11 हजार की रिश्वत राशि रख लेने और बची राशि के लिए बात करने के लिए कहा.
इसके बाद एसीबी की टीम सांगोद थाना अधिकारी जयराम को गिरफ्तार करने के लिए गई, लेकिन उसे इस बात का पता चल गया और वह थाने से फरार हो गया. अब भी एसीबी की टीम आरोपी मोहित और थानाधिकारी जयराम की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है.
कांस्टेबल और सीआई हुए निलंबित
सांगोद थाने के सीआई जयराम जाट और कांस्टेबल दिनेश मीणा को रिश्वत लेने के मामले में निलंबित कर दिया गया है. ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने मामले का खुलासा होते ही तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को निलंबित कर दिया है. साथ ही हवाला दिया है कि एसीबी की कार्रवाई के बाद दोनों के ऊपर विभागीय कार्रवाई लंबित है, ऐसे में दोनों को निलंबित किया गया है. इसमें से दिनेश मीणा तो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गिरफ्त में है. जबकि सीआई जयराम जाट फरार है.
कोरोना की दूसरी लहर में हुई ज्यादा कार्रवाई
अप्रैल माह में एसीबी ने 28 ट्रैप की कार्रवाई की है और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत 141 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. 2020 में यह आंकड़ा 79 था और जहां तक कार्रवाई की बात है, तो साल 2020 अप्रैल में एसीबी ने महज 1 ही ट्रैप की कार्रवाई की थी. 2020 में जब कोरोना की पहली लहर का प्रकोप था तो उस वक्त लोगों में भय काफी देखा जा रहा था और यही कारण है कि उस वक्त रिश्वत मांगने के मामलों में भी कमी आई थी. हालांकि 2021 में कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर की तुलना में घातक साबित हुई, लेकिन इस बार रिश्वतखोरों में भय नहीं दिखा.
अप्रैल से जून तक की गई प्रमुख कार्रवाई
- 10 अप्रैल को एसीबी ने 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए बूंदी के सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार के फार्मासिस्ट इंद्रराज को गिरफ्तार किया.
- 11 अप्रैल को जालोर में सायला पुलिस थाने के सहायक उप निरीक्षक पुलिस बाबूलाल राजपुरोहित 45 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.
- 12 अप्रैल को ग्रेटर नगर निगम जयपुर के सहायक अग्निशमन अधिकारी छोटूराम और चालक फतेह सिंह 90 हजार रुपये की रिश्वत पकड़ा.
- 13 अप्रैल को बांसवाड़ा में कलिंजरा पुलिस थाने का हेड कांस्टेबल श्रीलाल 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.
- 19 अप्रैल को कोटा में पुलिस थाना भीमगंज मंडी के सहायक उप निरीक्षक शुभम कुमार 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.
- 24 अप्रैल को बाड़मेर में पंचायत समिति सिवाना के कनिष्ठ तकनीकी सहायक देवेंद्र मालवीय 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.
- 30 अप्रैल को झुंझुनू में एडीजे कोर्ट चिड़ावा के लोक अभियोजक मोहम्मद खादिम और टाइपिस्ट जीतू 55 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.
- 30 अप्रैल को कोटा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र कुमार मालीवाल 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.
- 20 मई को एसीबी की राजसमंद इकाई ने स्थानीय खनिज विभाग में कार्यरत बॉर्डर होमगार्ड राजेश कुमार को 20,000 रुपए की रिश्वत राशि लेते ट्रैप किया.
- 22 मई को एसीबी सवाई माधोपुर इकाई ने टोंक जिले के अलीगढ़ थाने में हेड कांस्टेबल मीठालाल मीणा को 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा.
- 25 मई को एसीबी की उदयपुर इकाई ने चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी में नगर पालिका चेयरमैन के रिश्तेदार कुश शर्मा को 2 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया.
- 29 मई को एसीबी की बांसवाड़ा इकाई ने जवाहर नवोदय विद्यालय के कार्यालय अधीक्षक राजेश खन्ना को 8500 रुपए की रिश्वत राशि लेते ट्रैप किया.
- 29 मई एसीबी की पाली इकाई ने ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ के सरपंच गुलाब सिंह और दलाल महेंद्र सिंह को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा.
- 31 मई को एसीबी की टोंक इकाई ने टोंक के देवली में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कनिष्ठ अभियंता धर्मराज जैन और दलाल कालूराम को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा.
- 2 जून को एसीबी की हनुमानगढ़ इकाई ने पुलिस थाना खुईया के सहायक उप निरीक्षक पृथ्वी सिंह को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा.
- 3 जून को एसीबी की धौलपुर इकाई ने पुलिस थाना सदर में कार्रवाई करते हुए सहायक उप निरीक्षक विनोद कुमार को 20 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया.
- 4 जून को एसीबी की अलवर इकाई ने रामगढ़ तहसीलदार के रीडर प्रवीण कुमार सैनी को 50 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया.