कोटा. सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने शहर में चल रहे सीवरेज निर्माण कार्य (Sewerage Work) के काम पर आपत्ति जताई है. उन्होंने इसके लिए यूआईटी के सचिव राजेश जोशी को पत्र लिखा है और प्रमुख सचिव शासन और स्वायत्त शासन विभाग को भी इस पत्र की प्रति भी भेजी है. पत्र में उन्होंने सीवरेज लाइन की पाइप बिछाने के कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया है और काम की जांच करवाने की मांग की है. विधायक की शिकायत का असर ये हुआ कि निर्माण एजेंसी की टीम कुछ मिनटों में मरम्मत करने के लिए पहुंच गई.
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पत्र में साफ लिखा गया है कि बारिश के पहले ही सीवरेज लाइन डालने के लिए शहर की सड़कों को जेसीबी मशीन से खोद दिया जाता है. ऐसे में शहर की जनता को काफी परेशानी होती है. चिंता की बात यह भी है कि ठेकेदार की ओर से मानकों का उल्लंघन कर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है और अधिकारी इस कार्य की निगरानी नहीं कर रहे हैं.
गुमानपुरा मुख्य मार्ग से छावनी के तरफ सीवरेज पाइप लाइन डालने के बाद डामरीकरण सड़क पर किया गया है, लेकिन यातायात चालू होने के बाद ही पानी का रिसाव डामर के ऊपर कई जगहों पर दिखाई दे रहा है. विधायक भरत सिंह का निवास भी इसी मार्ग पर गुमानपुरा में स्थित है. हाल ही में उनके घर के बाहर भी सीवरेज लाइन डाली गई थी.
पत्र पर तुरंत लिया संज्ञान
पत्र पर तुरंत संज्ञान लेते हुए यूआईटी सचिव के निर्देश पर सीवरेज लाइन डाल रही फर्म के प्रतिनिधि कार्यस्थल पर पहुंच गए और लीकेज दुरुस्त करने के लिए गड्ढे भी खोदने लग गए. यहां तक कि भारी मशीनरी भी मौके पर तैनात कर दी गई है, ताकि जल्द से जल्द लीकेज दुरुस्त हो जाए. कर्मचारी ने बताया कि पुरानी सीवरेज लाइन की स्थिति को देखते हुए विधायक निधि से इस कार्य के लिए बजट आवंटित किया गया. लेकिन कार्य के दौरान गुणवत्ता सवालों के घेरे में है.
ऐसे में इस कार्य की जांच करवाकर इसे ठीक करवाया जाए साथ ही दोषियों पर भी कार्रवाई की जाए. दूसरी तरफ लीकेज को दुरुस्त करवाने के लिए भेजे गए प्रतिनिधियों ने बताया कि कि उन्होंने काम तो ठीक ही किया था लेकिन यहां पर पड़ी बड़ी लाइन की वजह से लीकेज हो गया था. अब सभी लाइनों को दुरुस्त करवाया जा रहा है. यूआईटी के अधिकारियों ने उन्हें निर्देश दिए हैं और इस कार्य के लिए विधायक भरत सिंह ने आपत्ति जताई थी.
भाजपा पार्षदों ने भी किया था विरोध
इसी प्रकरण को लेकर भाजपा के पार्षद सुरेंद्र कलवार, सुरेंद्र राठौर और सुदर्शन गौतम ने भी यूआईटी सचिव राजेश जोशी के सामने विरोध जताया था. हालांकि इस दौरान सुरेंद्र कलवार और यूआईटी सचिव की बहस हो गई थी. जिसके बाद काफी हंगामा भी यूआईटी सेक्रेटरी जोशी के कक्ष में हुआ था. बाद में उन्होंने यूआईटी थाने से पुलिस बुलाकर पार्षदों को बाहर निकाला था. साथ ही घंटों तक यूआईटी के थाने में बैठाए रखा था.