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अपनी ही सरकार के खिलाफ कोटा में कांग्रेसियों ने फूंका बिगुल, MLA भरत सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन...बोले- सरकार ऊंचा सुनती है

जयपुर में विधानसभा का बजट सत्र (Rajasthan Vidhansabha Budget Session 2022) शुरू हो गया है और उसी के साथ कोटा जिले में भी कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी के मंत्री के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस विधायक भरत सिंह इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं. निशाने पर खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया हैं जिनके खिलाफ भ्रष्ट और चोर होने के नारे लगाए जा रहे हैंं और मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग की जा रही है.

Congress Against Congress
अपनी सरकार के खिलाफ कांग्रेस
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Published : Feb 9, 2022, 1:53 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 2:26 PM IST

कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह के नेतृत्व में कोटा कलेक्ट्रेट में धरना शुरू (congress Against Congress) हो गया है. इनकी मांग बारां जिले के गांव खान की झोपड़ियां को कोटा में शामिल करने की है. यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी है. जिसमें खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया इनके निशाने पर हैं.

खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को भ्रष्ट और चोर बताते हुए इन लोगों ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग (MLA Bharat Singh Demands Bhaya dismissal) भी कर दी है. इसके साथ ही पहले से चर्चित रहा पोस्टर भी यहां पर लगाया गया है. जिसमें मंत्री भाया के खिलाफ पत्थर और रेत थाने का आरोप लगाते हुए स्लोगन लिखे हुए हैं.

अपनी ही सरकार के खिलाफ कोटा में कांग्रेसियों ने फूंका बिगुल

पढ़ें-किसान पर सियासत! किसानों की जमीन नीलामी पर हो रही निंदा आधारित राजनीति, शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं ने नहीं निभाई जिम्मेदारी: रामपाल जाट

विधायक भरत सिंह के नेतृत्व में (MLA Bharat Singh Demands Bhaya dismissal) हो रहे इस धरने प्रदर्शन में फ्लेक्स पर रावण का चित्र बनाया हुआ है, जो उल्टा है. इस पर लिखा है कि "प्रशासन उल्टे काम कब सुल्टा करेगा". यह स्लोगन ऑन के झोंके बढ़िया गांव को लेकर लिखा है.

एमएलए भरत सिंह ने मीडिया से कहा कि 10 अप्रैल 1991 को बारां जिला बना था. तब काली सिंध नदी को बॉर्डर बताकर जिले सीमा तय हुई थी. इसमें खान की झोपड़िया गांव कोटा जिले की सीमा में है, वह गलती से बारां जिले में दर्शाया हुआ है. बीते 30 साल से यह गांव बारां जिले में ही है और हम कोटा में मिलाने की मांग कर रहे हैं. मैंने पहले ही कह दिया था विधानसभा में नहीं जाकर कलेक्ट्रेट के सामने कोटा में धरना दूंगा और यह धरना इसीलिए दिया गया है. इस धरने की सूचना हमने जिला प्रशासन को दी थी. जिसके बाद ही कोटा के जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा और संभागीय आयुक्त दीपक नन्दी ने राज्य सरकार को हमारी मांग का पत्र भेज दिया. जिसमें उन्होंने भूल दुरुस्त करने की बात कही है.

पढ़ें- Kota Political News : सांगोद के विधायक भरत सिंह का बड़ा बयान, मुख्यमंत्री को चला रही है ब्यूरोक्रेसी

बारां के तीन कांग्रेस एमएलए के सामने मैं अकेला लड़ रहा हूं: विधायक भरत सिंह ने कहा कि मैंने सोचा था इस धरने की नौबत नहीं आएगी. सरकार इस गलती को दुरुस्त कर देगी, लेकिन मुझे जानकर आश्चर्य व तकलीफ हुई है कि बारां जिले के तीन कांग्रेस विधायकों ने सरकार को इस भूल सुधार नहीं करने के लिए लिखा है. ताकि खान की झोपड़ी में अवैध खनन व चोरी हो सके. उन 3 एमएलए के सामने एक भरत सिंह की संख्या कम है और प्रजातंत्र में तो एमएलए की संख्या का महत्व है. बारां के तीन कांग्रेस एमएलए की गलत मांग पर सरकार उनको प्रसन्न करने के लिए इस पर कदम नहीं उठाना चाहती, इसलिए मेरे सामने जनता के बीच में आकर इस प्रदर्शन की आवश्यकता पड़ी.

Protest Against Minister Bhaya
उल्टा पोस्टर सीधा सवाल

सरकार ऊंचा सुनती है, इसलिए जोर से बोलना पड़ रहा है: भरत सिंह ने यहां तक कह दिया कि व्यक्ति के बुजुर्ग को जाने पर बहुत ऊंचा सुनता है, तो जोर से बोलना पड़ता है. सरकार के सुनने की क्षमता कम हो गई है इसलिए जोर से ऊंचा बोलना पड़ रहा है. मैंने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया है, लेकिन कई बार विधानसभा की चारदीवारी में ही अटक जाता है. मैं कोटा में जो धरना देकर बोल रहा हूं, यह बात विधानसभा में पहुंच जाएगी. विधानसभा के संवाद कार्यक्रम को उन्होंने ट्रेनिंग बताया और कहा कि ट्रेनिंगशुदा व्यक्ति हूं. मैं पहले ही ट्रेनिंग पा चुका हूं.

कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह के नेतृत्व में कोटा कलेक्ट्रेट में धरना शुरू (congress Against Congress) हो गया है. इनकी मांग बारां जिले के गांव खान की झोपड़ियां को कोटा में शामिल करने की है. यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी है. जिसमें खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया इनके निशाने पर हैं.

खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को भ्रष्ट और चोर बताते हुए इन लोगों ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग (MLA Bharat Singh Demands Bhaya dismissal) भी कर दी है. इसके साथ ही पहले से चर्चित रहा पोस्टर भी यहां पर लगाया गया है. जिसमें मंत्री भाया के खिलाफ पत्थर और रेत थाने का आरोप लगाते हुए स्लोगन लिखे हुए हैं.

अपनी ही सरकार के खिलाफ कोटा में कांग्रेसियों ने फूंका बिगुल

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विधायक भरत सिंह के नेतृत्व में (MLA Bharat Singh Demands Bhaya dismissal) हो रहे इस धरने प्रदर्शन में फ्लेक्स पर रावण का चित्र बनाया हुआ है, जो उल्टा है. इस पर लिखा है कि "प्रशासन उल्टे काम कब सुल्टा करेगा". यह स्लोगन ऑन के झोंके बढ़िया गांव को लेकर लिखा है.

एमएलए भरत सिंह ने मीडिया से कहा कि 10 अप्रैल 1991 को बारां जिला बना था. तब काली सिंध नदी को बॉर्डर बताकर जिले सीमा तय हुई थी. इसमें खान की झोपड़िया गांव कोटा जिले की सीमा में है, वह गलती से बारां जिले में दर्शाया हुआ है. बीते 30 साल से यह गांव बारां जिले में ही है और हम कोटा में मिलाने की मांग कर रहे हैं. मैंने पहले ही कह दिया था विधानसभा में नहीं जाकर कलेक्ट्रेट के सामने कोटा में धरना दूंगा और यह धरना इसीलिए दिया गया है. इस धरने की सूचना हमने जिला प्रशासन को दी थी. जिसके बाद ही कोटा के जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा और संभागीय आयुक्त दीपक नन्दी ने राज्य सरकार को हमारी मांग का पत्र भेज दिया. जिसमें उन्होंने भूल दुरुस्त करने की बात कही है.

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बारां के तीन कांग्रेस एमएलए के सामने मैं अकेला लड़ रहा हूं: विधायक भरत सिंह ने कहा कि मैंने सोचा था इस धरने की नौबत नहीं आएगी. सरकार इस गलती को दुरुस्त कर देगी, लेकिन मुझे जानकर आश्चर्य व तकलीफ हुई है कि बारां जिले के तीन कांग्रेस विधायकों ने सरकार को इस भूल सुधार नहीं करने के लिए लिखा है. ताकि खान की झोपड़ी में अवैध खनन व चोरी हो सके. उन 3 एमएलए के सामने एक भरत सिंह की संख्या कम है और प्रजातंत्र में तो एमएलए की संख्या का महत्व है. बारां के तीन कांग्रेस एमएलए की गलत मांग पर सरकार उनको प्रसन्न करने के लिए इस पर कदम नहीं उठाना चाहती, इसलिए मेरे सामने जनता के बीच में आकर इस प्रदर्शन की आवश्यकता पड़ी.

Protest Against Minister Bhaya
उल्टा पोस्टर सीधा सवाल

सरकार ऊंचा सुनती है, इसलिए जोर से बोलना पड़ रहा है: भरत सिंह ने यहां तक कह दिया कि व्यक्ति के बुजुर्ग को जाने पर बहुत ऊंचा सुनता है, तो जोर से बोलना पड़ता है. सरकार के सुनने की क्षमता कम हो गई है इसलिए जोर से ऊंचा बोलना पड़ रहा है. मैंने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया है, लेकिन कई बार विधानसभा की चारदीवारी में ही अटक जाता है. मैं कोटा में जो धरना देकर बोल रहा हूं, यह बात विधानसभा में पहुंच जाएगी. विधानसभा के संवाद कार्यक्रम को उन्होंने ट्रेनिंग बताया और कहा कि ट्रेनिंगशुदा व्यक्ति हूं. मैं पहले ही ट्रेनिंग पा चुका हूं.

Last Updated : Feb 9, 2022, 2:26 PM IST
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