कोटा. शिक्षा की काशी कोटा में कोचिंग संस्थान शहर की लाइफ लाइन हैं. कोचिंग सिटी कोटा में रौनक लौटने लगी है. एक बार फिर यहां के कोचिंग इंस्टीट्यूट, हॉस्टल्स, मेस और मॉल्स में हलचल बढ़ गई है.
राजस्थान सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आज से कोटा में कोचिंग संस्थान शुरू हो गए हैं. 10 माह से बंद कोचिंग संस्थानों में आज से ऑफलाइन क्लासेज शुरू होने पर कोविड गाइडलाइन को पूरी तरह से फोलो किया जा रहा है. क्लासरूम कोचिंग शुरु होने के बाद से ही स्टूडेंट काफी खुश नजर आ रहे हैं. छात्रों ने कहा कि जो ऑनलाइन कोचिंग के दौरान उन्हें असुविधा हो रही थी, अब उसका निदान ऑफलाइन कोचिंग में हो गया है.
30 हजार स्टूडेंट पहुंच चुके हैं कोटा
राज्य सरकार की ओर से जो स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर तैयार किया गया है, उसी के तहत कोचिंग संस्थानों में प्रवेश करवाया जा रहा है. जो भी स्टूडेंट दूसरे राज्यों से आएंगे, उनको कोविड-19 जांच करवा कर ही यहां पर आना होगा. इसकी जांच भी एडमिशन या फिर कैंपस में प्रवेश के पहले कोचिंग संस्थान कर रहे हैं. साथ ही पूरा एक डॉक्यूमेंट हर स्टूडेंट का तैयार किया जा रहा है, जिसे जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा, ताकि उस विद्यार्थी की निगरानी जिला प्रशासन भी रख सके.
राज्य सरकार की कोविड-गाइड लाइन की पालना के तहत जिला प्रशासन की जारी की गई एसओपी की पालना के भी कोचिंग, हॉस्टल और मेस में पूरे प्रबंध किए गए हैं. कोचिंग इंस्टीट्यूट में जहां क्लासरूम में स्टूडेंट्स के बैठने के लिए मार्किंग की गई है, वहीं फुट स्टीकर के माध्यम से स्टूडेंट्स को चलते समय सोशल डिस्टेंसिंग रखने का संदेश दिया जा रहा है.
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एंट्री प्वाइंट पर सैनेटाइजेशन, तापमान लेने की व्यवस्थाएं की गई है. इसके अलावा कैंपस में कोविड-19 जागरूकता के लिए पोस्टर और स्लोगन भी लगाए गए हैं. क्लासेज में विद्यार्थियों की संख्या में भी कमी की गई है. क्लास में भी पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जा रही है. पहले जहां पर करीब 100 बच्चे क्लास में होते थे, अब यह संख्या 50 से भी कम है. सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी की गई है. कोटा में करीब 30000 स्टूडेंट पहुंच चुके हैं, जो क्लासरूम कोचिंग अटेंड करेंगे.
बच्चों को मिलेगा बेहतर कंपटीशन
कोचिंग संस्थान प्रबंधन का कहना है कि बच्चों की केयर पूरे कोटा शहर को मिलकर करनी होगी. यह कोटा के लिए जीवनदायिनी हैं. बच्चों को भी बेहतर कंपटीशन मिलने से वे टॉप करेंगे. पहले भी कोटा के अच्छे परिणाम रहे हैं, लेकिन अब ऑनलाइन में बच्चे थोड़ा पढ़ने में असुविधा फेस कर रहे थे, अब अच्छा परिणाम भी देंगे. छोटे व्यापार, जिनमें ऑटो, चाय की थड़ी, सैलून से लेकर नाश्ते तक का रोजगार छिन गया था, अब वापस कोटा आबाद होगा, तो इन सब लोगों को भी फायदा होगा, उनका जीवन भी पटरी पर लौटेगा.