कोटा. रेलवे कॉलोनी थाना इलाके में बुधवार को एक अभियंता के घर से 15 वर्षीय बालिका को रेस्क्यू किया गया है. बालिका को बंधक बनाकर बंधुआ मजदूर की तरह काम करवाया जा रहा था. बताया जा रहा है कि बालिका को बिहार से खरीद कर लाया गया है.
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वर्ष 2015 से ही व घर पर बंधक के रूप में काम कर रही है. काम करने से इनकार करने पर बालिका के साथ मारपीट भी की जाती थी. साथ ही बालिका के हाथों को गर्म करके चिमटे और चाकू से झुलसाया भी जाता था. चाइल्डलाइन को मुखबिर से सूचना मिली कि रेलवे कॉलोनी थाना इलाके की पूनम कॉलोनी के ज्ञान विहार इलाके में रहने वाले बिजली विभाग के अभियंता रूपेश कुमार और उनकी पत्नी रूबी ने एक 15 वर्षीय बालिका को बंधक बनाया हुआ है.
ऐसे में बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल चंद जैन, आबिद हुसैन अब्बासी, बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, आउटरीच वर्कर संजय मेहरा व चाइल्डलाइन शहर समन्वयक रेखा शाक्य मौके पर पहुंचे. उनके साथ रेलवे कॉलोनी थाने के बाल कल्याण अधिकारी जगदीश प्रसाद भी थे.
टीम के मौके पर पहुंचने पर अभियंता की पत्नी ने हंगामा शुरू कर दिया और पड़ोसियों को एकत्रित कर लिया. लेकिन जब टीम के सदस्यों ने पड़ोसियों को भी इस मामले की पूरी जानकारी दी तो कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया. आखिर में बालिका को रेस्क्यू कर नागदा स्थित नारी निकेतन ले जाया गया है. जहां पर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा. मौके पर कार्रवाई करने वाली टीम ने बताया कि यह बालिका करीब 15 वर्षीय है, लेकिन यह जहां पर काम कर रही थी, उन लोगों को इसके माता-पिता के संबंध में भी जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि वह इसे बिहार से खरीद कर लेकर आए थे और वर्ष 2015 से ही उनके घर पर काम कर रही है.
ऐसे में साफ लगता है कि किसी मध्यस्थ के जरिए ही बालिका को खरीद कर कोटा लाया गया है. बालिका ने प्रारंभिक तौर पर बताया है कि उसके साथ मारपीट भी की जाती थी. बालिका को गर्म चाकू और चिमटे से भी झुलसाया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. सीडब्ल्यूसी भी कार्रवाई की अनुशंसा करेगी. साथ ही पुलिस भी 164 के बयान करवा कर आरोपी दंपत्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी.