कोटा. जिले के ग्रामीण इलाके में एक 15 वर्षीय बालिका का बाल विवाह करने का मामला सामने आया है. इस मामले में बालिका ने खुद ही चाइल्ड लाइन को अपने विभाग की जानकारी दी. इसके बाद यह मामला बाल कल्याण समिति के पास पहुंचा. सीडब्ल्यूसी के आदेश पर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है. साथ ही अब बालिका के विभाग को शून्य कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत लड़की के माता-पिता और जहां उसकी शादी हुई थी उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.
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बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल कुमार जैन ने बताया कि कैथून थाना इलाके की रहने वाली एक 15 वर्षीय बालिका की शादी उसके परिजनों ने सुल्तानपुर इलाके में 3 मई को की थी. इसके बाद बालिका वापस अपने घर आ गई थी, लेकिन परिजनों ने उसे दोबारा ससुराल भेज दिया. इस मामले में बालिका ने स्वयं ही चाइल्डलाइन की टीम को अपने विवाह की जानकारी दी, जिसके बाद चाइल्ड लाइन की कोऑर्डिनेटर कल्पना प्रजापति ने बाल कल्याण समिति को पूरे मामले से अवगत कराया था.
जैन का कहना है कि उन्होंने खुद कैतून थाना अधिकारी महेंद्र मारू से बातचीत की और इस मामले में कार्रवाई के लिए कहा. जिसके बाद पुलिस ने बालिका के घर जाकर जांच की. इसके बाद परिजनों ने अपनी बड़ी बेटी को आगे कर दिया, लेकिन जब कागजात दिखाने की बात आई तब वापस उन्होंने छोटी बेटी की नाबालिग उम्र में ही शादी कर दी थी.
इसके बाद बाल कल्याण समिति ने बालिका को स्थाई शेल्टर बालिका गृह में रखवाया है. बालिका का कहना है कि वह आगे पढ़ाई करना चाहती है और अपने माता-पिता के पास भी नहीं जाना चाहती है. इस मामले में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई ससुराल और पीहर दोनों पक्षों पर की जा रही है. साथ ही इस मामले में पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ी जाएगी या नहीं, इस संबंध में बाल संरक्षण आयोग जयपुर से राय ली जाएगी. जिसके बाद बाल कल्याण समिति की मीटिंग में इस मुद्दे को रखा जाएगा.