कोटा. शहर के कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल से कोरोना मरीजों के लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन चुराकर उन्हें ग्लूकोज को चढ़ा देने के मामले में जवाहर नगर थाना पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक और दो नर्सेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी एक शिकायत जवाहर नगर थाना पुलिस को दी. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे महावीर नगर थाने को भेज दिया है.
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अस्पताल के निदेशक श्यामसुंदर जिंदल ने जवाहर नगर थाने पहुंचकर एक परिवाद दिया था, जिसमें नर्सिंग कर्मी मनोज कुमार रेगर पर आरोप लगाए थे कि उसने मरीजों की जान से खिलवाड़ की है. इसके अलावा नर्सिंग कार्मिक के इस कृत्य से अस्पताल की छवि भी खराब हुई है. पुलिस से शिकायत में आग्रह किया है कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कारवाई की जाए.
हालांकि, इस मामले में जवाहर नगर थाना पुलिस ने इस पूरे परिवाद को महावीर नगर थाने भेज दिया है क्योंकि पहले से ही नर्सिंग कर्मी मनोज कुमार रेगर और उसके भाई राकेश कुमार रेगर के खिलाफ कार्रवाई जारी है. साथ ही दोनों नर्सिंगकर्मी अभी न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद है.
5 अलग-अलग कमेटियां कर रही जांच
मरीजों को रेमडेसिविर की जगह पानी के इंजेक्शन लगा देने के मामले में 5 अलग-अलग जांच कमेटियां गठित की गई है. जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की कमेटी है. दूसरा जिला प्रशासन के निर्देश पर गठित हुई एक कमेटी है, जिसमें अतिरिक्त जिला कलेक्टर आरडी मीणा और मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना जांच कर रहे हैं.
तीसरी कमेटी में पुलिस खुद जांच कर रही है. वहीं, इसी मामले में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने भी पहले ही कमेटी गठित कर दी थी. जिसमें अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय जांच कर रहे हैं. इसके अलावा ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन भी अपने स्तर पर इसकी अलग से जांच कर रही है.