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जेके लोन में बच्चों की मौत के मामले में गहलोत सरकार की कार्रवाई...डॉ. दुलारा को हटाकर डॉ. मूंदड़ा को बनाया नया अधीक्षक - Ashok Mundra

गहलोत सरकार ने नवजात शिशुओं की मौत के मामले में मंगलवार को कार्रवाई करते हुए जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटा दिया है. उनकी जगह पर फॉरेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष और आचार्य डॉ. अशोक मूंदड़ा को जेके लोन अस्पताल का नया अधीक्षक बनाया गया है. साथ ही पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. एएल बैरवा को भी हटाकर डॉ. अमृता मयंगर को एचओडी बनाया गया है.

Ashok Mundra, Superintendent of JK Lone Hospital
डॉ. अशोक मूंदड़ा बने नए अधीक्षक
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Published : Dec 15, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 7:05 PM IST

कोटा. जेके लोन अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में राज्य सरकार पर भाजपा नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं. साथ ही अधिकारियों को बचाने के लिए झूठी रिपोर्ट तैयार करने का भी आरोप गहलोत सरकार पर लगाया जा रहा था. इसी बीच राज्य सरकार ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटा दिया है. उनकी जगह पर फॉरेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष और आचार्य डॉ. अशोक मूंदड़ा को जेके लोन अस्पताल का नया अधीक्षक बनाया गया है.

डॉ. अशोक मूंदड़ा बने नए अधीक्षक

अशोक मूंदड़ा ने कहा कि अस्पताल में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो और उपचार के बेहतर इंतजाम करने की कोशिश करेंगे. मूंदड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है उसको पूरा करने की कोशिश करेंगे. नवजात शिशुओं के साथ कोई अनहोनी नहीं हो, इसकी पूरी कोशिश की जाएगी और हाड़ौती की जनता को ज्यादा से ज्यादा सेवा दी जाएगी.

पढ़ें- जेके लोन अस्पताल के मुद्दे पर भाजयुमो का प्रदर्शन, गहलोत सरकार पर लगाया ये गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि जच्चा और बच्चा को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाए, इसकी कोशिश रहेगी. अस्पताल का लगातार दौरा करेंगे और स्टाफ को भी मोटिवेट करने के लिए उनसे बातचीत की जाएगी. अस्पताल में क्या-क्या समस्याएं हैं, उनको भी दूर किया जाएगा. सफाई से लेकर टॉयलेट, बच्चों के लिए वेंटिलेटर और उपकरणों की समस्या को भी दूर करेंगे.

मूंदड़ा ने कहा कि जच्चा और बच्चा की पूरी सावधानी और अच्छी देखभाल हो. सभी अस्पताल से सुरक्षित डिस्चार्ज हो, यह हमारी कोशिश रहेगी. उन्होंने हाड़ौती की जनता और गर्भवती महिलाओं से अपील की कि डिलीवरी से पहले और टाइम टू टाइम गर्भस्थ शिशु और गर्भवती सभी जांच करवाएं. दवाइयां भी वे समय से लेते रहें. गर्भावस्था के दौरान गर्भवती और नवजात शिशु की डेथ को रोक सके और उन्हें सुरक्षित रखें.

बता दें कि 10 दिसंबर के बाद अब तक 19 नवजात शिशुओं की मौत जेके लोन अस्पताल में उपचार के दौरान हो चुकी है. यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. पिछले साल भी दिसंबर महीने में 48 घंटे में 10 नवजात शिशु की मौत हुई थी. इसके बाद ही जेके लोन अस्पताल में अधीक्षक को बदलते हुए नए अधीक्षक के रूप में डॉ. एससी दुलारा को नियुक्ति दी गई थी.

डॉ. बैरवा को हटाकर डॉ. मयंगर को बनाया गया एचओडी...

राज्य सरकार की कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई लगातार जारी रही है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. दुलारा को हटाने के बाद पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. एएल बैरवा पर भी राज्य सरकार के निर्देश पर गाज गिरी है. इसके लिए राज्य सरकार ने एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमृता मयंगर को पदोन्नति देते हुए पातेय वेतन पर ही प्रोफेसर बनाया गया है. इसके साथ ही रोटेशन के जरिए डॉ. अमृत लाल बेरवा की जगह अब डॉ. अमृता मयंगर पीडियाट्रिक्स की एचओडी बन गई हैं.

कोटा. जेके लोन अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में राज्य सरकार पर भाजपा नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं. साथ ही अधिकारियों को बचाने के लिए झूठी रिपोर्ट तैयार करने का भी आरोप गहलोत सरकार पर लगाया जा रहा था. इसी बीच राज्य सरकार ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटा दिया है. उनकी जगह पर फॉरेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष और आचार्य डॉ. अशोक मूंदड़ा को जेके लोन अस्पताल का नया अधीक्षक बनाया गया है.

डॉ. अशोक मूंदड़ा बने नए अधीक्षक

अशोक मूंदड़ा ने कहा कि अस्पताल में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो और उपचार के बेहतर इंतजाम करने की कोशिश करेंगे. मूंदड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है उसको पूरा करने की कोशिश करेंगे. नवजात शिशुओं के साथ कोई अनहोनी नहीं हो, इसकी पूरी कोशिश की जाएगी और हाड़ौती की जनता को ज्यादा से ज्यादा सेवा दी जाएगी.

पढ़ें- जेके लोन अस्पताल के मुद्दे पर भाजयुमो का प्रदर्शन, गहलोत सरकार पर लगाया ये गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि जच्चा और बच्चा को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाए, इसकी कोशिश रहेगी. अस्पताल का लगातार दौरा करेंगे और स्टाफ को भी मोटिवेट करने के लिए उनसे बातचीत की जाएगी. अस्पताल में क्या-क्या समस्याएं हैं, उनको भी दूर किया जाएगा. सफाई से लेकर टॉयलेट, बच्चों के लिए वेंटिलेटर और उपकरणों की समस्या को भी दूर करेंगे.

मूंदड़ा ने कहा कि जच्चा और बच्चा की पूरी सावधानी और अच्छी देखभाल हो. सभी अस्पताल से सुरक्षित डिस्चार्ज हो, यह हमारी कोशिश रहेगी. उन्होंने हाड़ौती की जनता और गर्भवती महिलाओं से अपील की कि डिलीवरी से पहले और टाइम टू टाइम गर्भस्थ शिशु और गर्भवती सभी जांच करवाएं. दवाइयां भी वे समय से लेते रहें. गर्भावस्था के दौरान गर्भवती और नवजात शिशु की डेथ को रोक सके और उन्हें सुरक्षित रखें.

बता दें कि 10 दिसंबर के बाद अब तक 19 नवजात शिशुओं की मौत जेके लोन अस्पताल में उपचार के दौरान हो चुकी है. यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. पिछले साल भी दिसंबर महीने में 48 घंटे में 10 नवजात शिशु की मौत हुई थी. इसके बाद ही जेके लोन अस्पताल में अधीक्षक को बदलते हुए नए अधीक्षक के रूप में डॉ. एससी दुलारा को नियुक्ति दी गई थी.

डॉ. बैरवा को हटाकर डॉ. मयंगर को बनाया गया एचओडी...

राज्य सरकार की कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई लगातार जारी रही है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. दुलारा को हटाने के बाद पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. एएल बैरवा पर भी राज्य सरकार के निर्देश पर गाज गिरी है. इसके लिए राज्य सरकार ने एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमृता मयंगर को पदोन्नति देते हुए पातेय वेतन पर ही प्रोफेसर बनाया गया है. इसके साथ ही रोटेशन के जरिए डॉ. अमृत लाल बेरवा की जगह अब डॉ. अमृता मयंगर पीडियाट्रिक्स की एचओडी बन गई हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 7:05 PM IST
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