कोटा. रक्षाबंधन पर हर साल की तरह इस बार भी राज्य सरकार ने महिलाओं को फ्री यात्रा का तोहफा दिया था, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर इस बार रोडवेज के दोनों बस स्टैंड खाली है. यहां तक कि रोडवेज प्रबंधन ने जो बसें लगाई थी, वे भी खाली जा रही है.
वहीं अतिरिक्त बसें भी खड़ी की गई हैं, उनका भी उपयोग नहीं हो रहा है. जबकि हर बार इतनी बसें रहती थी कि अतिरिक्त बसें भी कम पड़ जाती थी. कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते लोग घरों के बाहर नहीं निकल रहे हैं और बाहर जाने से भी कतरा रहे हैं. इसके चलते ही महिलाओं के लिए फ्री यात्रा होने के बावजूद रोडवेज की बसें खाली ही चल रही है. रोडवेज बस स्टैंड पर स्क्रीनिंग और हाथों को सैनिटाइज करवाने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है.
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रोडवेज के कोटा नयापुरा बस स्टैंड के ट्रैफिक मैनेजर घनश्याम जाट का कहना है कि सामान्य दिनों की अपेक्षा में कम यात्री सफर कर रहे हैं. बसें महिलाओं के लिए फ्री होने के बावजूद उनमें खास उत्साह नजर नहीं आ रहा है. हमने अतिरिक्त 10 बसें खड़ी कर रखी है, लेकिन उनकी जरूरत ही नहीं है, जो बसें सामान्य दिनों में चलती है. वह भी खाली ही चल रही है. आम दिनों से भी कम यात्रीभार है.
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पिछले साल राखी के अवसर पर काफी ज्यादा यात्रीभार था. रोडवेज के परिचालक शिवराज सिंह चंद्रावत का कहना है कि कोरोना की वजह से महिलाएं जाना नहीं चाह रही है. निशुल्क होने के बावजूद महिलाएं नहीं आ रही है. अधिकांश बसें खाली ही जा रही है, जो एस्ट्रा गाड़ियां हमने खड़ी की हुई है. उनको यात्री भार होने पर ही चलाया जा सकेगा.
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लॉकडाउन के चलते भी आया फर्क
कोटा में जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने हर रविवार को लॉकडाउन की घोषणा की हुई है. इसके चलते राखी के 1 दिन पहले रविवार का लॉकडाउन था. वहीं पहले से ही 4 और 5 अगस्त को संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए घोषित किया हुआ है. ऐसे में राखी के आगे पीछे लॉकडाउन था. इसका फर्क राखी पर भी देखने को पड़ रहा है. भाइयों को राखी बांधने जाने वाली महिलाएं लॉकडाउन की वजह से भी नहीं जा पा रही है. कहीं वह वहां पर फंस नहीं जाएं.