कोटा. भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने रिश्वत के मामले में पकड़े गए एक एएसआई को तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही 60 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है. दरअसल, मामला 15 साल पुराना बारां जिले के अंता थाने का है. जब रिश्वतखोर एएसआई ने मारपीट के मामले में जमानत देने के लिए परिवादी से 1,500 रुपए की रिश्वत ली थी. झूठे साक्ष्य पेश करने पर इस मामले में स्वतंत्र गवाह बृजमोहन मालव और परिवादी लटूरलाल के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, साल 2006 में परिवादी लटूरलाल और उसके बेटों की पैसों को विवाद को लेकर पड़ोसी से मारपीट हो गई थी. ऐसे में उनके खिलाफ अंता थाने में एक मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले की जांच एएसआई नरेंद्र कुमार शर्मा कर रहे थे. लटूरलाल का कहना था, उससे जमानत के पांच हजार रुपए एएसआई नरेंद्र कुमार शर्मा मांग रहे हैं. इसको लेकर ही लटूरलाल ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बारां को शिकायत की थी, जिसमें एएसआई नरेंद्र कुमार शर्मा पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था, इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए एएसआई नरेंद्र कुमार शर्मा को 1,500 रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था. बाद में चालान भी न्यायालय में पेश कर दिया.
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मामले में भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय के न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने फैसला सुनाते हुए आरोपी एएसआई नरेंद्र कुमार शर्मा को दोषी माना. इस पर ही तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 60 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इसके अलावा इस मामले में परिवादी लटूरलाल और स्वतंत्र गवाह बृजमोहन मालव पर झूठी साक्ष्य गवाही देने के तहत भी कार्रवाई की जा रही है. उन्हें धारा- 344 दंड प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी कर तलब किया गया है.