कोटा. जेके लोन अस्पताल के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जहां पर इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी ट्वीट कर इस मामले में अपने आप को आहत बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि लगातार कोटा के जेके लोन अस्पताल में जिस तरह से बच्चों की मौत हो रही है और माताओं की कोख उजड़ रही है. उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. उसकी त्वरित जांच होनी चाहिए. साथ ही उचित कार्रवाई भी इस मामले में हो.
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#Kota के जेके लोन अस्पताल में पिछले 24 घण्टे में 9 शिशुओं की मौत से आहत हूं। मेरा राज्य सरकार से आग्रह है कि माओं की उजड़ती कोख को हल्के में ना लेकर मामले की त्वरित जांच कराएं तथा उचित कार्रवाई करें। ईश्वर पीड़ित परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।#Rajasthan
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) December 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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वसुंधरा राजे सिंधिया ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि पिछले साल एक माह में ही सैकड़ों बच्चों की मौत हुई है, लेकिन सरकार ने अपनी किरकिरी से बचाने के लिए उस समय भी दोषियों को बचाने का काम किया. अभी कोविड-19 के दौर में स्वास्थ्य के संकट में भी प्रशासन को अलर्ट रहना चाहिए.
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जेके लोन अस्पताल #Kota में प्रशासन की लापरवाही के चलते पिछले वर्ष भी केवल एक माह में ही सैंकड़ों बच्चों की मौत हुई थी। लेकिन सरकार ने अपनी किरकिरी से बचने के लिए उस समय भी दोषियों को बचाने का काम किया था। वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौर में प्रशासन को पहले ही अलर्ट हो जाना चाहिए।
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">जेके लोन अस्पताल #Kota में प्रशासन की लापरवाही के चलते पिछले वर्ष भी केवल एक माह में ही सैंकड़ों बच्चों की मौत हुई थी। लेकिन सरकार ने अपनी किरकिरी से बचने के लिए उस समय भी दोषियों को बचाने का काम किया था। वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौर में प्रशासन को पहले ही अलर्ट हो जाना चाहिए।
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स्पीकर ओम बिरला बोले होनी चाहिए उच्च स्तरीय जांच
जेके लोन चिकित्सालय में एक दिन में 9 नवजात शिशुओं की मौत पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चिंता व्यक्त की है. लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा है कि पूर्व में भी अस्पताल में बड़ी संख्या में नवजात शिशुओं की मौतें हुई थी. तब भी अस्पताल प्रशासन की मांग के अनुसार केंद्र सरकार व सीएसआर के माध्यम से तमाम चिकित्सा उपकरण व विभिन्न प्रकार के संसाधन उपलब्ध करवाए गए थे.
इसके बावजूद अस्पताल में नवजात शिशु एवं प्रसुताओं का सुरक्षित नहीं होना, हम सब के लिए चिंता का विषय है. अस्पताल में नवजात शिशुओं की मृत्यु की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि बार-बार इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो. उपचार की व्यवस्था ऐसी हो, जिससे किसी के भी घर की खुशियां नहीं उजड़ें.
दिसंबर माह में अब तक हुई 28 बच्चों की
जेके लोन अस्पताल में दिसंबर माह में 28 बच्चों की मौत हुई है. वहीं 10 तारीख को भी ही देर रात 2 बजे के बाद सुबह 10:30 बजे तक 9 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं बीते साल भी पूरे साल में 962 बच्चों की मौत जेकेलोन अस्पताल में हुई थी. वहीं दिसंबर महीने में 100 बच्चों की मौत हुई थी. इसके चलते जमकर हंगामा पिछले साल हुआ था. यहां तक कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी कोटा दौरे पर आए थे. वहीं भाजपा के भी कई प्रतिनिधिमंडल कोटा पहुंचे थे.