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कोटा: 12 पूर्व पार्षदों को ही मिला दोबारा इस बार मौका, बीजेपी ने 9 तो कांग्रेस में तीन को मैदान में उतारा

पिछले बोर्ड में पार्षद रहे बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की तो उनमें से महज 12 पूर्व पार्षदों को ही इस बार दोबारा मौका मिला है. जिनमें से कांग्रेस के महज 3 पूर्व पार्षद शामिल है. वहीं बीजेपी के 9 पूर्व पार्षदों को पार्टी ने मैदान में उतारा है.

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Published : Oct 19, 2020, 8:08 PM IST

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बीजेपी ने 9 और कांग्रेस में 3 को मैदान में उतारा

कोटा. नगर निगम चुनाव में नामांकन प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई है. नामांकन प्रक्रिया के पहले ही बीजेपी ने अपने सभी नामों की घोषणा कर दी थी. जबकि कांग्रेस ने सीधे सिंबल रिटर्निंग ऑफिसर को पहुंचा दिए हैं. इसके बाद 3:00 बजे उन्होंने अपनी सूची जारी कर दी. जिसमें कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम थे, ताकि कोई भी व्यक्ति विरोध स्वरूप निर्दलीय नामांकन नहीं भरे.

बीजेपी ने 9 और कांग्रेस में 3 को मैदान में उतारा

हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस प्रत्याशियों की विरोध हो रहा है. वहीं बीजेपी में भी अंदर खाने में कुछ टिकटों पर नाराजगी सामने है. लेकिन बात की जाए पिछले बोर्ड में पार्षद रहे बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की तो उनमें से महज 12 पूर्व पार्षदों को ही इस बार दोबारा मौका मिला है. जिनमें से कांग्रेस के महज 3 पूर्व पार्षद शामिल हैं. वहीं बीजेपी के 9 पूर्व पार्षदों को पार्टी ने मैदान में उतारा है.

कांग्रेस से 2 पार्षदों ने नहीं मांगा दोबारा टिकट

पिछली बार जहां पर कांग्रेस के 6 पार्षद थे. जिनमें नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका राखी गौतम, दिलीप पाठक, शमा मिर्जा, मोनू कुमारी और मोहम्मद हुसैन मोमदा भाई शामिल हैं. इनमें से राखी गौतम और मोहम्मद हुसैन मोमदा भाई ने टिकट नहीं मांगा था. जबकि अन्य चारों पूर्व पार्षदों ने टिकट मांगा था. जिनमें से मोनू कुमारी का टिकट कट गया. बाकी तीनों पार्षदों को टिकट मिल गया है.

बीजेपी ने 12 पूर्व पार्षद या उनके परिजनों को दिया मौका

भारतीय जनता पार्टी ने जहां पर पार्षदों को मौका दिया है. उनमें चौथी बाहर गोपालराम मंडा और राम मोहन मित्रा बाबला लगातार चौथी बार बीजेपी से मैदान में है. इसके अलावा विवेक राजवंशी, विनोद नायक, गिर्राज महावर, सुनीता व्यास, धापू मेहरा, चिमन बैरवा और नरेंद्र सिंह हाड़ा दोबारा मैदान में आए हैं. साथ ही 2 पूर्व पार्षद युसूफ कड़क की पत्नी और देवेंद्र चौधरी मामा की पत्नी पुष्पा चौधरी को भी टिकट बीजेपी ने दे दिया है. इसी तरह से पूर्व पार्षद मीना प्रजापति के पति भूपेंद्र प्रजापति को बीजेपी ने टिकट दिया है.

पढ़ेंः नगर निगम चुनाव 2020: कोटा में मतदान दलों को प्रशिक्षण देने के लिए लगाया गया पांच दिवसीय शिविर

ये था पिछली बार का गणित

पिछले बोर्ड में जहां पर भारतीय जनता पार्टी के 53 पार्षद थे, वहीं कांग्रेस के पास महज से ही पार्षद थे. इसके अलावा छह निर्दलीय पार्षद भी जीत के निगम में पहुंचे थे. कुल 65 का बोर्ड था, लेकिन इस बार सरकार ने कोटा में दो नगर निगम बना दिए. इसमें कोटा उत्तर में तो जहां पर 70 वार्ड हैं. वहीं कोटा दक्षिण में 80 वार्ड हैं. ऐसे में इस बार 150 पार्षद जीतकर दोनों नगर निगम में पहुंचेंग.

भाजपा ने 41 पूर्व पार्षदों की काटे टिकट

बीजेपी ने बड़ी संख्या में अपने पूर्व पार्षदों के टिकट काटे हैं. करीब 41 पार्षदों को इस बार मौका नहीं मिला है. हालांकि अधिकांश ने टिकट भी नहीं मांगा था. जबकि टिकट मांगने वालों में राकेश पुटरा, रमेश आहूजा, प्रकाश सैनी, विकास तंवर, महेश गौतम सोनू और महेश गौतम लल्ली के नाम शामिल हैं.

कोटा. नगर निगम चुनाव में नामांकन प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई है. नामांकन प्रक्रिया के पहले ही बीजेपी ने अपने सभी नामों की घोषणा कर दी थी. जबकि कांग्रेस ने सीधे सिंबल रिटर्निंग ऑफिसर को पहुंचा दिए हैं. इसके बाद 3:00 बजे उन्होंने अपनी सूची जारी कर दी. जिसमें कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम थे, ताकि कोई भी व्यक्ति विरोध स्वरूप निर्दलीय नामांकन नहीं भरे.

बीजेपी ने 9 और कांग्रेस में 3 को मैदान में उतारा

हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस प्रत्याशियों की विरोध हो रहा है. वहीं बीजेपी में भी अंदर खाने में कुछ टिकटों पर नाराजगी सामने है. लेकिन बात की जाए पिछले बोर्ड में पार्षद रहे बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की तो उनमें से महज 12 पूर्व पार्षदों को ही इस बार दोबारा मौका मिला है. जिनमें से कांग्रेस के महज 3 पूर्व पार्षद शामिल हैं. वहीं बीजेपी के 9 पूर्व पार्षदों को पार्टी ने मैदान में उतारा है.

कांग्रेस से 2 पार्षदों ने नहीं मांगा दोबारा टिकट

पिछली बार जहां पर कांग्रेस के 6 पार्षद थे. जिनमें नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका राखी गौतम, दिलीप पाठक, शमा मिर्जा, मोनू कुमारी और मोहम्मद हुसैन मोमदा भाई शामिल हैं. इनमें से राखी गौतम और मोहम्मद हुसैन मोमदा भाई ने टिकट नहीं मांगा था. जबकि अन्य चारों पूर्व पार्षदों ने टिकट मांगा था. जिनमें से मोनू कुमारी का टिकट कट गया. बाकी तीनों पार्षदों को टिकट मिल गया है.

बीजेपी ने 12 पूर्व पार्षद या उनके परिजनों को दिया मौका

भारतीय जनता पार्टी ने जहां पर पार्षदों को मौका दिया है. उनमें चौथी बाहर गोपालराम मंडा और राम मोहन मित्रा बाबला लगातार चौथी बार बीजेपी से मैदान में है. इसके अलावा विवेक राजवंशी, विनोद नायक, गिर्राज महावर, सुनीता व्यास, धापू मेहरा, चिमन बैरवा और नरेंद्र सिंह हाड़ा दोबारा मैदान में आए हैं. साथ ही 2 पूर्व पार्षद युसूफ कड़क की पत्नी और देवेंद्र चौधरी मामा की पत्नी पुष्पा चौधरी को भी टिकट बीजेपी ने दे दिया है. इसी तरह से पूर्व पार्षद मीना प्रजापति के पति भूपेंद्र प्रजापति को बीजेपी ने टिकट दिया है.

पढ़ेंः नगर निगम चुनाव 2020: कोटा में मतदान दलों को प्रशिक्षण देने के लिए लगाया गया पांच दिवसीय शिविर

ये था पिछली बार का गणित

पिछले बोर्ड में जहां पर भारतीय जनता पार्टी के 53 पार्षद थे, वहीं कांग्रेस के पास महज से ही पार्षद थे. इसके अलावा छह निर्दलीय पार्षद भी जीत के निगम में पहुंचे थे. कुल 65 का बोर्ड था, लेकिन इस बार सरकार ने कोटा में दो नगर निगम बना दिए. इसमें कोटा उत्तर में तो जहां पर 70 वार्ड हैं. वहीं कोटा दक्षिण में 80 वार्ड हैं. ऐसे में इस बार 150 पार्षद जीतकर दोनों नगर निगम में पहुंचेंग.

भाजपा ने 41 पूर्व पार्षदों की काटे टिकट

बीजेपी ने बड़ी संख्या में अपने पूर्व पार्षदों के टिकट काटे हैं. करीब 41 पार्षदों को इस बार मौका नहीं मिला है. हालांकि अधिकांश ने टिकट भी नहीं मांगा था. जबकि टिकट मांगने वालों में राकेश पुटरा, रमेश आहूजा, प्रकाश सैनी, विकास तंवर, महेश गौतम सोनू और महेश गौतम लल्ली के नाम शामिल हैं.

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