कोटा. पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने टिकट वितरण को लेकर अपनी ही पार्टी को कोसा है. उनका कहना है कि एक व्यक्ति के कहने पर टिकट नहीं बांटे जाएं. नगर निगम चुनाव में चापलूसी करने वाले लोगों को टिकट (Election tickets given to those who do flattery) बांट दिए गए. इसी कारण से पार्टी की हार (Why BJP lost in Nagar Nigam elections) हुई.
दरअसल, कोटा और बारां जिले में पंचायत चुनाव को देखते हुए आज भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन की तरफ से घोषित किए गए प्रभारियों की मीटिंग (BJP leaders meeting in Baran for upcoming panchayat elections) बारां रोड स्थित एक निजी होटल में हुई. इस बैठक की अध्यक्षता पूर्व मंत्री और प्रभारी प्रभुलाल सैनी ने की. सैनी ने टिकट वितरण से लेकर चुनाव लड़ाने तक की रणनीति के बारे में प्रभारियों को जानकारी दी. इस दौरान राजावत तल्ख अंदाज में नजर आए. उन्होंने कहा कि कोटा पहले जनसंघ का गढ़ था और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ है, लेकिन बीते नगर निगम चुनाव में प्रभारी राजेंद्र राठौड़ से संतुलन बनाने और पारदर्शिता रखने का आग्रह किया था. साथ ही कहा था कि एक व्यक्ति के कहने पर टिकट वितरण नहीं करें. उन्होंने एक व्यक्ति के कहने पर टिकट दिए. चापलूसी करने वालों को ही टिकट बांट दिए गए. इसके चलते दोनों नगर निगम चुनाव में भाजपा फिर मजबूत गढ़ में हारी.
बिना पक्षपात होगा प्रत्याशियों का चयन-सैनी
इस पर सैनी ने कहा कि सभी पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता से टिकट वितरण किया जाएगा. संगठन में ऐसी रूपरेखा बनाई है कि प्रभारी और स्थानीय कार्यकर्ताओं को साथ लेकर बिना पक्षपात किए प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा. ऐसे लोगों को चयन किया जाएगा जो पार्टी के प्रति समर्पित हैं और उनकी छवि अच्छी है. प्रभारियों को भी ऐसी ही जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि पार्टी मजबूत बने और विवाद नहीं हो. इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक मदन दिलावर, विधायक संदीप शर्मा, कल्पना देवी, संगठन प्रभारी जितेंद्र गोठवाल, राजावत, हीरालाल नागर, विद्याशंकर नंदवाना व जिला अध्यक्ष देहात मुकुट नागर मंचासीन रहे.
प्रभारी जमानत देने के बाद ही चयन करें प्रत्याशी
सैनी ने कहा कि ऐसे प्रत्याशियों का चयन किया जाए जो पार्टी के प्रति चुनाव के बाद भी समर्पित रहें. नहीं तो कई बार ऐसा होता है कि चुनाव के दिन शाम को 5:00 बजे जब बाड़ेबंदी के लिए प्रत्याशी को बुलाया जाता है, तो वह नहीं आते हैं. ऐसे में स्थानीय नेताओं की जमानत के बाद ही प्रत्याशी का चयन किया जाए. ताकि वह उसके लिए जिम्मेदार भी हों. सैनी ने कहा कि हमसब लोग अभी एक-दूसरे को ही संतुष्ट कर रहे हैं. मतदाताओं को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं. मतदाताओं तक केंद्र सरकार की सफलता और प्रदेश सरकार की विफलता पहुंचाई जाए. सभी प्रभारियों को अर्जुन की आंख की तरह काम करना होगा, तभी जाकर सफलता मिलेगी और ऐसे ही प्रत्याशियों का चयन करना होगा, जो जिताऊ और टिकाऊ हो. टिकट वितरण में संगठन की तरफ से तय प्रक्रिया को ही अपनाया जाए, जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगे.